'पेट्रोल-डीजल व रसोई गैस की बढ़ती कीमतों से आम जनता त्रस्त', मायावती ने कहा- ध्यान दें सरकारें
'पेट्रोल-डीजल व रसोई गैस की बढ़ती कीमतों से आम जनता त्रस्त', मायावती ने कहा- ध्यान दें सरकारें
लखनऊ, 11 जुलाई: बढ़ती महंगाई के मुद्दे पर यूपी की पूर्व सीएम व बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने केंद्र व प्रदेश सरकारों पर सवाल उठाए। मायावती ने कहा बढ़ती महंगाई के मुद्दे पर सरकारों को ध्यान देना चाहिए। आसमान छूती महंगाई से जनता त्रस्त है। दरअसल, पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस व दूध आदि जैसी रोजमर्रा की जरूरी वस्तुओं की कीमतें दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।
रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमतें दिन-प्रतिदिन बढ़ने पर बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने रविवार को ट्वीट करते हुए कहा, 'देश में पेट्रोल, डीज़ल, रसोई गैस व दूध आदि जैसी रोज़मर्रा की ज़रूरी वस्तुओं की क़ीमतें जिस प्रकार से लगातार बढ़ रही हैं उससे महंगाई आसमान छूकर यहां के लोगों का जीवन दुःखी व त्रस्त कर रही है, फिर भी सरकारें इसके प्रति गंभीर व चिन्तित नहीं हैं, क्यों? यह अति-दुःखद।'
मायावती ने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा, 'देश में हर तरफ छाई ग़रीबी, बेरोज़गारी व महंगाई आदि की समस्या से प्रभावी तौर पर निपटने के लिए केन्द्र व राज्य सरकारों को भी अपनी पूरी शक्ति व संसाधन इसके निदान में लगा देना ज़रूरी, ताकि देश को निराशा के माहौल से निकाल कर 'विकास' को सही पटरी पर लाया जा सके।'
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पेट्रोल-डीजल
पर
12
बार
बढ़ा
चुकी
है
एक्साइज
ड्यूटी
इससे
पहले
प्रियंका
गांधी
ने
कहा,
2013
में
जब
अंतर्राष्ट्रीय
बाजार
में
कच्चे
तेल
का
दाम
101
डॉलर
प्रति
बैरल
था,
उस
समय
पेट्रोल
66
रू/
लीटर
और
डीजल
और
डीजल
51
रू/
लीटर
में
मिल
रहा
था।
उस
वक्त
केंद्र
सरकार
पेट्रोल
पर
9
रू/लीटर
और
डीजल
पर
मात्र
3
रू/लीटर
टैक्स
लेती
थी।
लेकिन
2021
में
भाजपा
सरकार
आपसे
हर
एक
लीटर
पेट्रोल
खरीद
पर
33
रू
और
डीजल
पर
32
रू
का
टैक्स
वसूल
रही
है।
भाजपा
सरकार
पेट्रोल
और
डीजल
पर
एक्साइज
ड्यूटी
को
12
बार
बढ़ा
चुकी
है।