Cantonment Board: बाप-दादा से मिली जमीन, अब लीज कैंसिल, बेदखली की तैयारी
MP के सागर में छावनी परिषद के क्षेत्र में कई पीढ़ियों से रहने वाले परिवारों पर अब घर,द्वार छिनने का संकट गहरा गया है। मामला संसद, राष्ट्रपति भवन और रक्षामंत्रालय तक पहुंचने के बाद भी इसमें कोई हल नहीं निकल पाया है। करीब 92 परिवार यहां पुश्तेनी रुप से लीज की जमीन पर काबिज थे। कुछ साल पहले उनकी लीज समाप्त कर दी गई थी। बीते साल अचानक उनके नाम रातो-रात वोटर लिस्ट से गायब हो गए। हो-हल्ला मचा तो पता चला कि इनकी बगैर सहमति के इनके नाम पड़ोस की मकरोनिया नगर पालिका में जोड़ दिए गए हैं। जबकि इनका वहां से कोई लेना-देना ही नहीं है। अब इन सभी परिवारों को छावनी परिषद ने बेदखली के नोटिस थमा दिए हैं।
जानकारी अनुसासर कैंट के किसानों की लीज समाप्त होने के बाद उन्हे अब अतिक्रमणकारी बताया जा रहा है। उन्हें जमीन को खाली करने बेदखली के नोटिस जारी किए गए हैं। नोटिस मिलने के बाद इलाके में हड़कंप मचा है। कारण कुछ व्यक्तियों ही नहीं बल्कि ऐसे 92 परिवारों के मुखिया के नाम से नोटिस थमाए गए हैं। यह सभी वार्ड नंबर 7 में रहते हैं। पूर्व में इनके फोर्सफुली यहां की वोटर लिस्ट से नाम भी कटवा दिए गए थे। अब नोटिस के बाद ये सभी लोग हैरान-परेशान बने हुए हैं। इनका आरोप है कि कैंट प्रशासन एकतरफा कार्रवाई कर रहा है। लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी की बात जो सामने आई हैं, उसमें कैंट सीईओ श्रेया जैन स्वयं इस मामले में किसी से भी बात न करते हुए अधीक्षक को नियुक्त कर दिया है। जिसको जो भी शिकायत, परेशानी या पूछताछ करना है, वे केवल अधीक्षक से ही बात कर पा रहे हैं। इधर अधीक्षक संदीप छावड़ा सीधे तौर पर इस बेदखली की कारईवाई को भोपाल से संचालित होने की बात कहकर कन्नी काटते नजर आ रहे हैं।
बेदखली
हुई
तो
हजारों
लोग
दायरे
में
आएंगे
बेदखली
के
नोटिस
जारी
होने
के
बाद
इस
मामले
में
ऑल
इंडिया
कैंट
र्बोउ
उपाध्यक्ष
संघ
के
राष्ट्रीय
उपाध्यक्ष
वीरेंद्र
पटेल
का
कहना
है
कि
लीज
समाप्ति
के
बाद
आवास
से
संबंधित
आवेदन
2018
में
जमा
कराए
थे।
इस
मामले
में
तत्कालीन
सांसद
ने
मामला
लोकसभा
में
भी
उठाया
था।
हाल
ही
में
हमने
वर्तमान
सांसद
और
नरयावली
विधायक
से
बात
की
है।
सरकार
सबको
आवास
दिला
रही
है
और
प्रशासन
किसानों
को
उनकी
लीज
वाली
जमीन
और
मकान
से
बेदखल
करना
चाहता
है।