विकास दुबे के सीने और कमर में लगीं थी गोलियां, जानिए कैसे हुआ दुर्दांत अपराधी का एनकाउंटर
कानपुर। बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्याकांड के मुख्य आरोपी व पांच लाख रुपए के इनामी बदमाश विकास दुबे को यूपी एसटीएफ ने मुठभेड़ के बाद मार गिराया। विकास दुबे और यूपी एसटीएफ के बीच मुठभेड़ सचेंडी थाना क्षेत्र में किसान नगर नहर के पास हुई है। ऐसी जानकारी मिल रही है कि विकास दुबे के सीने और कमर में करीब चार गोलियां लगी है। आपको बता दें कि विकास दुबे को उज्जैन से कानपुर ला रही एसटीएफ के काफिले की गाड़ी शुक्रवार सुबह डिवाइडर से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। यह हादसा कानपुर टोल प्लाजा से 25 किलोमीटर दूर हुआ था। बताया जा रहा है कि जब गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हुई, उस समय विकास दुबे पुलिसकर्मियों से हथियार छीनकर भाग निकला था।
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पुलिस ने कहा था आत्मसमर्पण करने के लिए
मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले से शाम 7 बजे के बाद यूपी एसटीएफ की टीम विकास दुबे को लेकर कानपुर के लिए रवाना हुई थी। 10 जुलाई, शुक्रवार सुबह एसटीएफ की टीम दुर्दांत अपराधी और पांच लाख रुपए के इनामी बदमाश विकास दुबे को कानपुर लेकर पहुंची। इस दौरान कानपुर टोल प्लाजा से 25 किलोमीटर दूर पुलिस की गाड़ी डिवाइडर से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। गाड़ी पलटने के बाद विकास दुबे ने पुलिसकर्मियों से हथियार छीने लिए और भागने का प्रयास करने लगा। इस दौरान पुलिस ने उसे आत्मसमर्पण करने के लिए कहा तो उसने फायरिंग शुरू कर दी।
सुबह से हो रही थी बारिश, गाड़ी की स्पीड थी तेज
दरअसल, कानपुर जिले में शुक्रवार सुबह से तेज बारिश हो रही है। ऐसा भी बताया जा रहा है कि यूपी एसटीएफ की गाड़ी की स्पीड भी तेज थी। आखिर शुक्रवार की सुबह गाड़ी में ऐसा क्या हुआ जो गाड़ी पलट गई, ये अभी सवाल बना हुआ है। लेकिन पुलिस अधिकारियों की मानें तो गाड़ी पलटने के बाद विकास दुबे गाड़ी के अंदर मौजूद एसटीएफ कर्मियों से पिस्तौल छीने कर भागने की कोशिश कर रहा था। इस दौरान सचेंडी थाना क्षेत्र में किसान नगर नहर के पास विकास दुबे की पुलिस से मुठभेड़ हो गई। दोनों तरफ से हुई फायरिंग में विकास दुबे घायल हो गया। उसकी कमर और सीने में गोलियां लगी थी। गंभीर रूप से घायल होने के बाद एसटीएफ ने उसे हैल्ट अस्पताल में भर्ती कराया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। फिलहाल उसके शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज गया है।
ड्राइवर के अलावा तीन STF के जवान मौदूज
सूत्रों की मानें तो गाड़ी में ड्राइवर के अलावा तीन एसटीएफ के जवान थे। घटना के वक्त कानपुर के सचेंडी इलाके में बारिश हो रही थी। इसी दौरान एसटीएफ की एक गाड़ी पलट गई। विकास पिछली सीट पर बीच में बैठा था। गाड़ी में उसके दोनों तरफ एसटीएफ के जवान थे। गाड़ी पलटी तो विकास ने भागने की कोशिश की। एक पुलिसकर्मी की 9 एमएम की पिस्टल लेकर भागा। बताया जाता है कि विकास दुबे हैलट हॉस्पिटल पहुंचने तक जिंदा था। हालांकि, उसकी हालत बेहद गंभीर थी। अस्पताल पहुंचने के कुछ ही देर बाद उसकी मौत हो गई।
20 से 22 मिनट में हो गई मौत
घटना के वक्त विकास वही नीली धारी वाली फुल टी-शर्ट और लोअर पहने था, जो उसने गुरुवार को उज्जैन में गिरफ्तारी के वक्त पहने नजर आया था। विकास को एनकाउंटर के बाद सीधे एक गाड़ी से हैलट अस्पताल ले जाया गया। यह गाड़ी एसटीएफ के काफिले में शामिल थी। हॉस्पिटल पहुंचने के 20 से 22 मिनट बाद ही विकास की मौत हो गई। हालांकि, इसकी पुष्टि काफी देर बाद की गई।