महबूबा मुफ्ती ने अब न्यायपालिका पर उठाए गंभीर सवाल, पाकिस्तानी जुडिशरी की जमकर तारीफ
श्रीनगर, 25 मई: जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती सरकार का विरोध करते हुए काफी आगे बढ़ गई हैं और उन्होंने भारतीय न्यायपालिका पर सवाल तो उठाए ही हैं, पाकिस्तानी जुडिशरी की शान में कसीदे पढ़ने भी शुरू कर दिए हैं। वह लिंचिंग की घटनाओं में दोषियों को सजा होने का हवाला देते हुए देश की न्यायपालिका को ही संदेह के घेर में ला खड़ा किया है। उन्होंने 2015 में दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा के दादरी इलाके में हुई अखलाक नाम के शख्स की लिंचिंग की घटना का जिक्र कर पाकिस्तान की न्यायपालिका की सराहना की है। गौरतलब है कि मुफ्ती ने आतंकवादी यासीन मलिक के सजा के ऐलान से ठीक पहले भारतीय न्यापालिका को लेकर इतनी तल्ख टिप्पणी की है और यासीन के गुनाह को भी नजरअंदाज करने की कोशिश की है।
पाकिस्तानी
जुडिशरी
की
तारीफ
और
अपने
पर
उठाई
उंगली
पीडीपी
प्रमुख
महबूबा
मुफ्ती
ने
कहा,
'पाकिस्तान
में
एक
आदमी
की
लिंचिंग
हुई
थी,
उन्होंने
6
लोगों
को
फांसी
की
सजा
दी
और
12
लोगों
को
उम्र
कैद
की
सजा
सुनाई।
2015
के
बाद
यहां
कई
अखलाकों
की
लिंचिंग
हो
चुकी
है।
उन्हें
माला
पहनाया
जाता
है,
सजा
नहीं
दी
जाती।
उनकी
जुडिशरी
और
इस
जुडिशरी
के
बीच
यही
अंतर
है।'
आतंकी
यासीन
मलिक
से
सहानुभूति!
यही
नहीं,
उन्होंने
पाकिस्तान
परस्त
आतंकी
और
जेकेएलएफ
के
चीफ
यासीन
मलिक
को
टेरर
फंडिंग
मामले
में
सजा
के
ऐलान
से
ठीक
पहले
उसकी
करतूतों
की
आलोचना
से
परहेज
करते
हुए
कहा
कि,
'जम्मू
और
कश्मीर
एक
राजनीतिक
मामला
है।
यहां
कई
लोगों
को
फांसी
दी
गई,
कई
को
उम्र
कैद
मिली।
इससे
कश्मीर
मुद्दे
को
सुलझाने
में
मदद
नहीं
मिलेगी,
बल्कि
इससे
यह
और
जटिल
होगी।
मुझे
लगता
है
कि
भारत
की
ताकत
की
नीति
का
परिणाम
अच्छा
नहीं
होगा।
हालात
रोजाना
खराब
हो
रहे
हैं।
मुद्दा
सुलझने
की
जगह
और
ज्यादा
उलझता
जा
रहा
है।'
दरअसल, सितंबर, 2015 में दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा के दादरी इलाके में अखलाक नाम के शख्स की इसलिए भीड़ ने मॉब लिंचिंग कर दी थी, क्योंकि उसपर घर में गोवंश पकाने का शक था। तीन महीने के भीतर ही पुलिस ने इस में 15 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।
A man was lynched in Pakistan, they sentenced 6 people to death by hanging& 12 others to life imprisonment. Several Akhlaqs have been lynched here(India)after 2015.They're garlanded,not punished. That's the difference b/w their judiciary & this judiciary: PDP chief Mehbooba Mufti pic.twitter.com/cT4BYxiWTg
— ANI (@ANI) May 25, 2022