Jammu Kashmir में टारगेट किलिंग से दहशत, 1800 CRPF जवानों की अतिरिक्त तैनाती का फैसला
जम्मू कश्मीर में नागरिकों की हत्याओं के मद्देनजर केंद्र सरकार ने सुरक्षा बढ़ाने का फैसला लिया है। सरकार ने तय किया है कि CRPF की 18 अतिरिक्त कंपनियां संवेदनशील इलाकों में तैनात की जाएंगी।
Jammu Kashmir में नागरिकों पर हमलों के बीच केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में सीआरपीएफ की 18 अतिरिक्त कंपनियां तैनात करेगी। सूत्रों के हवाले से समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) राजौरी जिले में दो ताजा आतंकी हमलों और नागरिकों की हालिया हत्याओं के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर में 18 अतिरिक्त कंपनियां भेजेगा। सीआरपीएफ की 18 कंपनियों में लगभग 1,800 सैनिक होंगे। इन्हें जम्मू क्षेत्र के संवेदनशील इलाकों- मुख्य रूप से पुंछ और राजौरी जिलों में तैनात किया जाएगा।
इनपुट्स के मुताबिक, सीआरपीएफ की आठ कंपनियां जम्मू-कश्मीर में मौजूद हैं। जल्द ही इन्हें तैनाती के लिए अलग-अलग लोकेशंस पर भेजा जाएगा। इसके अलावा सीआरपीएफ की 10 कंपनियां दिल्ली से भेजी जा रही हैं। सूत्र ने कहा कि जम्मू क्षेत्र में आतंकी हमले के बारे में खुफिया जानकारी के बीच गृह मंत्रालय ने हाल ही में एक आदेश जारी किया। इसके बाद CRPF जवानों को भेजने का कदम उठाया गया है।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के ऊपरी डांगरी गांव में रविवार शाम और सोमवार सुबह हुए दो अलग-अलग आतंकी हमलों में दो बच्चों सहित छह लोगों की मौत हो गई। नृशंस आतंकी वारदात में कई अन्य लोग घायल हो गए। रिपोर्ट्स के मुताबिक सोमवार सुबह संदिग्ध इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) से विस्फोट को अंजाम दिया गया। इसके बाद दो बच्चों की मौत हो गई। कई अन्य घायल हो गए।
एडीजीपी मुकेश सिंह ने लोगों को सतर्क किया। राजौरी शहर से लगभग आठ किलोमीटर दूर ऊपरी डांगरी गांव के पास एक और संदिग्ध आईईडी देखा गया था। इस संबंध में अधिकारियों ने बताया कि धमाका उस घर के पास हुआ जहां रविवार शाम को हुई गोलीबारी की घटना में चार नागरिकों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।
रविवार शाम के बाद हुए दो आतंकी हमलों में करीब एक दर्जन लोगों के घायल होने की भी खबर है। घायलों का जम्मू के अस्पताल में इलाज चल रहा है। पहले हमले के बारे में रिपोर्ट्स के मुताबिक में दो हथियारबंद आतंकवादी रविवार शाम करीब 50 मीटर की दूरी पर तीन घरों में घुसे और अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। इस हमले में चार नागरिकों की मौत हो गई और छह अन्य घायल हो गए।
बता
दें
कि
16
दिसंबर
को
सेना
के
एक
शिविर
के
बाहर
दो
लोगों
के
मारे
जाने
के
बाद
पिछले
दो
हफ्तों
में
राजौरी
जिले
में
नागरिक
हत्याओं
की
यह
तीसरी
घटना
है।
हमले
से
जिले
में
दहशत
का
माहौल
है।
घटना
के
विरोध
में
कई
संगठनों
ने
हड़ताल
कर
विरोध
जताया
और
त्वरित
कार्रवाई
की
मांग
की।
आतंकी वारदात में शामिल दहशतगर्दों को नेस्तनाबूंद करने के लिए सेना और सीआरपीएफ ने ऊपरी डांगरी गांव में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया है। हमले में शामिल दो "हथियारबंद लोगों" को पकड़ने के प्रयास जारी हैं। जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल (एलजी) मनोज सिन्हा ने गोलीबारी की घटना में मारे गए लोगों के परिजनों को 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि और सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है।
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मनोज सिन्हा के कार्यालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया, "नृशंस हमले में शहीद हुए प्रत्येक नागरिक के परिजनों को 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि और एक सरकारी नौकरी दी जाएगी। गंभीर रूप से घायलों को 1 लाख रुपये दिए जाएंगे। घायलों का सर्वश्रेष्ठ इलाज हो, अधिकारियों को ये सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है। मामले की जांच के सिलसिले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने भी उस गांव का दौरा किया। संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।