पीयूष जैन के घर से मिले 187 करोड़ रुपए कैश का अब क्या होगा?
कानपुर, 26 दिसंबर: उत्तर प्रदेश में चुनावी माहौल है। देश के गृहमंत्री से लेकर रक्षामंत्री समेत दिग्गज नेताओं का जमावड़ा लगा हुआ। विपक्षी दलों के बड़े नेता भी जोर-शोर से लगे हैं। बड़े-बड़े बयान दिए जा रहे हैं, आरोप-प्रत्यारोप लग रहे हैं। इनकी चर्चा होनी चाहिए, लेकिन इन सब वजहों के बावजूद चर्चा किसकी हो रही है? जवाब है कानपुर के कारोबारी पीयूष जैन की। वजह पीयूष जैन के घर से मिला 'खजाना' हैं। जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) और आयकर विभाग की छापेमारी में पीयूष जैन के घर से अब तक 187 करोड़ रुपए से ज्यादा का कैश बरामद हो चुका है। अब कई लोगों के मन ये सवाल है कि आखिर इतने रुपए का क्या होगा? बक्सों में भरकर भेजा गया कैश कहां जाएगा? कैश बरामदगी पर क्या है कानूनी पहलू? इन सारे सवालों के जवाब हम आपको बताते हैं।
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जानिए क्या कहते हैं जानकार ?
इनकम टैक्स और जीएसटी के वरिष्ठ अधिवक्ता बीएस तोमर से एक न्यूज चैनल ने खास बातचीत में पूछा, 'अगर किसी व्यापारी या किसी के घर से करोड़ों रुपए मिलते हैं, तो उसका क्या होगा?' इस सवाल के सवाब में उन्होंने बताया कि "जिस भी जांच एजेंसी ने रकम बरामद की है, सबसे पहले वह उसे अपनी कस्टडी में लेगी। इसके बाद जिस किसी शख्स या व्यापारी से यह रकम बरामद की गई होगी, उसे उसका पक्ष रखने का पूरा मौका दिया जाएगा। अगर संबंधित शख्स या व्यापारी यह बताने में सफल हो जाता है कि यह पैसा ऑन रिकॉर्ड है, तो उस पैसे को ब्लैक मनी नहीं माना जाएगा और वह पैसा उसे वापस कर दिया जाएगा।" उन्होंने बताया कि अगर संबंधित शख्स यह बताने में सफल नहीं हो पाता है कि इतनी बड़ी रकम उसके पास कहां से आई तो उस पर पेनल्टी लगाई जाएगी और विधिवत आगे की कार्रवाई की जाएगी।
ब्लैक मनी हुई तो RBI भेजी जाएगी करोड़ों की रकम
कारोबारी पीयूष जैन के घर से बरामद हुए करोड़ो रुपए अगर ब्लैक मनी पाई जाती है तो उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा, फिर रकम को RBI भेजा जाएगा और फिर सर्कुलेशन में आ जाएगा। आयकर विभाग की छापेमारी में बरामद की गई ब्लैक मनी को आरबीआई में जमा किया जाता है। अगर यह छापेमारी राज्य सरकार के अंतर्गत आने वाली किसी जांच एजेंसी ने की होती तो बरामद की गई रकम राज्य सरकार के खजाने में जमा होती।
कौन है पीयूष जैन ?
पीयूष जैन कन्नौज के बड़े व्यापारियों में शुमार हैं। पीयूष जैन इत्र के बड़े कारोबारी हैं। इन्हें कन्नौज का धनकुबेर भी कहा जाता है। पीयूष जैन 40 से ज्यादा कंपनियों के मालिक हैं। इनमें से दो कंपनियां मिडिल ईस्ट में हैं। कन्नौज में पीयूष जैन की परफ्यूम फैक्ट्री, कोल्ड स्टोरेज और पेट्रोल पंप भी हैं। मुंबई में पीयूष जैन का हेड ऑफिस और एक बंगला भी है। पीयूष जैन इत्र का बिजनेस मुंबई से करते हैं। यहीं से इनका इत्र विदेशों में भी भेजा जाता है।
अभी तक बरामद हुए 187.45 करोड़ रुपए
पीयूष जैन के कानपुर स्थित घर पर डीजीजीआई और आईटी की संयुक्त टीम ने 23 दिसंबर की सुबह छापेमारी शुरू की थी। 24 दिसंबर की शाम तक टीम ने 177 करोड़ रुपए बरामद किए थे। पीयूष के घर मिले कैश को देख अधिकारियों के भी होश उड़ गए थे। कैश को गिनने के लिए 14 मशीनें और एसबीआई के अधिकारियों की मदद ली गई। 24 दिसंबर की शाम को एक टीम पीयूष के बेटे प्रत्यूष को लेकर कन्नौज स्थित घर पर पहुंची, जहां तहखाने से रुपयों से भरे करीब आठ बोरे और एक गत्ते में सोने के बिस्कुट मिले। बोरे में मिले कैश की गिनती के लिए अधिकारियों ने नोट गिनने वाली मशीने मंगाई। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, यहां करीब 10 करोड़ रुपए कैश की बरामदगी हुई है, जिसके बाद कुल 187.45 करोड़ रुपए की बरामदगी पीयूष जैन के घर से हो चुकी है।
Piyush jain पर क्या हैं आरोप ?
इत्र कारोबारी पीयूष जैन पर आरोप है कि उन्होंने कई फर्जी फर्मों के नाम से बिल बनाकर करोड़ों रुपयों की जीएसटी चोरी की। पीयूष जैन के घर से 200 से अधिक फर्जी इनवॉइस और ई-वे बिल मिले हैं।
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