फर्रुखाबाद: नाज फातिमा बनेगी यूपी की पहली मुस्लिम बस ड्राइवर, कानपुर में शुरू हुई ट्रेनिंग
कानपुर। 24 साल की नाज फातिमा फर्रुखाबाद जिले के कमालंगज की रहने वाली हैं और साइंस से ग्रैजुएशन कर चुकीं हैं। नाज फातिमा की सोमवार आठ मार्च से उत्तर प्रदेश स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन में बस ड्राइवर की ट्रेनिंग अंतरराष्ट्रीय महिला दिवास पर शुरू हो गई है। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद वह यूपी रोडवेज की बसें चलाने लगेंगी। उसके बाद वह यूपी की पहली महिला मुस्लिम ड्राइवर बन जाएंगी।
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कौशल विकास मिशन के तहत प्रदेश में पहली बार महिलाओं को बस चलाने का प्रशिक्षण देने की शुरुआत की गई है। ये प्रशिक्षण कानपुर के विकास नगर स्थित मॉडल ड्राइविंग ट्रेनिंग ऐंड रिसर्च इंस्टिट्यूट दिया जाएगा। इस इंस्टिट्यूट में नाज के साथ ही 25 और लड़कियों को बस चलाने की ट्रेनिंग दी जा रही है। बता दें कि नाज फातिमा पहली ऐसी मुस्लिम युवती हैं जिन्होंने बस चलाने का प्रशिक्षण लेकर आत्मनिर्भर बनने की ठानी है।
नाज फातिमा ने बताया कि उनके पिता तस्बीरुल हसन का वर्ष 2010 में इंतकाल हो गया था। घर में बड़ा भाई व छोटी बहन है। मां हदीसा बानों ने हम सभी की परवरिश की। नाज ने बताया कि उन्होंने बीएससी किया है। इसके अतिरिक्त नर्सिंग का डिप्लोमा भी किया है। वह नौकरी की तलाश कर रही थी, जब उन्हें जानकारी मिली की सरकार महिलाओं को बस चालक बनाने का प्रशिक्षण दिलाने जा रही है तो यह बात उन्होंने मां को बताई। उन्होंने प्रशिक्षण के लिए आवेदन किया तो चयन भी हो गया। अब तमन्ना है कि जल्द कोर्स पूरा कर बस चलाएं और जमाने को दिखाएं की महिलाएं किसी से पीछे नहीं है।
हर
किसी
का
मिला
सपॉर्ट
नाज
ने
कहा
कि
यह
उसके
लिए
बड़ी
चुनौती
है
लेकिन
वह
बस
ड्राइवर
की
जिम्मेदारी
अच्छे
से
निभाएगी
और
यात्रियों
की
सुरक्षा
उसकी
सबसे
बड़ी
जिम्मेदारी
होगी।
मुस्लिम
समाज
में
महिलाओं
के
साथ
भेदभाव
को
लेकर
सवाल
पर
उसने
कहा
कि
उसे
किसी
भी
तरह
के
भेदभाव
का
सामना
नहीं
करना
पड़ा।
उसके
इस
फैसले
पर
परिवार,
दोस्त
और
रिश्तेदार
सभी
खुश
हैं।
ट्रेनिंग
इंस्टिट्यूट
के
प्रिंसिपल
एसपी
सिंह
ने
भी
नाज
की
तारीफ
की
है।