MP पुलिस में एक और 'राकेश राणा', कांस्टेबल श्रीराम दुबे बोले-'हमारी मूंछों को रहने दो सलामत' देखें VIDEO
अशोकनगर, 14 जनवरी। मध्य प्रदेश में आरक्षक राकेश राणा की मूंछों पर मचे बवाल के बीच एक और पुलिस कांस्टेबल का वीडियो वायरल हुआ है। अब अशोकनगर पुलिस में भी मूंछों के दीवाने पुलिस आरक्षक ने अपने विभाग से मूंछों की सलामती का निवेदन किया है।
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मूंछें आई हैं तब से उन्होंने कटवाई नहीं
अशोकनगर जिले की पुलिस लाइन में 26 बटालियन के आरक्षक श्रीराम दुबे भी अपनी मूंछों को लेकर अक्सर चर्चा में बने रहते है। श्रीराम दुबे भिंड जिले के लहार तहसील के रहने वाले हैं। आरक्षक श्रीराम दुबे बताते हैं कि उन्हें पुलिस की नौकरी में 27 साल हो गए हैं और जब से उनकी मूंछें आई हैं तब से उन्होंने कटवाई नहीं हैं।
श्रीराम दुबे ने अभिनंदन की तरह की मूछें रखी
मूछों की वजह से उनके परिवार के एवं उनके मिलने वाले कभी उन्हें भगत सिंह तो कहीं अभिनंदन कहकर पुकारते हैं। जब अभिनंदन पाकिस्तान से लौटकर आए तो देशभर में उनकी मूंछों की स्टाइल वायरल हुई। श्रीराम दुबे ने अभिनंदन की तरह की मूछें रखी।
पुलिस विभाग में मूंछों का अपना एक सम्मान
कांस्टेबल श्रीराम दुबे का मानना है कि पुलिस विभाग में मूंछों का अपना एक सम्मान है। वे मध्य प्रदेश के गृहमंत्री से भी निवेदन करते हैं कि इस तरह की कोई भी कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। मूछ तो व्यक्ति की शान होती है।
राकेश राणा की मूंछों का समर्थन
आरक्षक राकेश राणा की मूंछों का समर्थन करने वाले श्रीराम की मूछों का भी अपना एक क्रेज है। 17 साल की पुलिस विभाग की नौकरी में कई ऑफिसर एवं कई अधिकारी उनकी मूंछों की तारीफ कर चुके हैं। इनका कहना है कि देश में सेना में एवं पुलिस विभाग में मूछ को अच्छा माना जाता है। राकेश राणा को मूछों की वजह से निलंबन किया गया। निलंबन की कार्रवाई वापस ली जानी चाहिए। इसके लिए वे सरकार एवं विभाग के आभारी रहेंगे।
क्या है राकेश राणा की मूंछों का मामला?
साल 2007 में मध्य प्रदेश पुलिस में कांस्टेबल बने राकेश राणा वर्तमान में भोपाल में पुलिस के मोटर ट्रांसपोर्ट पूल (एमटी पूल) में पदस्थ हैं। सहकारी धोखाधड़ी एवं लोक सेवा गारंटी के विशेष पुलिस महानिदेशक राजेंद्र मिश्रा के ड्राइवर के रूप में कार्यरत थे। राणा को इनकी मूंछों की वजह से मध्य प्रदेश के सहायक पुलिस महानिरीक्षक (एआईजी) प्रशांत शर्मा ने सात जनवरी को सस्पेंड कर दिया था। हालांकि बाद में बहाल भी हो गए।