सपना आने पर जीभ काट कर देवी को किया अर्पित, 5 घंटे रही बेहोश
रीवा। आस्था और अंधविश्वास धर्म के दो अलग रास्ते हैं। जब कोई आस्था की सीमाएं पार कर जाता है तो प्रायः उसका अगला कदम अंधविश्वास में तब्दील हो जाता है।
मामला मध्यप्रदेश का है जहां कॉलेज में पढ़ने वाली लड़की अंधविश्वास के चलते खुद की जीभ काट कर काली देवी को अर्पित कर दिया। बता दें कि रीवा की आरती दूबे यहां के टीआरएस कॉलेज में पढ़ाई करती हैं।
आया था सपना
आरती ने अपनी जीभ ब्लेड से काटकर देवी को अर्पित किया। बताया जा रहा है कि उसे यह सपना आया था कि यदि वह अपनी जीभ काटकर अर्पित करेगी तो उसके सपने पूरे होंगे। वो अपनी जीभ काटकर रीवा के ही काली मंदिर में अर्पित करती है।
अपनी प्रार्थना के दौरान 19 वर्षीय आरती अपनी प्रार्थना के दौरान जीभ काटकर देवी को अर्पित करती है। यह करने के बाद वो बेहोश होकर गिर पड़ती है।
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आरती द्वारा यह सब करने के दौरान उसके आस पास खड़े लोगों ने उसे रोकने की कोशिश नहीं की। इतना ही नहीं जब वो बेहोश होकर गिर पड़ी तो उसे अस्पताल पहुंचाने की जगह उस के चेहरे पर एक चुनरी डाल दी और आस पास अगरबत्ती लगा कर खड़े हो गए। वे भी वहीं प्रार्थना करने लगे।
पांच घंटे बाद आया होश
पूरे पांच घंटे बाद जब आरती को होश आया तो उसे चमत्कार माना जाने लगा। जब यह खबर फैली तो घटना स्थल पर डॉक्टर पहुंचे और उन्होंने आरती का प्राथमिक उपचार किया।
मेल ऑनलाइन के अनुसार आरती के भाई सचिन ने बताया कि 'आरती ने मुझे सपने के बारे में बताया था और उसने बताया था कि वो अपनी जीभ देवी को अर्पित करने जा रही है। लेकिन यह मुझे कभी नहीं लगा कि वो इसके लिए गंभीर होगी।'
उसने कहा कि 'मैंने सोचा कि वो मजाक कर रही होगी। मैंने अनपढ़ और अंधविश्वासी लोगों द्वारा अपने शरीर के अंग को देवी-देवताओं को अर्पित करते हुए सुना है लेकिन मैंने यह कभी सोचा था कि मेरी कॉलेज जाने वाली बहन इस तरह से अंधविश्वासी होगी।'