Diwali 2020 : महालक्ष्मी का अनोखा मंदिर, यहां भक्तों को प्रसाद में मिलते हैं आभूषण, हीरे-जवाहरात व रुपए
रतलाम। इस वक्त पूरा देश दीपोत्सव के जश्न में डूबा हुआ है। 13 नवंबर को धनतेरस व छोटी दिवाली मनाई गई है। 14 नवंबर 2020 को हर मुंडेर रोशन होगी। घर-घर में धन की देवी महालक्ष्मी की विशेष पूजा अर्चना की जाएगी। दीपावली के मौके पर वन इंडिया हिंदी टीम आपको दर्शन करवा रही है एक ऐसे अनोखे महालक्ष्मी मंदिर के, जहां श्रद्धालुओं को प्रसाद में सोने-चांदी के आभूषण, बेशकीमती हीरे-जवाहरात और नगद रुपए दिए जाते हैं।
दिवाली पर रतलाम के महालक्ष्मी मंदिर में खासी रौनक
हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के रतलाम के माणक चौक स्थित महालक्ष्मी मंदिर के बारे में। यूं तो रतलाम का महालक्ष्मी मंदिर पूरे साल हर मंदिर जैसा ही दिखाई देता है, लेकिन दिवाली से पहले यह महालक्ष्मी मंदिर पूरे देश में चर्चा में आ जाता है।
रुपयों की लड़ी से सजता है महालक्ष्मी मंदिर
दरअसल, रतलाम का महालक्ष्मी मंदिर को दीपावली के पांच दिन पहले से रुपयों की लड़ों से सजाने का कार्य प्रारम्भ हो जाता है। मंदिर परिसर में आप जितने भी रुपए, सोने-चांदी के आभूषण देख रहे हैं यह मंदिर की सम्पति ना होकर श्रद्धालुओं का है।
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रतलाम के महालक्ष्मी मंदिर की मान्यता
श्रद्धालु दीपावली के पांच दिन पहले नगद रुपए, सोने-चाँदी के आभूषण महालक्ष्मी के करोड़ों के शृंगार करने के लिए छोड़ कर जाते हैं। श्रद्धालुओं में ऐसी आस्था है कि महालक्ष्मी मंदिर रतलाम मध्य प्रदेश में दिवाली के मौके पर छोड़े गए रुपए व जेवरात से उनके सुख समृद्धि आती है।
भाई-दूज के बाद प्रसाद में मिलते हैं रुपए, जेवर
दिवाली पर भाई-दूज के बाद श्रद्धालु बारी-बारी से फिर महालक्ष्मी मंदिर रतलाम पहुंच कर प्रसाद प्राप्त करते हैं। खास बात है कि श्रद्धालुओं को इन के रूप में अपने द्वारा मंदिर में जमा करवाया गया धन दिया जाता है, जिसे वे अपने घर ले जाकर तिजोरी में रख देते हैं। मालवा के महालक्ष्मी मंदिर से जुड़ी वर्षों पुरानी मान्यता है कि दीपावली के पांच दिन पहले जो रुपए, जेवरात मंदिर में रखे जाते हैं, उनको घर की तिजोरी में रखने से घर में पूरे वर्ष बरकत बनी रहती है।
महालक्ष्मी मंदिर में धन छोड़कर जाने वालों का रखते हैं पूरा रिकॉर्ड
मंदिर प्रंबधन से जुड़े लोग बताते हैं कि महालक्ष्मी के शृंगार के लिए श्रद्धालु जो रुपए, आभूषण व जेवरात देकर जाते हैं उसकी बकायदा एक रजिस्टर में इंट्री होती है। श्रद्धालु के नाम, पता व फोटो लेने के बाद ही धन यहां रखवाया जाता है। भाई दूज के अगले दिन से श्रद्धालुओं को उनका धन लौटने का काम चालू हो जाता है। प्रत्येक श्रद्धालु को कुबेर की पोटली का वितरण भी किया जाता है।
दिवाली पर महालक्ष्मी मंदिर में हथियारबंद सुरक्षाकर्मी
उल्लेखनीय है कि महालक्ष्मी का यह मंदिर रतलाम शहर के बीचों-बीच स्थित होने के साथ सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने पड़ते हैं। दिवाली 2020 के मौके पर रतलाम पुलिस प्रशासन द्वारा 35 हथियारबंद जवानों को मंदिर की सुरक्षा में तैनात किया गया है। पूरा मंदिर परिसर 24 घंटे सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में है। सीसीटीवी कैमरे सीधे पुलिस थानाधिकारी कक्ष से भी जुड़े हुए हैं।
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