Mp news: 10 साल के मासूम की पार्षद से गुहार, "मम्मी सुबह से शराब पीती है, उन्हें बचा लो"

शराब द्वारा जिंदगी क्या, एक इंसान का पूरा का पूरा घर परिवार बर्बाद हो जाता है। शराब ऐसी चीज है जो बेचता है उसे तो आबाद कर देती है, पर पीने वाले को बर्बाद कर देती है। हाल ही में मध्यप्रदेश से एक अंतरात्मा को झकझोर कर रख देने वाला मामला सामने आया है। जिसमे एक 10 वर्षीय बच्चा लोगों से मदद की गुहार लगाते हुए कह रहा है कि "पापा तो शराब पीते ही थे, अब मम्मी भी सुबह से शराब पीने लगी है। उन्हें बचा लो।" बच्चे की इस बेबसी को देखकर सोशल मीडिया पर कुछ लोग दुखी तो कुछ गुस्से में इस वीडियो को शेयर करते नजर आ रहे हैं।

10 साल के मासूम की गुहार, "मम्मी की शराब छुड़वा दो"
दरअसल, शिवपुरी जिले के ग्रामीण अंचल में कच्ची शराब पीने का चलन है परन्तु अब शहरी क्षेत्र में भी कच्ची शराब का चलन चल पड़ा है। कच्ची शराब सस्ती होने के कारण मजदूर तबके के लोग खूब पसंद भी करते हैं और सुबह से लेकर शाम तक नशे में धुत्त डोलते रहते हैं। लेकिन अब कच्ची शराब की लत महिलाओं को भी जकड चुकी है जिसके चलते कई घर बर्बाद होने की कगार पर आ गए हैं।
"मामा, मम्मी को बचा लो, मम्मी शराब पीने लगी हैं, पिता पहले से शराब पीते है अब मां सुबह से ही शराब पीने लगी है।" ये कहना था दस साल के एक मासूम का। जाकारी अनुसार शिवपुरी शहर के फिजिकल थाना अंतर्गत करौंदी क्षेत्र में बीती रात एक दस साल का मासूम भागते हुए वार्ड क्रमांक 36 के पार्षद एमडी गुर्जर के घर पहुँचा। जहां उसने बताया कि उसकी मां शराब की आदि हो चुकी वह सुबह से ही शराब पीने लगी है। उसका पिता पहले से ही शराब पीता है।

माँ, बाप और दादी, सब के सब शराबी
बच्चे की बात पर जब पार्षद ने पूरा मामला समझने के लिए उसके घर जाकर देखा तो मासूम बालक की मां शराब पी रही थी। यही नहीं बालक उसकी सास भी बहू का साथ दे रही थी। पार्षद ने पिता को तलाशा तो वह भी अपने साथियों के साथ जाम छलका रहा था। पिता ने बताया कि वह मेहनत मजदूरी करने के बाद शराब पीता है। उसकी पत्नी सुबह से ही शराब पीने लगी है। मासूम की मां का कहना था कि उसे शराब पीना अच्छा लगता है शराब पीने से वह विमार नहीं होती।

गली गली में बेची जा रही है कच्ची शराब
माता-पिता की शराब पीने की लत से परेशान हुए बालक ने बताया कि उसके पडोस में राज कुमार आदिवासी कच्ची शराब बेचता है। उसके माता-पिता उसी के यहां से शराब खरीदकर पीते है। जब पार्षद एमडी गुर्जर ने हकीकत को जानना चाहा, तो पार्षद ने अपने दो सहयोगियों को शराबी बनाकर शराब खरीदने भेजा। राजकुमार आदिवासी के घर से ही शराब बेच रहा था क्योंकि कुछ ही देर में दोनों लोग कच्ची शराब के चार पाऊच खरीद लाए। बच्चे के बताए हुए ठिकाने से खरीदी गई शराब ने साबित कर दिया कि उक्त स्थान से कच्ची शराब बेची जा रही थी।
जानकारी के अनुसार शहर के जिन वार्डों में मजदूर तबके के लोग रहते है, वहां बड़े पैमाने पर कच्ची शराब बेख़ौफ़ तरीके से बेची जा रही है। छोटे मुनाफे के चलते यह लोग कच्ची शराब को केन में भरकर ले आते हैं और फिर शहर में बेचते हैं। वार्ड क्रमांक 36 के पार्षद का कहना है मात्र करौंदी क्षेत्र में चार से पांच जगह कच्ची शराब बेची जा रही है। जिससे कई घर बर्बाद हो चुके है। इसकी शिकायत उनके द्वारा पुलिस अधीक्षक को भी दर्ज करा दी गई है। परन्तु कोई कार्यवाही नहीं हुई।
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