मेरठ: SP के वायरल वीडियो पर नकवी बोले- जो निर्दोष हैं, वे पीड़ित न हों
लखनऊ। मेरठ एसपी सिटी अखिलेश नारायण सिंह के वायरल वीडियो पर बवाल मचा हुआ है, कई राजनीतिक दलों की ओर से मेरठ एसपी की आलोचना की गई है। वहीं, इस मामले पर अब केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने इसे निंदनीय बताया है। उन्होंने कहा कि अगर यह वीडियो सच है तो यह निंदनीय है और इस पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा, 'पुलिस को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जो निर्दोष हैं, वे पीड़ित न हों।'
तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए: नकवी
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, 'अगर यह सच है कि एसपी ने वीडियो में यह बयान दिया है, तो यह निंदनीय है। उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए।' उन्होंने कहा, 'किसी भी स्तर पर हिंसा, पुलिस द्वारा हो या भीड़ द्वारा, यह अस्वीकार्य है। यह लोकतांत्रिक देश का हिस्सा नहीं हो सकता। पुलिस को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जो निर्दोष हैं, वे पीड़ित न हों।'
क्या है मामला
20 दिसंबर को मेरठ समेत उत्तर प्रदेश के कई जिलों में सीएए को लेकर हिंसक प्रदर्शन हुए थे। जुमे की नमाज के बाद लिसाड़ी गेट पर उपद्रवियों ने पुलिस पर जबरदस्त पत्थरबाजी और फायरिंग भी की थी। इसी जगह मेरठ के एसपी सिटी अखिलेश नारायण और एडीएम कुछ लड़कों का पीछा करते हुए पहुंचे थे। इस दौरान वह नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन कर रहे कुछ लोगों को धमकाते नज़र आए थे।
वीडियो वायरल
उनका एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वो कह रहे थे कि ''जो काली पट्टी और पीली पट्टी बांध रहे हो बता रहा हूं... उनसे कह दो पाकिस्तान चले जाएं, फ़्यूचर काला होने में लगेगा सेकेंड भर, एक सेकेंड में सब काला हो जाएगा, देश में नहीं रहने का मन है, चले जाओ भैया, खाओगे कहीं का और गाओगे कहीं का, आपके फोटो ले लिए गए हैं, लोगों की पहचान हो गई है, गली में कुछ हो गया तो तुम लोग कीमत चुकाओगे।
मेरठ एसपी ने दी थी ये सफाई
वीडियो वायरल होने पर राजनेताओं के निशाने पर आए एसपी सिटी अखिलेश नारायण ने कहा था कि प्रदर्शनकारी पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे। तब उनसे कहा गया था कि 'अगर आप पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाते हैं, भारत से इतनी नफरत करते हैं और पत्थर फेंकते हैं तो पाकिस्तान चले जाते।' फिलहाल ऐसे लोगों को चिन्हित किया जा रहा है, जिसके बाद उनपर कार्रवाई की जाएगी और उन्होंने जामबूझकर किसी व्यक्ति या धर्म विशेष के लिए ऐसा नहीं कहा था।