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MP: एप लोन बने ब्लैकमेलिंग का जरिया, लोन चुकाने के बाद भी फोटो वायरल करने की दी धमकी

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सागर, 26 अगस्त। मोबाइल पर लोन दिलाने वाली कंपनियां लोगों को लोन दिलाने के साथ ही फर्जीवाडे़ तक में फंसा सकती हैं। बीते दिनों ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। मोबाइल पर एप डाउनलोन करते ही फोन का सारा डाटा इनके पास पहुंच जाता हैं। ये फोन कांटेक्ट डिटेल का मिसयूज करते ही हैं वहीं गैलरी में सेव फोटो के माध्यम से ब्लैकमेल भी करते हैं। एप लोन के जाल में फंसे युवाओं ने खुद इस बात की शिकायत करते हुए खुलासा किया है कि किस तरह इनकी ब्लैकमेलिंग चलती है।

लोन एप

मप्र के सागर निवासी एक व्यक्ति ने पत्नी और दो मासूम बच्चों सहित चार दिन पहले इंदौर में आत्महत्या कर ली थी। मामले में परिवार की जिंदगी खत्म करने के पीछे का सबसे बड़ा कारण एप लोन दिलाने वाली कंपनियों की प्रताड़ना और ब्लैकमेलिंग सामने आई हैं। एक इकलौता मामला नहीं है। इन जैसे कई मामले हैं, कुछ पुलिस तक भी पहुंचे हैं। इनमें जो मामला सामने आया है एप लोन से बैंकिंग और वसूली तो ठीक उसके बाद संबंधित व्यक्तियों की फोटो वायरल करने और उस पर आपत्तिजनक मैसेज लिखने तक के मामले सामने आए हैं। ये एप लोन तो देते हैं, लेकिन डाॅन और माॅफिया की तर्ज पर काम कर रहे हैं, मोबाइल का पूरा डाटा चोरी कर लेते हैं, उसका मिस यूज करने की धमकी देते हैं।

लोन एप

कोरोनाकाल में सबसे ज्यादा लोग एप लोन के जाल में फंसे
कोरोनाकाल में लोगों का धंधा बंद होने, नौकरी जाने आया का कोई साधन न होने के कारण सबसे ज्यादा लोग एप लोन के शिकंजे में फंसे थे। आर्थिक तंगी के चलते लोगों ने इनकी सारी शर्तें मान ली और चंद मिनटों में मोटे ब्याज पर लोन मिल गया। कुछ तो जैसे-तैसे इनके चंगुल से आजाद हो गए, वहीं कुछ ऐसे भी हैं जो अब भी इनके जाल में फंसे परेशान हो रहे हैं।

दो केस ऐसे जिनको फोटो एडिट कर वायरल करने के नाम पर धमकाया
मकरोनिया निवासी सुमेर सिंह ने बताया कि कोरोनाकाल में पैसों की जरुरत के चलते उन्होंने आॅनलाइन सर्चिंग कर एक एप की जानकारी मिली। उसे डाउनलोड कर चंद मिनटों में प्रोसेस पूरी कर 5 हजार का लोन मिल गया था। 15 दिन में चुकाने पर 1 हजार रुपए देना थे। लोन नहीं चुका पाने पर एप लोन कंपनी से फोन पर धमकाना शुरु कर दिया गया। फोन का पूरा डाटा, फोनबुक और गैलरी से फोटो तक इन्होंने चुरा लीं। उनके काॅल आते थे तो परिवार की फोटो एडिट कर वायरल करने की धमकी तक देने से नहीं चूके। सुमेर के जैसे ही दमोह निवासी दिनेश सोनी जिनके रिश्तेदार सागर में रहते हैं, उनको भी पैसों की जरुरत पर एप लोन की सलाह दी गई। उन्होंने 15 हजार रुपए का लोन लिया था। लोन जब तक नहीं चुक गया तब-तक कंपनी वालों ने अति से ज्यादा परेशान किया। 20 हजार रुपए भरने के बाद लोन चुकता हो सका। बाद में भी कंपनी से फोन आते रहे और कहते थे आपका अकाउंट क्लोज नहीं हुआ है। यदि पैसे नहीं दिए तो सोशल मीडिया पर तुम्हारी फोटो वायरल कर देंगे, उस पर लिख देंगे कि ये खून करके भागा है। यह व्यक्ति किसी को दिखे तो पुलिस को सूचित करें। इस तरह के मैसेज दिनेश के कई रिश्तेदारों के फोन पर भी भेजे थे। थाने में शिकायत दर्ज कराने के बाद काॅल आना बंद हुए। सागर सहित बुंदेलखंड में इस तरह के ढेरों मामले हैं।

देश के अलग-अलग हिस्सों से संचालित होते हैं एप लोन
देश में एप लोन का सबसे ज्यादा दुरुपयोग लोगों को ब्लैकमेल करने में हो रहा है। आॅनलाइन सर्च करने पर कई लोन एप उपलब्ध नजर आते हैं। सरकार ने कुछ शर्तों के अनुसार कुछ कंपनियों को लोन देने के लिए अधिकृत किया है। जबकि लोन की आड़ में ब्लैकमेलिंग और जालसाजी की जा रही है। इनमें से ज्यादातर एप दिल्ली, मुम्बई, बेंगलुरु, असम से संचालित हो रहे हैं।

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English summary
Companies providing loans on mobile can entrap people in fraud as well as getting loans. Many such cases have come to the fore in the past. As soon as you download the app on the mobile, all the data of the phone reaches them. Not only do these phones misuse the contact details, while they also blackmail through the photos saved in the gallery.
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