पार्टी से निकाले जाने के बाद क्या अखिलेश बने रहेंगे सीएम?
मुलायम ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐलान किया कि रामगोपाल यादव को पार्टी से 6 साल के लिए निकाल दिया गया है। मुलायम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सीएम गुटबाजी कर रहे हैं। रामगोपाल सीएम का भविष्य बर्बाद
लखनऊ। समाजवादी पार्टी मुखिया मुलायम सिंह ने अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव को पार्टी से 6 साल के लिए निकाल दिया है। इससे पहले पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने सीएम अखिलेश यादव को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। यह नोटिस 2017 में होने वाले यूपी चुनाव के लिए अखिलेश द्वारा अलग से जारी की गई उम्मीदवारों की लिस्ट को लेकर दिया गया है। इसके बाद मुलायम ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐलान किया कि रामगोपाल यादव को पार्टी से 6 साल के लिए निकाल दिया गया है। मुलायम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सीएम गुटबाजी कर रहे हैं। रामगोपाल सीएम का भविष्य बर्बाद कर रहे हैं।
मुलायम के इस सख्त रैवेये के बाद अब सवाल उठने लगा है कि अखिलेश गए तो कौन बनेगा सीएम। तो इस संबंध में एबीपी न्यूूज से बता करते हुए संविधान के जानकार सुभाष कश्यप ने बताया कि पार्टी से निकाले जाने के बाद सीएम को सदन में अपने पक्ष में बहुमत साबित करना होगा। राज्यपाल को अगर लगता है कि सदन में मुख्यमंत्री बहुमत साबित नहीं कर पाएंगे तो ऐसे में वो मुख्यमंत्री को अपने पक्ष में बहुमत साबित करने लिए न्यौता दे सकते हैं।
इसके बाद मुख्यमंत्री को सदन में अपने लिए बहुमत साबित करना होगा। मुख्यमंत्री और मंत्री परिषद सदन के लिए उत्तरदायी होता है। अगर वो बहुमत का समर्थन खो देते हैं तो उन्हें पद छोड़ना होगा लेकिन अगर वह बहुमत साबित कर पाते हैं तो वह पद पर बने रहेंगे। आपको बता दें कि सपा के पास 229 विधायक हैं। इनमें से अधिकतर विधायक अखिलेश के समर्थन में हैं और कुछ विधायक शिवपाल यादव के समर्थन में हैं। अखिलेश को पार्टी से निकाले जाने के बाद 175 विधायक समर्थन कर रहे हैं। लेकिन बहुमत साबित करने के लिए उन्हें 202 विधायकों का समर्थन चाहिए हैं ऐसे में अखिलेश के पास 25 विधायक की जरूरत हैं। यूपी में 403 विधानसभा हैं जिसमें 40 विधायक कांग्रेस पार्टी के हैं अगर कांग्रेस पार्टी अखिलेश को समर्थन देती है तो अखिलेश बहुमत जीत पाएंगे और यूपी के सीएम बने रहेंगे।