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CAPF पर विवादित बयान को लेकर ममता ने दिया EC के नोटिस का जवाब, कहा- नहीं किया आचार संहिता का उल्लंघन

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) पर की गईं टिप्पणियों को लेकर चुनाव आयोग द्वारा भेजे गए नोटिस का जवाब दिया है।

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कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) पर की गईं टिप्पणियों को लेकर चुनाव आयोग द्वारा भेजे गए नोटिस का जवाब दिया है। उन्होंने चुनाव आयोग को दिए लिखित जवाब में कहा, 'सीएपीएफ के खिलाफ मतदाताओं को उकसाने/प्रभावित करने का कोई प्रयास नहीं हुआ है। यह स्पष्ट है कि मैंने आदर्श आचार संहिता का कोई उल्लंघन नहीं किया है।'

 Mamata Banerjee

उन्होंने आगे कहा कि, मैं सीएपीएफ के प्रति बेहद सम्मान की भावना रखती हूं और देश की सुरक्षा में उनके दिए गए योगदान से भलिभांति परिचित हूं। लेकिन 6 अप्रैल 2021 को तारकेश्वर पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आने वाले रामनगर में जो हादसा हुआ उसने मुझे चौका दिया। एक छोटी सी बच्ची को सीआरपीएफ के जवान द्वारा परेशान किया गया, जिसको लेकर हमने पुलिस में शिकायत दर्ज की लेकिन आज की तारीख में भी इस मामले पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। यहां तक की चुनाव आयोग के द्वारा भी इस मामले में कोई एडवाइजरी जारी नहीं की गई।

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उन्होंने आगे कहा, इसके अलावा पहले, दूसरे और तीसरे चरण के चुनाव में सीएपीएफ पर लोगों को डराने धमकाने के आरोप लगे, इसके साथ साथ उनपर किसी एक पार्टी के पक्ष में वोट डलवाने के भी आरोप लगे, जिसको लेकर हमने पुलिस में कई शिकायतें कीं, लेकिन उनमें से कुछ ही शिकायतों पर संज्ञान लिया गया।

वहीं, पुर्बा बर्धमान जिले में एक रैली को संबोधित करने के दौरान केंद्रीय बलों पर एक पार्टी के लिए काम करने के आरोप लगाने और उन्हें महिलाओं द्वारा घेरने की बात कहने का जवाब देते हुए उन्होंने कहा- मैंने अपने भाषण में महिला मतदाताओं से केवल यही कहा था कि यदि आपको वोट डालने के अधिकार से रोका जाए तो जो आपको रोकता है फिर चाहे वह सीएपीएफ ही क्यों न हो, उसका घेराव करो, क्योंकि लोकतंत्र में घेराव अपनी बात रखने का वैध तरीका है। उन्होंने कहा कि घेरो शब्द का इस्तेमाल पश्चिम बंगाल की राजनीति में 1960 से ही होता रहा है।

लोग अपनी बात प्रसाशन तक पहुंनाने के लिए इसका इस्तेमाल करते थे। मैंने केवल इस बात पर जोर दिया कि मतदाताओं को उनके अधिकार से नहीं रोका जाना चाहिए, फिर चाहे वह सीएपीएफ ही क्यों न हो, अगर वह भी ऐसा करती है तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। और मेरे घेरो कहने का मतलब वास्तविक रूप से सीएपीएफ के जवानों को घेरने से नहीं था। इसलिए मैं साफ कर देना चाहती हूं कि सीएपीएफ के जवानों के खिलाफ मतदाताओं को भड़काने, उकसाने का कोई प्रयास नहीं किया गया और इसलिए विरोधियों द्वारा लगाए गए इस तरह के आरोप निराधार हैं और मैं इन्हें अस्वीकार करती हूं। मेरा इरादा केवल लोकतंत्र की पवित्रता और संविधान की आत्मा को बनाए रखने से था।

इससे यह साफ हो जाता है कि मैंने बिल्कुल भी आचार संहिता का उल्लंघन नहीं किया और मेरा उत्तर जानकर आपको इस नोटिस को रद्द कर देना चाहिए।

Comments
English summary
Mamata Banerjee replies to Election Commission notice to her on her remarks on CAPF
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