MP: बुंदेलखंड में भी मिनी ‘धुआंधार', 60 फीट ऊपर से गिरता है ‘कनकद्दर' जलप्रपात
सागर,
18
अगस्त।
मप्र
के
सागर
में
पहाड़ी
इलाकों
में
भव्य
वाटरफाॅल
अपने
शबाब
पर
हैं।
सागर
में
मालथौन
इलाके
में
नेशनल
हाईवे-44
से
करीब
8
किलोमीटर
अंदर
जाकर
बहुत
बड़ा
और
मनमोहक
जलप्रपात
है।
इसे
बुंदेलखंड
और
सागर
का
धुआंधार
जलप्रपात
कहा
जाता
है।
इस
इलाके
में
राहतगढ़
वाटरफाॅल
के
बाद
यह
सबसे
ऊंचा
जलप्रपात
है।
फोटो/वीडियो
साभारः
ऋषभ
दुबे
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बुंदेलखंड के सागर-ललितपुर के बीच डोंगराखुर्द के पास स्थित है ‘कनकद्दर' जलप्रपात'
बुंदेलखंड
के
सागर-ललितपुर
के
बीच
डोंगराखुर्द
के
पास
स्थित
है
‘कनकद्दर'
जलप्रपात'
‘कनकद्दर'
जलप्रपात
बुंदेलखंड
के
सागर
और
ललितपुर
के
बीच
मालथौन
के
पास
नेशनल
हाईवे-44
से
करीब
7
किलोमीटर
अंदर
डोंगराखुर्द
गांव
के
पास
स्थित
है।
यह
विंध्याचल
की
पर्वत
श्रंखलाओं
के
बीच
स्थित
है।
सागर
की
तरफ
से
जाने
वाले
लोग
मालथौन
से
होते
हुए
अमारी
गांव
के
पास
से
यहा
पहुंच
सकते
हैं।
हालांकि
यहां
का
पहुंच
मार्ग
आज
भी
कठिन
है।
60 फीट की ऊंचाई व 200 फीट चौड़ाई से नीचे गिरता है
सागर मुख्यालय से करीब 87 किलोमीटर दूर यह ‘कनकद्दर' जलप्रपात करीब 60 फीट की ऊंचाई से नीचे गिरता है। जलप्रपात दो पहाड़ी श्रृंखलाओं के बीच करीब 200 फीट चौड़ाई से नीचे गिरता हैं। मानसून और झमाझम बारिश के दौरान यह पूरे वेग से पूरी चैड़ाई में नीचे गिरता है। वहीं बारिश थमने के बाद इसका वेग कुछ कम होता है। बीते एक महीने से लोग यहां जलप्रपात का आनंद उठाने पहुंच रहे हैं।
हजारों लोग पिकनिक मनाने पहुंच रहे हैं
‘कनकद्दर' जलप्रपात के प्राकृतिक और मनोहारी नजारे का दीदार करने के लिए रोजाना यहां हजारों लोग पहुंच रहे हैं। कोई खास सुविधा न होने और ऊबड़-,खाबड़, चट्टानी दुर्गम रास्ता होने के बावजूद लोग यहां पहुंच रहे हैं। कई लोग यहां परिवार सहित पहुंचते हैं।
मानसून सीजन में तीन महीने पर्यटकों से गुलजार रहता है
‘कनकद्दर' वाटरफाॅल इलाके में पिकनिक स्पाॅट के रुप में काफी पसंदीदा जगह है। मप्र और यूपी के सीमा से सटे इलाकों में लोग यहां बड़ी संख्या में आते हैं। मानसून सीजन जुलाई, अगस्त और सितंबर तक जलप्रपात से पानी गिरता रहता है। इस दौरान यह इलाका सैलानियों से गुलजार रहता है। लोग कार, दुपहिया वाहन, तिपहिया वाहनों से पहुंचते हैं। हालांकि लोगों को यहां तक पहुंचने के लिए पैदल मशक्कत भी करना होती है।
वन विभाग के अधीन है, कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है
‘कनकद्दर' जलप्रपात व आसपास का विंध्यपहाड़ी क्षेत्र पूर्ण रुप से वन विभाग के अधीन हैं। वन इलाका और वन्य प्राणियों का प्राकृतिक आवास होने के कारण इस जलप्रपात के आसपास कोई खास सुविधा विकसित नहीं की जा सकी है। प्रशासन ने भी इस इलाके को पर्यटन स्थल के रुप में विकसित करने कभी रुचि नहीं दिखाई। जिस कारण यहां रुकने, ठहरने, खाने-पीने के सामान की कोई व्यवस्था नहीं है। कुछ ग्रामीण अपने स्तर पर छोटा-मोटा सामान उपलब्ध करा देते हैं, लेकिन जलप्रपात स्थल आज भी सुविधा विहीन ही है। यहां सुरक्षा को लेकर भी कोई व्यवस्था नहीं की गई है।