Indian Railways:11 महीने बाद कश्मीर के लिए अच्छी खबर, ट्रेन सेवा बहाल करने की तैयारी
श्रीनगर: कोरोना वायरस के कहर की वजह से 11 महीने तक बंद रहने के बाद भारतीय रेलवे कश्मीर घाटी में फिर से आंशिक तौर पर ट्रेन सेवा बहाल करने पर विचार कर रहा है। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक यह सेवा फरवरी के आखिरी हफ्ते से दोबारा शुरू हो सकती है। बता दें कि अभी कश्मीर घाटी देश के बाकी हिस्से से रेलवे से नहीं जुड़ पायी है और यह काम भी जल्द पूरा होने की उम्मीद है, लेकिन दक्षिण कश्मीर का बनिहाल, उत्तर कश्मीर के बारामुला से रेलवे लाइन से जुड़ा हुआ है।
22
फरवरी
से
कश्मीर
में
शुरू
हो
सकती
है
ट्रेन
उत्तर
रेलवे
के
श्रीनगर
स्थित
चीफ
एरिया
मैनेजर
साकिब
यूसुफ
ने
रेलवे
पुलिस
को
लिखकर
यह
जानकारी
दी
है
कि
रेलवे
बनिहाल
से
बारामुला
तक
137
किलोमीटर
की
दूरी
के
बीच
आंशिक
रूप
से
ट्रेन
सेवा
बहाल
करना
चाहता
है।
17
फरवरी
को
लिखे
इस
खत
में
22
फरवरी
से
यह
सेवा
शुरू
करने
की
इच्छा
जताई
गई
है
और
रेलवे
पुलिस
से
जानकारी
मांगी
गई
है
कि
यात्री
सेवा
बहाल
करने
में
उसे
कोई
आपत्ति
तो
नहीं
है।
इस
बीच
यूसुफ
ने
हिंदुस्तान
टाइम्स
से
कहा
है
कि
रेलवे
21
फरवरी
को
अपने
फैसले
की
जानकारी
दे
देगा।
उनके
मुताबिक
'हम
21
फरवरी
को
योजना
को
अंतिम
रूप
दे
देंगे
और
फैसला
कर
लेंगे
कि
क्या
22
फरवरी
को
ट्रेन
चलेगी।
'
पिछले
19
मार्च
से
बंद
है
ट्रेन
कश्मीर
में
कोविड-19
की
वजह
से
पिछले
साल
19
मार्च
से
ही
रेल
सेवा
निलंबित
है।
ठंड
के
दिनों
में
आमतौर
पर
इस
रूट
पर
रेलवे
की
24
सेवाएं
संचालित
होती
हैं।
जिनमें
से
8
ट्रेनें
शुरू
से
लेकर
आखिर
स्टेशनों
के
बीच
चलती
हैं।
जबकि,
बाकी
मध्य
कश्मीर
के
बडगाम
स्टेशन
से
ही
शुरू
होती
है
और
फिर
वहीं
तक
आकर
ठहर
जाती
है।
रेलवे
की
मौजूदा
योजना
की
जानकारी
रखने
वाले
अधिकारियों
के
मुताबिक
फिलहाल
बनिहाल
से
बारामुला
के
बीच
दोनों
ओर
से
एक
ट्रेन
के
संचालन
से
सेवा
बहाल
करने
पर
विचार
चल
रहा
है।
कश्मीर
में
पहले
भी
लंबे
वक्त
तक
ठप
रही
है
रेल
बता
दें
कि
ट्रेन
सेवाएं
बंद
होने
से
नेशनल
ट्रांसपोर्टर
को
भारी
नुकसान
उठाना
पड़
रहा
है।
जानकारी
के
मुताबिक
कश्मीर
में
सामान्यतौर
पर
ट्रेनें
पूरी
तरह
से
भरकर
निकलती
हैं।
गर्मियों
में
यात्रियों
की
तादाद
35
से
40
हजार
के
बीच
होती
है,
जबकि
सर्दियों
में
यह
संख्या
25
हजार
के
आसपास
होती
है।
इससे
पहले
5
अगस्त,
2019
को
जब
जम्मू-कश्मीर
से
आर्टिकल
370
खत्म
किया
गया
था,
तब
भी
ट्रेन
सेवाएं
बाधित
रही
थीं
और
करीब
100
दिनों
बाद
फिर
से
पटरी
पर
दौड़ती
नजर
आई
थीं।
उससे
पहले
2010,
2014
(दो
महीने
से
ज्यादा)और
2016
में
भी
क्रमश:
प्रदर्शनों,
बाढ़
और
हिजबुल
आतंकी
बुरहान
वानी
की
मौत
के
बाद
(6
महीने)
ट्रेन
सेवाएं
लंबे
वक्त
तक
ठप
हो
चुकी
हैं।
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