कश्मीर में कुछ रुकने वाला नहीं है.. डिलिमिटेशन और स्टेटहुड पर बोले अमित शाह
श्रीनगर, 23 अक्टूबर: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 23 अक्टूबर से 3 दिन के जम्मू-कश्मीर दौरे पर हैं। इस दौरान शनिवार शाम को अमित शाह ने श्रीनगर में जम्मू-कश्मीर यूथ क्लब के सदस्यों को संबोधित किया। अपने संबोधन में गृह मंत्री ने कहा कि सवा दो साल के बाद मैं जम्मू-कश्मीर आया हूं और सुरक्षा समीक्षा बैठक के बाद मेरा पहला कार्यक्रम यूथ क्लब के युवा साथियों के साथ हो रहा है, मैं जम्मू-कश्मीर के युवाओं से मिलकर बहुत आनंद और सुकून का अनुभव करता हूं। इसी के साथ शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को फिर से स्टेटहुड का स्टेटस भी वापस मिलेगा।

सभा को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि 5 अगस्त 2019 को सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा। यह आतंकवाद, भाई-भतीजावाद, भ्रष्टाचार का अंत था। जम्मू-कश्मीर के युवाओं को केंद्र शासित प्रदेश के विकास में योगदान देना है, यह उनकी जिम्मेदारी है। कश्मीर को भारत सरकार से मदद आती है, आनी भी चाहिए, कश्मीर ने बहुत सहा है, लेकिन एक दिन ऐसा जरूर आएगा जब कश्मीर भारत के विकास के लिए योगदान करेगा।
#WATCH: People questioned curfew, internet suspension. Had there been no curfew, don't know how many lives would have been lost. Kashmir youth has been saved due to curfew, internet suspension...3 families ruled for 70 yrs...Why were 40,000 people killed?: Home Minister Amit Shah pic.twitter.com/v8lxggQkbP
— ANI (@ANI) October 23, 2021
फिर से मिलेगा स्टेटहुड का स्टेटस
इसी के साथ गृहमंत्री ने कहा कि कश्मीर लेने वाला नहीं, भारत को देना वाला प्रदेश बनेगा। इसी के साथ उन्होंने कहा कि कश्मीर में युवाओं को मौका मिले इसलिए अच्छा डिलिमिटेशन भी होगा, डिलिमिटेशन के बाद चुनाव भी होगा और फिर से स्टेटहुड का स्टेटस भी वापस मिलेगा।
#WATCH | ...Terrorism has reduced, stone pelting has become invisible and ...I want to assure you that strict action will be taken against those who want to ruin peace of J&K, no one can obstruct development here. It's our commitment: Union Home Minister Amit Shah in Srinagar pic.twitter.com/bTiLYpnnsW
— ANI (@ANI) October 23, 2021
'अगर कर्फ्यू नहीं होता तो...'
शाह ने अपने संबोधन में कहा कि लोगों ने कर्फ्यू, इंटरनेट बंद करने पर सवाल उठाए। अगर कर्फ्यू नहीं होता तो न जाने कितनी जानें जातीं। कर्फ्यू, इंटरनेट बंद होने से कश्मीर के युवाओं को बचाया गया। 3 परिवारों ने 70 साल तक राज किया। 40,000 लोग क्यों मारे गए? हमें परिसीमन क्यों रोकना चाहिए? परिसीमन होगा, उसके बाद चुनाव और फिर राज्य का दर्जा बहाल होगा। मैं कश्मीरी युवाओं से दोस्ती करना चाहता हूं।
'आतंकवाद कम, पत्थरबाजी गायब'
वहीं आतंकियों पर बोलते हुए शाह ने कहा कि आतंकवाद कम हो गया है, पत्थरबाजी गायब हो गई है। मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि जो लोग जम्मू-कश्मीर की शांति को बर्बाद करना चाहते हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, यहां कोई भी विकास में बाधा नहीं डाल सकता है। यह हमारी प्रतिबद्धता है।
इंस्पेक्टर परवेज अहमद के घर पहुंचे
आपको बता दें कि दोपहर में कश्मीर पहुंचने के बाद सबसे पहले शाह ने नौगाम में इंस्पेक्टर परवेज अहमद के घर जाकर उनके परिजनों से मुलाकात की। परवेज अहमद की आतंकियों द्वारा हत्या कर दी गई थी। वहीं उन्होंने सुरक्षा समीक्षा के संदर्भ में उच्च अधिकारियों के साथ बैठक भी की थी।