किसानों की मदद के लिए प्रियंका गांधी ने UP सीएम योगी को लिखा पत्र, कही यह बात
लखनऊ। कोरोना वायरस के संक्रमण और लॉकडाउन के बीच किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। किसानों और आम जन को कोरोना आपदा से राहत देने के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है। पत्र में प्रियंका गांधी ने लिखा, 'कोरोना महामारी ने ज्यादातर क्षेत्रों की कमर तोड़ दी है।' प्रदेश का हर एक तबका इस आपदा और इसके आर्थिक व सामाजिक दुष्प्रभावों से परेशान है।
Recommended Video
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने पत्र के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ध्यान किसानों के मुद्दे पर केंद्रित करने की कोशिश की। पत्र में प्रियंका गांधी ने लिखा, वर्तमान में गेहूं की कटाई का समय चल रहा है। लेकिन किसान बुरी तरह से परेशान है कि आखिर गेहूं की कटाई कैसे होगी। हालांकि, सरकार ने कम्बाइन मशीनों से गेहूं की कटाई का आदेश दे दिया है, परंतु अभी तक कम्बाइन मशीनों के मालिक प्रशासन से भयभीत है। क्योंकि ज्यादातर मशीन के चालक दूसरे प्रदेश से आते हैं। ऐसे में लॉकडाउन की वजह से वे लोग प्रदेश में कैसे आ पाएंगे।
इतना ही नहीं, प्रियंका ने गन्ना किसानों का बकाया तत्काल भुगतान करने की मांग की है। साथ ही उन्होंने ओला वृष्टि से बरबाद हुए फसलों को लेकर भी पत्र में जिक्र किया है। उन्होंने कहा है कि किसानों का मुआवजा दिया जाए। बता दें, पिछले हफ्ते भी प्रियंका गांधी ने यूपी में कोरोना टेस्टिंग और ट्रीटमेंट की सुविधा बढ़ाने को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा था। उन्होंने कहा था कि पूरे देश समेत उत्तर प्रदेश में भी कोरोना वायरस का कहर अपने पैर पसार रहा है। आज हमारी स्वास्थ्य व्यवस्था के सामने ये बड़ी चुनौती है कि किस तरह से वायरस से संक्रमित व्यक्तियों की पहचान कर उपचार कर सकें। संक्रमण का आगे बढ़ना रोक सकें।
संक्रमण
को
रोकने
के
लिए
टेस्टिंग
की
संख्या
को
बढ़ाना
चाहिए
प्रियंका
गांधी
ने
लिखा
था
कि
कि
संक्रमण
को
रोकने
के
लिए
स्क्रीनिंग
और
टेस्टिंग
की
संख्या
को
बढ़ाना
एक
बहुत
ही
कारगर
उपाय
है।
6
करोड़
की
आबादी
वाले
दक्षिण
कोरिया
ने
हर
1000
लोगों
पर
करीब
6
लोगों
की
टेस्टिंग
की
और
वायरस
के
संक्रमण
को
रोकने
में
सफलता
हासिल
की
है।
राजस्थान
के
भीलवाड़ा
में
युद्ध
स्तर
पर
काम
हुआ
और
9
दिनों
के
भीतर
24
लाख
लोगों
की
स्क्रीनिंग
करके
ज्यादा
से
ज्यादा
जांचें
की
गईं।
यूपी
की
आबादी
लगभग
23
करोड़
के
आस-पास
है
जबकि
टेस्टिंग
के
लिए
गए
सैम्पलों
की
संख्या
केवल
7000
के
आस-पास
है।
आबादी
के
हिसाब
से
प्रदेश
में
हो
रही
जांचों
की
संख्या
अभी
बहुत
कम
है।
टेस्टिंग
की
संख्या
बढ़ाना
एक
रामबाण
साबित
हो
सकता
है।
लॉकडाउन में फंसे मजदूरों के लेकर प्रियंका बोलीं-मोदी जी भगवान के लिए इनकी मदद कीजिए