किसानों को जानबूझकर MSP का लाभ नहीं देना चाहती बीजेपी सरकार, अखिलेश यादव ने कहा
लखनऊ, मई 19: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर तीखा हमला बोला। अखिलेश यादव ने कहा, 'भाजपा सरकार जानबूझकर किसानों को एमएसपी का लाभ नहीं देना चाहती है। गेहूं खरीद में भी ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था लागू कर दी गई है। गांवों के किसान को परेशानी में फंसाये रखने की यह भाजपाई साजिश का हिस्सा है।'
भाजपा
छल-कपट
की
राजनीति
के
अलावा
कुछ
नहीं
करेगी:
अखिलेश
अखिलेश
यादव
ने
कहा,
'भाजपा
सरकार
ने
तय
कर
लिया
है
कि
वह
असत्य
के
सिवा
कुछ
नहीं
बोलेगी
और
अपने
पूरे
कार्यकाल
में
छल-कपट
की
राजनीति
के
अलावा
कुछ
नहीं
करेगी।
मंहगाई
की
मार
से
आम
जनजीवन
पूरी
तरह
से
तबाह
है।
डीजल-पेट्रोल
की
दरों
में
लगातार
वृद्धि
हो
रही
है।
विद्युत
महंगी
करने
पर
भाजपा
सरकार
आमादा
है।
किसान
घोर
मुश्किल
में
फंसा
है।
किसानों
के
ऊपर
तिहरी
मार
पड़
रही
है।
किसानों
पर
कोरोना
का
कहर
टूट
पड़ा
है।
केंद्रों
पर
धक्के
खा
रहे
हैं
किसान:
अखिलेश
माननीय
उच्च
न्यायालय
को
कहना
पड़ा
कि
गांवों
में
चिकित्सा
व्यवस्था
राम
भरोसे
है।
मंहगाई
के
कारण
खेती
के
कार्यों
में
बाधा
उत्पन्न
हो
गई
है
तथा
उसकी
फसल
की
लूट
रुक
नहीं
रही
है।
राजधानी
लखनऊ
सहित
तमाम
जनपदों
से
गेहूं
खरीद
में
भारी
अनियमितताओं
की
सूचनाएं
मिली
है।
किसान
क्रय
केन्द्रों
पर
गेहूं
के
लिए
धक्के
खा
रहे
हैं।
केन्द्रीय
मंत्री
को
भी
यह
कहने
के
लिए
विवश
होना
पड़ा
कि
गेहूं
की
सरकारी
खरीद
में
घोर
लापरवाही
है
और
क्रय
केन्द्र
बंद
होने
की
आम
शिकायतें
हैं।
'किसानों
को
परेशानी
में
फंसाये
रखना
भाजपाई
साजिश
का
हिस्सा'
अखिलेश
यादव
ने
कहा
कि
भाजपा
सरकार
जानबूझकर
किसानों
को
एमएसपी
का
लाभ
नहीं
देना
चाहती
है।
गेहूं
खरीद
में
भी
ऑनलाइन
रजिस्ट्रेशन
की
व्यवस्था
लागू
कर
दी
गई
है।
गांवों
के
किसान
को
परेशानी
में
फंसाये
रखने
की
यह
भाजपाई
साजिश
का
हिस्सा
है।
रजिस्ट्रेशन
के
बाद
गेहूं
का
सैंपल
पास
कराना
होता
है
तब
भी
क्रय
केन्द्रों
में
धांधली
के
कारण
एमएसपी
पर
बिक्री
नहीं
होती
है।
धान
की
फसल
के
बेहन
के
लिए
प्रदेश
में
बीज
का
अभाव
बना
हुआ
है।
'भाजपा
राज
में
किसानों
की
कोई
सुनने
वाला
नहीं'
भाजपा
के
अंधेर
राज
में
किसान
की
बदहाली
और
भाजपा
के
प्रश्रय
प्राप्त
बिचौलियों
की
खुशहाली
ही
वांछित
है।
पहले
धान
की
लूट
हो
ही
चुकी
है।
गन्ना
किसानों
की
कोई
सुनने
वाला
नहीं
है।
उनके
गन्ने
का
15,000
(पन्द्रह
हजार)
करोड़
बकाये
का
भुगतान
अभी
भी
लटका
हुआ
है।
देरी
में
भुगतान
का
ब्याज
तो
कभी
मिलने
वाला
है
नहीं।
भले
ही
गेहूं
का
एमएसपी
1975
रुपए
प्रति
क्वींटल
घोषित
है
लेकिन
किसानों
को
1500
रुपए
प्रति
क्वींटल
मिलने
के
लाले
पड़े
हुए
हैं।
किसान
इतना
बेबस
कभी
नहीं
हुआ:
अखिलेश
किसान
इतना
बेबस
कभी
नहीं
हुआ
जितना
भाजपा
राज
में
है।
भाजपा
की
प्राथमिकता
में
किसान
दूर
दूर
तक
नहीं
कभी
नहीं
रहा।
किसान
का
शोषण
नहीं
रुका
तो
वह
इसका
जवाब
अवश्य
देगें।
इस
बार
किसानों
की
मार
से
भाजपा
बच
नहीं
सकती।