'यूपी सरकार की रणनीति, नो टेस्ट-नो कोरोना' ट्वीट करने वाले पूर्व मुख्य सचिव पर केस दर्ज
लखनऊ। रिटायर्ड आईएएस अधिकारी व पूर्व मुख्य सचिव सूर्य प्रताप सिंह के खिलाफ महामारी अधिनियम समेत अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है। यह एफआईआर हजरतगंज कोतवाली में सचिवायल चौकी प्रभारी सुभाष सिंह की तरफ से दर्ज करवाई गई थी। दरअसल, रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने कोरोना टेस्ट कराने वाले कुछ जिलाधिकारियों को मुख्य सचिव द्वारा हड़काए जाने संबंधी ट्वीट 10 जून को किया था। बता दें, इस बीच, एफआईआर की जानकारी मिलते ही सूर्य प्रताप सिंह ने गुरुवार देर शाम सोशल मीडिया पर मोर्चा खोल दिया और पुलिस से खुद को गिरफ्तार करने की मांग की।
'क्यों इतनी तेजी पकडे हो, क्या ईनाम पाना है'
रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने 10 जून को अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया था। ट्वीट में उन्होंने लिखा था, 'सीएम योगी की टीम-11 की मीटिंग के बाद क्या मुख्यसचिव ने ज्यादा कोरोना टेस्ट कराने वाले कुछ डीएम को हड़काया कि "क्यों इतनी तेजी पकडे हो, क्या ईनाम पाना है, जो टेस्ट-2 चिल्ला रहे हो ?" @ChiefSecyUP स्थिति स्पष्ट करेंगे? यूपी की स्ट्रेटेजी: 'नो टेस्ट-नो कोरोना' @CMOfficeUP, @UPGovt' 11 जून को फिर एक ट्वीट किया था। उसमें लिखा, 'यूपी में संक्रमण को छुपाने का खेल जारी है !! ऊपर के दबाब में DMs कोरोना से मरने वालों की मृत्यू का कारण कुछ और बीमारी बता रहे हैं l यूपी में केवल कागज रंगीन हो रहे हैं, खोखले दावे, पब्लिसिटी स्टंट के बल पर सच्चाई पर पर्दा डाला जा रहा हैl'
नो टेस्ट-नो कोरोना
रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने 17 घंटे पर ट्वीट करते हुए लिखा, 'देश के संक्रमित 2,86,579 में से यूपी में 11,335 अर्थात 3.9% ,जबकि यूपी की जनसंख्या 23 करोड़ जो देश की जनसंख्या 135 करोड़ की 17%है l जनसंख्या 17% लेकिन संक्रमण 3.9%, ये कैसे हो सकता है? क्या यूपी में कोरोना का विशेष इलाज़ खोज है? हो नहीं सकता यूपी की रणनीति: No Test =No Corona'
यूपी के मुख्य सचिव से पूछे तीन सवाल
सूर्य
प्रताप
सिंह
ने
यूपी
के
मुख्य
सचिव
को
टेग
करते
हुए
तीन
सवाल
पूछे
है।
उन्होंने
लिखा,
'क्या
@ChiefSecyUP
बताएंगे
कि
1.
लॉकडाउन
के
बाद
से
प्रदेश
प्रदेश
के
75
जिलों
से
प्रति
दिन
कितने-2
कोरोना
Tests
के
लिए
ब्लड
सैंपल
प्राप्त
हुए
और
कितनों
की
जाँच
कराई
गयी?
2.
क्या
सभी
कोरोना
संदिग्धों
के
Tests
कराये
गए?
3.कितने
%
प्रवासी
मजदूरों
के
tests
हुए?
यदि
नहीं,तो
क्यों?'
FIR दर्ज करके जांच हुई शुरू
अपने इन ट्वीटों में उन्होंने मुख्यमंत्री कार्यालय और राज्य सरकार के अधिकारिक ट्विटर हैंडल को भी टैग किया है। उनके इन ट्वीट पर कई प्रतिक्रियाएं मिलनी शुरू हो गईं। बाद में रिटायर्ड आईएएस ने इसी ट्वीट पर खुद जवाब देते हुए लिखा कि मुख्य सचिव ने मेरे कथन को नकारा नहीं है। यदि सही है तो ये राजनेताओं को खुश करने के लिए कर्त्तव्यों से पलायन है। कृपया विचार करें। उनके इस ट्वीट पर पुलिस की तरफ से आईटी एक्ट समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज करके जांच की जा रही है।
सत्य पक्ष की जीत होगी, सत्ता पक्ष की नहीं
रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने बाद में और ट्वीट करते हुए लिखा कि सत्य पक्ष की जीत होगी, सत्ता पक्ष की नहीं। साथ ही उन्होंने पुलिस से एफआईआर की कॉपी उपलब्ध कराने की बात लिखी है। इसके अलावा उन्होंने पूरे प्रकरण पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सभी मुद्दों पर जवाब देने की भी बात कही है। एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा कि 25 साल में 54 ट्रांस्फर जब मेरी सदनीयत व नीतियां नहीं बदल सके तो एक एफआईआर क्या बदलेगी? सत्य पक्ष हमेशा सत्ता पक्ष पर भारी पड़ता है। जय हिंद।