जौनुपर: नक्सली गतिविधियों के आरोप में गिरफ्तार दम्पत्ति के घर पहुंची पुलिस, जुटा रही जानकारी
जौनपुर। नक्सली गतिविधियों के आरोप में भोपाल से गिरफ्तार जौनपुर के दम्पत्ति की जड़ खंगालने के लिए पुलिस दम्पति के घर पहुंची, जहां पर ताला लटका मिला। पुलिस ने गांववालों से दम्पत्ति के बारे में पूछताछ की तो गांव वाले भी हैरान हो गए। पुलिस को यहां से निराशा ही हाथ लगी, क्योंकि गांव के किसी भी सदस्य के पास गहन जानकारी इन दोनों के बारे में नहीं थी। फिलहाल, पुलिस ने इनके बारे में जानकारी हासिल करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है।
यूपी एटीएस ने किया गिरफ्तार
बता दें, एटीएस ने भोपाल से मनीष श्रीवास्तव और उसकी पत्नी अनिता श्रीवास्तव को नक्सली गतिविधियों में शामिल होने के शक में गिरफ्तार किया है। मनीष सिकरारा थाना क्षेत्र के कुरनी गांव का मूल निवासी है। उसकी गिरफ्तारी की सूचना जब ग्रामीणों को हुई तो वह हैरान हो गए। पुलिस जब मनीष के घर पहुंची तो आसपास के लोग इकट्ठा हो गए। बताया गया कि मनीष श्रीवास्तव का परिवार प्राथमिक शिक्षा के बाद यहां से प्रयागराज चला गया था। मनीष के पिता मंगला प्रसाद श्रीवास्तव सहायक श्रमायुक्त पद से रिटायर हो चुके हैं। वे चार भाई थे, दो की मृत्यु हो चुकी है। सबसे छोटे अनिल श्रीवास्तव शहर में रहते हैं। वे कभी-कभार घर आते हैं।
प्रयागराज में रहता है परिवार
मंगला की पांच संतानों में मनीष दूसरे नम्बर का पुत्र है, जबकि सबसे बड़ा बेटा विपिन श्रीवास्तव गोरखपुर में रेलवे विभाग में इंजीनियर है। सबसे छोटा बेटा सीमांत श्रीवास्तव गाजियाबाद से बीटेक करने के बाद लन्दन चला गया है। दोनों बेटियों की शादी हो गई है। एक ग्रामीण ने बताया कि रिटायर होने के बाद मंगला प्रयागराज में ही पत्नी के साथ रहते हैं। गांव की खेती का कार्य अधिया पर दे दिया गया है। सालभर में एक बार घर आते हैं। खानदान में अगर शादी विवाह भी पड़ता था तब भी नहीं आते।
गिरफ्तारी से हैरान है गांव का हर शख्स
भोपाल में यूपी एटीएस द्वारा नक्सली गतिविधियों के आरोप में मनीष श्रीवास्तव और उनकी पत्नी अनिता श्रीवास्तव की गिरफ्तारी की सूचना पाने के बाद से ही रिश्तेदारों से लेकर गांव तक सभी हैरान हो चुके हैं। थानाध्यक्ष पन्नेलाल ने बताया कि सोमवार की रात में ही एटीएस द्वारा मनीष के गिरफ्तार होने की सूचना विभागीय अधिकारियों के जरिए मिली। इसके बाद परिजन को सूचना देने के लिए थाने के दरोगा व सिपाही को भेजा गया था। उनके घर ताला लगा मिला। वहां सिर्फ ऐसे ही मनीष के बारे में लोगों से पूछताछ कर जानकारी ली जा रही थी।
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