छतरपुर बक्सवाहा जंगल में अब हीरा नहीं निकाल सकेंगे लोग, जानें क्यों?
छतरपुर, 26 अक्टूबर: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने बक्सवाहा जंगल में हीरा खनन पर स्टे लगा दिया है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस आरवी मलिमथ और जस्टिस विजय शुक्ला की डबल बेंच ने कहा कि खनन से बक्सवाहा जंगल में पाई गई रॉक पेंटिंग, मूर्तियां, स्तंभ को नुकसान पहुंचेगा। चंदेल, कल्चुरी और पाषण काल की संपदा नष्ट हो जाएगी। खनन का कोई भी कार्य हाईकोर्ट के निर्देश के बाद ही होगा।
डायमंड माईनिंग के खनन पर रोक के लिए दायर की गई थी जनहित याचिका
बता दें, बक्सवाहा जंगल में हीरा खनन के लिए सरकार ने कंपनी को लीज पर दिया है। इसके लिए पेड़ों की कटाई होनी थी, इसको लेकर काफी विरोध प्रदर्शन भी हो रहा था। नागरिक उपभोक्ता मंच की ओर से डॉ. पीजी नाजपांडे ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। याचिका में आर्कियोलॉजिकल सर्वे की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बक्सवाहा जंगल में डायमंड माईनिंग के खनन पर रोक लगाने की मांग की गई थी।
हाईकोर्ट ने खनन पर लगाया स्टे
याचिकाकर्ता की ओर से केस की पैरवी कर रहे वकील सुरेंद्र वर्मा के मुताबिक, पुरातत्व विभाग द्वारा 10 से 12 जुलाई के बीच सर्वे किया गया था। सर्वे में इस बात की पुष्टि हुई है कि रॉक पेंटिंग 25 हजार साल पुरानी है। वहीं इस इलाके में कल्चुरी व चंदेल काल की मूर्तियां, स्तंभ आदि संपदा भी मिली है, जो माइनिंग के कारण नष्ट हो सकती हैं। अब हाईकोर्ट ने बक्सवाहा जंगल में हीरा खनन पर स्टे लगा दिया है।
हाईकोर्ट के निर्देश के बाद ही होगा अब खनन का कोई भी काम
हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस आरवी मलिमथ और जस्टिस विजय शुक्ला की डबल बेंच ने कहा कि खनन का कोई भी कार्य हाईकोर्ट के निर्देश के बाद ही होगा। हाईकोर्ट की डबल बेंच ने मंगलवार को आर्कियोलॉजिकल विभाग, केंद्र व राज्य सरकार को जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए हैं।
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