'जैसे कश्मीरी पंडित घाटी से गायब हुए, वैसे हमारा भी वजूद खत्म हो जाएगा', महबूबा मुफ्ती का केंद्र पर निशाना
श्रीनगर, मई 25। टेरर फंडिंग के मामले में यासीन मलिक को सजा सुनाए जाने के बीच जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। बुधवार को उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि घाटी में जिस तरह से कश्मीरी पंडित गायब हुए हैं, उसी तरह आने वाले समय में हमारा भी वजूद मिट जाएगा। महबूबा ने कहा है कि अगर हम अपनी सुरक्षा के लिए दृढ़ता से खड़े नहीं हुए तो आने वाले समय में हमारा भी अस्तित्व खत्म हो जाएगा।
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कश्मीर में किसानों की जमीन छीनी जा रही हैं- महबूबा
महबूबा मुफ्ती ने कहा है, "घाटी में कश्मीरी पंडित थे, लेकिन आज नहीं हैं और मेरे बच्चे मुझसे पूछते हैं कि ये पंडित कौन हैं और वे कैसे दिखते थे। घाटी में जैसे उनकी संख्या कम हुई है, वैसे ही हमारा भी वजूद खत्म हो जाएगा अगर हम अपने लिए दृढ़ता से खड़े नहीं हुए तो।" जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद से केंद्र सरकार की जबरदस्त आलोचक रहीं महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि घाटी में किसानों की जमीनें छीनी जा रही हैं और युवाओं से नौकरियां छीनी जा रही हैं। महबूबा ने कहा कि घाटी में अब जब कोई पथराव नहीं हो रहा है तब भी 10 लाख सैनिकों की तैनाती की हुई है।
महबूबा मुफ्ती ने यासीन मलिक पर बोलते हुए कहा कि जब उनके पिता केंद्रीय गृह मंत्री थे, तो उन्होंने अलगाववादी नेता को बंदूक से दूर रहने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। महबूबा ने बताया कि जब यासीन मलिक जेल में था तो उस वक्त मेरे पिता देश के गृहमंत्री थे, मेरे पिता ने उस वक्त मलिक को बंदूक बंद करने के लिए एक संदेश भेजा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि मैं गृह मंत्री हूं और वीपी सिंह मेरे दोस्त हैं जो कश्मीरियों के लिए सहानुभूति रखते हैं, आप जो कुछ भी चाहते हैं सिवाए आजादी के वो आपको दिया जाएगा।"
महबूबा मुफ्ती ने बताया कि उस वक्त यासीन मलिक ने मेरे पिता को बंदूक छोड़ने से मना कर दिया था और कहा था कि मैं बंदूक चलान जारी रखूंगा और हम कोई बातचीत नहीं करेंगे। फिर मेरे पिता ने वाजपेयी जी के समय बातचीत फिर से शुरू की थी।
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