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विकास दुबे का तीन दिन बाद भी पता नहीं लगा सकी पुलिस, एक लाख रुपए हुई इनाम की राशि

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कानपुर। 2 जुलाई की देर रात चौबेपुर थाना क्षेत्र के गांव बिकरू में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या ने पूरे प्रदेश को हिला कर रख दिया है। वहीं, इस हत्याकांड का मुख्य आरोपी विकास दुबे करीब 56 घंटे बीत जाने के बाद भी पुलिस पकड़ से दूर है। हालांकि यूपी पुलिस और एसटीएफ की टीमें दुर्दांत अपराधी विकास दुबे को पकड़ने के लिए दबिश दे रही है। लेकिन वो पुलिस के हाथ नहीं लगा है। ऐसी भी आशंका जताई जा रही है कि वो देश छोड़कर भाग सकता है, इसलिए नेपाल बॉर्डर तक अलर्ट कर दिया गया है। इसके साथ ही विकास के ऊपर इनाम की राशि 50 हजार रुपए से बढ़ाकर एक लाख रुपए कर दिया गया है। पुलिस ने वारदात में शामिल अन्य 18 आरोपियों पर 25-25 हजार का इनाम रखा है।

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75 जिलों में किया अलर्ट जारी

75 जिलों में किया अलर्ट जारी

दुर्दांत अपराधी विकास दुबे और उसके गैंग के लोगों को पकड़ने के लिए डीजीपी ने 75 जिलों में अलर्ट जारी कर दिया है। इतना ही नहीं, डीजीपी ने एडीजी क्राइम के एस प्रताप कुमार को विकास दुबे से जुड़े मुकदमे और उसकी गिरफ्तारी के लिए चल रहे ऑपरेशन की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी सौंपी है। इसके अलावा एडीजी एलओ प्रशांत कुमार, आईजी एसटीएफ अमिताभ यश भी ऑपरेशन से जुड़े हुए हैं। बहराइच, लखीमपुर खीरी, सिद्धार्थनगर, महराजगंज, बुलंदशहर, नोएडा, पीलीभीत, श्रावस्ती और बलरामपुर के कप्तानों से भी संपर्क रखने को कहा गया है।

...और कोर्ट के बाहर लगा दी गई फोर्स

...और कोर्ट के बाहर लगा दी गई फोर्स

दुर्दांत अपराधी विकास दुबे के आत्मसमर्पण करने का इनपुट मिलने के बाद उन्नाव और लखीमपुर खीरी की पुलिस अलर्ट हो गई। दरअसल, शनिवार को पुलिस को इनपुट मिला था कि विकास दुबे किसी पुराने मामले में कोर्ट परिसर में आत्मसमर्पण कर सकता है। ऐसी सूचना मिलने के बाद उन्नाव और लखीमपुर खीरी जिले की पुलिस फोर्स कोर्ट परिसर में तैनात हो गई। लेकिन शाम तक कोई आत्मसमर्पण करने नहीं पहुंचा।

संतोष शुक्ला हत्याकांड को दोबारा खुलवाएगी सरकार

संतोष शुक्ला हत्याकांड को दोबारा खुलवाएगी सरकार

साल 2001 में विकास दुबे ने थाने के अंदर घुसकर राजनाथ सिंह सरकार में राज्यमंत्री रहे संतोष शुक्ला की हत्या कर दी थी। इस हाई-प्रोफाइल मर्डर के बाद उसने कोर्ट में सरेंडर कर दिया और कुछ माह के बाद जमानत पर बाहर आ गया था। बताया जाता है कि थाने में घुसकर राज्यमंत्री की हत्या का आरोप लगने के बावजूद भी उसका कुछ नहीं हुआ। इतनी बड़ी वारदात होने के बाद भी किसी पुलिसवाले ने विकास के खिलाफ गवाही नहीं दी। जिसके बाद साल 2005 में कोर्ट ने उसे बरी कर दिया था। इसी घटना के बाद वो 'शिवाली का डॉन' नाम से भी मशहूर हो गया था। बता दें कि योगी सरकार इस हत्याकांड की फाइले फिर से खोले जाने की तैयारी कर रही है। डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने संकेत दिए हैं।

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English summary
A reward of one lakh rupees declared on the arrest of Vikas Dubey, main accused in Kanpur encounter case
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