लोटे पर लुट गई नौकरी, पत्नी ने किया जुर्म सजा मिली पति को
भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान के तहत प्रदेश सरकारें खुले में शौच मुक्त कराने का अभियान चला रही हैं। लेकिन लोग सरकार के अभियान की अनदेखी कर रहे है। यही अनदेखी भोपाल के एक सहायक अध्यापक को भारी पड़ी। घर में शौचालय बने होने के बावजूद खुले शौच करने जा रहे अध्यापक की शिकायत अधिकारियों से कर दी जिसका खामियाजा उन्हें निलंबित होकर भुगतना पड़ा। वहीं एक अन्य मामला इससे भी अनोखा देखने को मिला जब अध्यापक की पत्नी की गलती का खामियाजा शिक्षक को निलंबित होकर चुकाना पड़ा।
दिनांक 11 सितम्बर को जिला शिक्षा अधिकारी के हस्ताक्षर से जारी निलंबन आदेश में लिखा गया है कि महेन्द्र सिंह यादव सहायक अध्यापक शाप्रावि बुढ़ेरा जो ग्राम सिलपटी के रहने वाले हैं ने स्वच्छ भारत मिशन का उल्लंघन किया है। उनके घर में शौचालय होने के बावजूद वो खुले में शौच के लिए गए। यह कृत्यु कदाचरण की श्रेणी में आता है। बताया जा रहा है कि जब यह सहायक अध्यापक खुले में शौच के लिए जा रहे थे तो किसी ने फोटो खींचकर अधिकारियों को भेज दिया था। इसी आधार पर उनके निलंबन के आदेश जारी किए गए हैं। हालांकि इस निलंबन के दौरान उन्हें भत्ते मिलते रहेंगे।
दूसरे मामा रावसर गांव के शिक्षक प्रकाश प्रजापति का है। उनको इस वजह से निलंबित किया गया है क्योंकि उनकी पत्नी खुले में शौच जाती है। जबकि उनके घर में भी शौचालय बना हुई है। हालांकि महेंद्र यादव के निलंबन का कर्मचारी संघ ने विरोध किया है। संघ का कहना है कि खुले में शौंच करने वालों पर जुर्माना लगाया जाता है। उन पर भी जुर्माना लगाया जाना चाहिए था।