राजस्थान के एनएच 52 पर 20 दिन से पानी का कब्जा, वाहनों की बजाय दौड़ रहीं नावें
बूंदी। आपने नेशनल हाईवे पर सिर्फ गाड़ियां ही दौड़तीं देखी होंगी, लेकिन यहां नावें दौड़ रही है। वो भी पिछले 20 दिन से। नाव यहां शौक से नहीं बल्कि मजबूरी में चलाई जा रही है क्योंकि हाईवे पर पानी का कब्जा है और वाहनों के चक्के थमे हुए हैं। नतीजतन, स्थानीय लोगों को नाव से सफर करना पड़ रहा है।
कोटा से जयपुर को जोड़ता है एनएच 52
यह अजीब मामला राजस्थान के बूंदी जिले से होकर गुजर रहे कोटा- जयपुर नेशनल हाइवे 52 का है। इसका निर्माण एक कंपनी ने राजस्थान की पिछली भाजपा सरकार के समय में किया था। तब यहां के तलाब गांव से अंडरपास बनना तय हुआ था, मगर गांव वालों का कहना है कि एक पेट्रोल पम्प को बचाने के चक्कर में ऐसा नहीं हो पाया।
तलाब गांव की पुरानी सड़क से निकल रहे वाहन
इससे बूंदी का फूल सागर तालाब बरसाती पानी से भरते ही नेशनल हाईवे पर पानी आ जाता है। यहां बीस दिन पहले जोरदार बारिश हुई थी, जिससे तालाब का पानी नेशनल हाईवे पर जमा हो गया। निकासी नहीं होने के कारण अभी भी चार-चार फीट पानी भरा है। नेशनल हाईवे पर पानी भरा होने के कारण वाहनों की आवाजाही बंद है। प्रशासन ने रास्ता बदल दिया और वाहनों को एनएच की बजाय अस्थायी तौर पर तलाब गांव की पुरानी सड़क से निकाला जा रहा है।
ग्रामीणों का अब नाव ही सहारा
ग्रामीणों का कहना है कि समस्या हर वर्ष की हो गई है, मगर इस बार बारिश अधिक होने से 20 दिन से हाईवे ब्लॉक है। बड़े भारी वाहनों के चालक इसी पानी में से अपने वाहनों को निकाल कर ले जा रहे हैं, जिससे कई वाहन खराब भी हो गए हैं। वहीं, तलाब गांव में उस पार रहने वाले लोग सड़क पर आने के लिए नाव का सहारा ले रहे हैं क्योंकि पानी अधिक होने से बच्चों व बुजुर्गों का पानी में सफर खतरे से खाली नहीं। इसलिए यातायात के लिए सिर्फ नाव ही सहारा है।
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