जज उत्तम आनंद की हत्या के मामले में CBI की चार्जशीट को हाईकोर्ट ने बताया उपन्यास
रांची। धनबाद के जज उत्तम आनंद की संदिग्ध मौत के मामले में सीबीआई की दलीलों और चार्जशीट पर झारखंड हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है। मामले की सुनवाई करते हुए मौखिक रूप से कोर्ट ने कहा कि कहा कि वह सीबीआई की जांच से संतुष्ट नहीं है। कोर्ट ने साथ ही सवाल भी किया कि सीबीआई की ऐसी जांच पर देश में क्या संदेश जाएगा। चीफ जस्टिस डॉ. रवि रंजन और जस्टिस एस.एन प्रसाद की कोर्ट में मामले की सुनवाई है। वहीं अगली सुनवाई अब 12 नवंबर को होगी। बता दें कि जज उत्तम आनंद हत्या के मामले में सीबीआई की चार्जशीट में यह बात सामने आई है कि ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा और राहुल वर्मा ने ही हत्या के इरादे से जज को ऑटो से टक्कर मारी थी।
सीबीआई की कोर्ट में दाखिल चार्जशीट के मुताबिक जिला सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद को जानबूझकर ऑटो चालक लखन वर्मा तथा सहयोगी राहुल वर्मा ने धक्का मारा था जिससे कि जज की मौत हो जाए। सीबीआई ने 40 पृष्ठों में यह चार्जशीट दाखिल की है।
सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक बीते 27 जुलाई को ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा मालिक के घर से ऑटो को निकाला था। इस दौरान उसका साथी राहुल भी मौजूद था। दोनों वहां से बलियापुर गया और ऑटो का नंबर प्लेट को हटाकर फेंक दिया। बलियापुर से धनबाद स्टेशन रात को पहुंचा था। सीबीआइ ने दोनों आरोपित के खिलाफ सामने से टक्कर मारकर जज की हत्या करने और सबूत मिटाने के आरोप में चार्जशीट दायर की है।
बता दें कि बीते 22 अक्टूबर को झारखंड के धनबाद जिले के जज उत्तम आनंद हत्याकांड की जांच को लेकर रांची हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई थी। मामले की जांच प्रगति पर उच्च न्यायालय ने असंतोष व्यक्त किया था। कोर्ट ने सीबीआई निदेशक को 29 अक्टूबर को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अगली सुनवाई में पेश होने का निर्देश दिया था। सीबीआई के वकील ने इस निर्देश पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया जिस पर अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि वह इसे अगले सप्ताह देखेगी।