सीएम योगी ने 4 लाख से ज्यादा श्रमिकों के खाते में भेजे एक-एक हजार रुपए, अब तक 11 लाख से अधिक निर्माण श्रमिकों को मदद
लखनऊ। देश में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है। केंद्र सरकार और राज्य सरकार की तरफ से संक्रमण फैलने से रोकने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को नगर विकास विभाग द्वारा चिन्हित दैनिक कार्य करने वाले विभिन्न श्रेणी के 4 लाख 81 हजार 755 लाख श्रमिकों के भरण पोषण भत्ता के लिए 48,17,55,000 रुपए की धनराशि जारी की। सीएम योगी ने यह रकम स्ट्रीट वेंडर, ऑटो चालक, रिक्शा चालक, ई-रिक्शा चालक और मंडी में काम करने वाले पल्लेदारों के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से ट्रांसफर की।
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11 लाख से अधिक निर्माण श्रमिकों को भेजे एक हजार रुपए
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अलग-अलग जिलों के लाभार्थियों से बातचीत भी की। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के चलते प्रदेश में लॉकडाउन है। संकट की इस घड़ी में सरकार गरीब वर्ग के लोगों को भोजन और भरण-पोषण भत्ता मुहैया करवा रही है। इसमें रेहड़ी, ठेला, खोमचा, रिक्शा, ई-रिक्शा चालक और पल्लेदारों को 1 हजार रुपए का भरण-पोषण भत्ता सरकार की तरफ से उनके बैंक खाते में भेजे जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे पहले सरकार ने 35 लाख मजदूरों को भरण-पोषण भत्ते का भुगतान डीबीटी के माध्यम से सीधे अकाउंट में भेज रही है। पहले चरण में 11 लाख से अधिक निर्माण श्रमिकों के बैंक खाते में एक हजार रुपए जा चुके हैं।
मनरेगा मजदूरों का मानदेय बढ़ाकर भुगतान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मनरेगा मजदूरों का मानदेय बढ़ाकर भुगतान किया जा रहा है। प्रदेश में 1.65 करोड़ से ज्यादा अन्त्योदय योजना, मनरेगा और श्रम विभाग में पंजीकृत निर्माण श्रमिक एवं दिहाड़ी मजदूरों को एक माह का निशुल्क राशन भी मुहैया करवाया जा रहा है। प्रदेश में श्रम विभाग द्वारा पंजीकृत 20.37 लाख श्रमिकों को भरण पोषण के रूप में एक हजार रुपए डीबीटी के माध्यम से उनके अकाउंट में भेजा जा रहा है।
किसानों को दो हजार रुपए प्रति माह अलगे तीन महीने तक
सीएम योगी ने कहा कि पूरे प्रदेश में एक अप्रैल से राशन वितरित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 2.34 करोड़ किसानों को दो हजार रुपए प्रति माह आगामी तीन महीने तक देने की व्यवस्था सरकार ने की है। इसके अलावा जनधन खाते में प्रति माह तीन महीने तक 500 रुपए दिया जा रहा हा है। वहीं, उज्जवला योजना के तहत तीन महीने तक रसोई गैस मुहैया करवाया जा रहा है। सभी पेंशनरों को एक मुश्त रकम उनके खाते में भेजी जा रही है।
अखिलेश यादव ने कहा- ये मदद नाकाफी है
अखिलेश यादव ने कहा कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के कारण 2 हफ्तों में 5 करोड़ लोगों के बेरोजगार हो जाने की खबर बेहद चिंताजनक है। इन आंकड़ों की समीक्षा कर सरकार बेरोजगारी से प्रभावित परिवारों की मदद का रोडमैप तैयार करे, वरना भुखमरी से हालात भयावह हो सकते हैं। सबको रोटी, दवाई और लॉकडाउन के बाद रोजगार मिले ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बेरोजगार नौजवानों को एक या दो हजार की मासिक मदद नाकाफी है।