टीएमसी नेता तापस रॉय बोले, लेफ्ट-कांग्रेस में ताकत नहीं, केवल टीएमसी भाजपा को रोक सकती है
पश्चिम बंगाल के संसदीय मामलों के राज्य मंत्री तापस रॉय ने कहा है कि वाम-कांग्रेस गठबंधन में भाजपा के खिलाफ लड़ाई लड़ने की ताकत नहीं है और केवल उनकी पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी ही भाजपा को रोक सकती हैं।
कोलकाता।
पश्चिम
बंगाल
के
संसदीय
मामलों
के
राज्य
मंत्री
तापस
रॉय
ने
कहा
है
कि
वाम-कांग्रेस
गठबंधन
में
भाजपा
के
खिलाफ
लड़ाई
लड़ने
की
ताकत
नहीं
है
और
केवल
उनकी
पार्टी
प्रमुख
ममता
बनर्जी
ही
भाजपा
को
रोक
सकती
हैं।
बशीरहाट
के
टीएमसी
विधायक
ने
यह
भी
संकेत
दिया
कि
राज्य
में
भारतीय
जनता
पार्टी
(भाजपा)
को
सत्ता
में
आने
से
रोकने
के
लिए
आगामी
पश्चिम
बंगाल
विधानसभा
चुनाव
लड़ने
के
लिए
वाम-कांग्रेस
गठबंधन
को
तृणमूल
कांग्रेस
में
शामिल
होना
चाहिए।
शुक्रवार को टीएमसी के सांसद तापस रॉय ने पश्चिम बंगाल के बांकुरा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस और वाम दलों से साथ आने की अपील करते हुए कहा, 'वे (भाजपा) कह रहे हैं कि वे बंगाल पर शासन करेंगे। मैं कांग्रेसियों और वामपंथी पार्टी के नेताओं से कहना चाहता हूं कि अरूप खान (ओंदा टीएमसी विधायक) आपके जुलूस में शामिल होंगे। कांग्रेस और वाम दल अकेले नहीं कर सकते, इसलिए वे एक साथ आए।' तापस रॉय ने कहा, 'अगर वाममोर्चा और कांग्रेस वास्तव में भाजपा विरोधी हैं, तो उन्हें भगवा पार्टी की सांप्रदायिक और विभाजनकारी राजनीति के खिलाफ ममता बनर्जी की लड़ाई में सहयोग करना चाहिए।' उन्होंने कहा, 'ममता बनर्जी और टीएमसी का विरोध कर उन्हें बंगाल में ज्यादा खतरनाक भाजपा को आमंत्रित करने की गलती नहीं करनी चाहिए। उन्हें त्रिपुरा की स्थिति को देखना चाहिए और यह तय करना चाहिए कि क्या करना है।'
उन्होंने आगे कहा, 'ममता बनर्जी को मत रोको। नहर को मत काटो और मगरमच्छों को मत लाओ। तुम्हें यह भी पता है कि तुम्हारे पास कपालिक शक्ति (भाजपा) का सामना करने की ताकत नहीं है। जो उनका सामना कर सकती है उसका नाम ममता बनर्जी है। भाजपा के सभी नेता उनसे डरते हैं।'
तापस रॉय के इस बयान पर पश्चिम बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, 'टीएमसी समझ गई है कि अगर वह अकेले लड़ती है तो वह बीजेपी के खिलाफ जीत नहीं सकती है। उन्हें (कांग्रेस, वाम और टीएमसी) सभी को एक साथ लड़ना चाहिए। हम बंगाल में लड़ने और परिवर्तन लाने के लिए तैयार है।'
वहीं केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा, 'उनका घमंड टूट गया है और उन्होंने हार स्वीकार कर ली है।'
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल की 294 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव इसी साल होने वाले हैं। 2016 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में, 294 सीटों में से, कांग्रेस 44 सीटें जीतने में सफल रही, जबकि वाम मोर्चा को 33 सीटों का लाभ मिला। सत्तारूढ़ टीएमसी ने 211 सीटें हासिल कीं और भाजपा ने 3 सीटें जीतीं। 2019 के आम चुनाव में 18 लोकसभा सीटें हासिल करने के बाद भाजपा राज्य में एक मजबूत दावेदार के रूप में उभरी है।