3 बहनों के इकलौते भाई की मौत के बाद बेटी ने संभाला परिवार, खुद से पहले की छोटी बहन की शादी
Raisen News, रायसेन। यह स्टोरी है एक ऐसी बेटी की, जिसने अपने इकलौते भाई की मौत के बाद परिवार को कई मुसीबतों का सामना करते हुए न केवल संभाला बल्कि बेटे की तरह जिम्मेदारियां भी निभा रही है। मध्यप्रदेश के रायसेन जिले के गैरतगंंज नगर निवासी टीकाराम गौर के एक बेटा एवं तीन बेटियां हैं। बड़ी बेटी की वर्ष 2013 में शादी हो गई। इकलौते बेटे रामकुमार की नर्मदा नदी में डूबने से मौत हो गई।
नहीं होने दी बेटे की कमी महसूस
बेटे की मौत की घटना से टूट चुके इस परिवार की मंझली बेटी रानी गौर (Rani Gaur Raisen) ने जो कदम उठाया उससे इस परिवार में बेटे की जगह तो नहीं भरी, मगर उसकी कमी महसूस नहीं हुई। रानी ने प्रतिकूल हालात में बारहवीं और बीएएसी प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण की। रानी के कड़े परिश्रम एवं निर्धनता के बीच पढ़ाई को देखते हुए शासकीय महाविद्यालय गैरतगंज प्रबंधन ने उसे आदर्श छात्रा के पुरस्कार से भी सम्मानित किया तो रानी का हौसला बढ़ा।
पढ़ाई के साथ-साथ नौकरी भी
कॉलेज की पढ़ाई के साथ-साथ रानी ने अतिरिक्त समय में प्राइवेट स्कूल में नौकरी शुरू की ताकि परिवार की आर्थिक मदद भी कर सके। वर्तमान में रानी गढ़ी के कैरियर कान्वेंट स्कूल में शिक्षिका है। पिता की चाय की दुकान चलाते हैं। परिवार और छोटी बहन सुषमा की पढाई का खर्च भी रानी ही उठा रही है। समय बीतता गया और जब माता-पिता को रानी की शादी की चिंता सताने लगी और परिजन उसके लिए लड़का देखना शुरू करने लगे तो रानी ने इतनी जल्द परिजनों का साथ नहीं छोड़ने का निर्णय लिया।
हर कोई कर रहा इस बेटी की सराहना
परिवार में माँ-बाप के लिए बेटी की ज़िम्मेदारी का एहसास रानी को था। तभी उसने बीच का रास्ता निकालने का निर्णय लिया। रानी ने खुद से छोटी अपनी बहन सुषमा के विवाह का निर्णय लेकर परिवार से बात की। दिन रात मेहनत कर जुटाई कमाई एवं अन्य व्यवस्था कर खुशी-खुशी रानी ने अपनी बहन का धूमधाम से विवाह किया और उसमें सभी जिम्मेदारियां बेटे की तरह निभाई। यह सब देख न केवल टीकाराम बल्कि अन्य रिश्तेदारों की आंखें भी नम हो गई और हर कोई इस बेटी सराहना करता दिखा।