कोटा हॉस्पिटल केस : छह करोड़ का बजट रखा रहा, बच्चे मरते रहे, 36 दिन में 106 की मौत
कोटा। राजस्थान में जेके लोन मातृ शिशु चिकित्सालय कोटा में बच्चों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। शनिवार तक बीते 36 दिन में यहां पर 106 बच्चों की मौत हो गई। बच्चों की मौतों पर जमकर सियासत हो रही है। हर कोई नेता राजनीति की रोटियां सेकने में लगा हैं।
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इस बीच कोटा जिले के प्रभारी मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने बच्चों की मौत के मामले में कड़वी सच्चाई उजागर की है। खाचरियावास ने कोटा मेडिकल कॉलेज प्रशासन परगंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि मेडिकल कॉलेज प्रशासन के पास छह करोड़ रुपए रखे थे। इसके बावजूद जेके लोन अस्पताल के खराब उपकरणों को ठीक नहीं करवाया गया। जबकि उपकरण खरीद की जिम्मेदारी अधिकारी व डॉक्टरों की होती है, लेकिन उपकरणों की खरीद क्यों नहीं की गई। जिम्मेदारी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। खाचरियावास ने कहा कि राजस्थान सरकार ने निशुल्क दवा योजना, जांच योजना, मोहल्ला व जनता क्लिनिक खोले हैं। अब निरोगी राजस्थान की ओर कढ़म बढ़ाया है। इस कारण हमारी सरकार की नीयत पर शक नहीं किया जा सकता।
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उन्होंने कहा कि सीएम और चिकित्सा मंत्री कोटा बच्चों की मौत के मामले में यहां केअधिकारियों के सम्पर्क में हैं।बच्चों के इलाज व काम में लापरवाही को लेकर किसी को बख्शा नहीं जाएगा। हालांकि जिम्मेदार कौन है के सवाल पर प्रभारी मंत्री ने इतना ही कहा कि जिम्मेदारी तय की जाएगी। उधर, जेके लोन अस्पताल कोटा के अधीक्षक डॉ. एससी दुलारा का कहना है कि उन्होंने हाल ही अधीक्षक पद संभाला है। कितना पैसा है और कितना खर्च हुआ है। लेखा शाखा से बैलेंसशीट देखकर ही बताया जा सकता है।