अखिलेश ने भाजपा सरकार से की इस्तीफे की मांग, कहा- कृषि कानून पर नहीं मिलेगी माफी, किसान करेंगे चुनाव में सफाया
लखनऊ, 19 नवंबर। किसान आंदोलन के दबाव में क्षमा मांगते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला लिया। प्रधानमंत्री के ऐलान के बाद समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया और कहा कि आंदोलन का परिणाम है कि तीनों काले कानून वापस लिए गए। काले कानूनों की वापसी अहंकार की हार और किसान व लोकतंत्र की जीत है। अखिलेश ने कहा कि किसानों की मौत के आगे झूठ की माफी नहीं चलेगी, जिन लोगों ने माफी मांगी है वो राजनीति भी छोड़ें। चुनाव के डर से काले कानून वापस लिए गए हैं। भारतीय जनता पार्टी ने किसानों को हर मौके पर अपमानित किया। अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार से इस्तीफे की मांग की।
अखिलेश यादव ने कहा कि लखीमपुर के हत्यारे कैसे बच जाएंगे? जिस मंत्री पर आरोप है वो मंत्री अभी भी मंत्रिमंडल में है, उसकी जिम्मेदारी भी सरकार की बनती है। उनका कब इस्तीफा लिया जाएगा? कहा कि कैसे भरोसा करें कि चुनाव जीतने के बाद यह सरकार फिर ऐसा कानून नहीं लाएगी? अगर इनकी नीयत साफ होती तो किसानों को खाद के लिए लाइन में नहीं लगना पड़ता। उत्तर प्रदेश में किसानों को धान की कीमत नहीं मिल रही है। प्रधानमंत्री कह रहे थे कि इतनी मंडियां बना दी तो सरकार बताए कि बुंदेलखंड में इन मंडियों में कितनी खरीद हुई, प्रदेश सरकार ने मंडियों को कितना बजट दिया? डीजल-पेट्रोल महंगा कर दिया।
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अखिलेश यादव ने कहा कि कृषि कानून उद्योगपतियों के लिए बने हैं इसलिए मंडियों को बजट ही नहीं दिया गया। मंडियों के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए करोड़ों रुपए देने का जो दावा सरकार कर रही है तो बताएं कि कहां गया पैसा? मंडियों को सरकार खत्म कर रही है। कानून के सहारे उद्योगपतियों की मदद करने वाली सरकार का कैसे यकीन करें? इसलिए इनका सफाया जरूरी है क्योंकि ये फिर चुनाव के बाद ऐसा ही कानून ला सकते हैं। किसान इस बार इनका सफाया करेंगे और चुनाव में जनता माफ नहीं करेगी। इनकी नजर में किसान प्राथमिक नहीं हैं, भाजपा ने सिर्फ वोट के लिए कृषि कानून वापस लिए हैं। अखिलेश ने कहा कि भाजपा यह बता दे कि एमएसपी को सरकार कब लागू करेगी।