हुर्रियत नेता ने कश्मीरी छात्रों को पाकिस्तान में बेचीं MBBS की सीटें, पैसे से की आतंकी फंडिग
श्रीनगर, 10 मई: जम्मू कश्मीर में एमबीबीएस सीट घोटाला सामने आया है। इस मामले में पुलिस ने एक हुर्रियत नेता को गिरफ्तार किया है। इस शख्स पर आरोप है कि उसने जम्मू कश्मीर के छात्रों को पाकिस्तान में एमबीबीएस कराने के लिए सीटें बेची हैं। इन सीटों के बदल मिले पैसे का इस्तेमाल भारत विरोधी आतंकी अभियानों में लगाया है। बताया जा रहा है कि, एक एमबीबीएस की सीट को 15 से 20 लाख रुपए में बेचा गया था।
अदालत ने मंगलवार को एक हुर्रियत नेता और अन्य लोगों पर पाकिस्तान के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की सीटें कश्मीरी छात्रों को 'बेचने' और उस पैसे का इस्तेमाल जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को फंड करने के लिए करने का आरोप लगाया है। श्रीनगर में एनआईए अदालत ने एक हुर्रियत नेता और अन्य के खिलाफ जम्मू-कश्मीर के निवासियों को पाकिस्तान में कॉलेजों में एमबीबीएस और अन्य पाठ्यक्रम प्रवेश की व्यवस्था के लिए कुछ शैक्षिक सलाहकारों के साथ कथित तौर पर हाथ मिलाने के तहत आरोप तय किए है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान में एडमिशन में लिए 15 से 20 लाख रुपए लिए गए। लग्जरी लाइफ के लिए पैसे का इस्तेमाल हुआ। इसके अलावा धन का उपयोग आतंकवाद को फंड देने के लिए किया गया था। तलाशी वारंट प्राप्त करने के बाद विशेष जांच एजेंसी (एसआईए) के अधिकारियों ने जांच के दौरान आरोपी व्यक्तियों के घरों और अन्य स्थानों पर तलाशी ली थी।
तलाशी के दौरान जब्त किए गए दस्तावेजों और अन्य सामग्री का विश्लेषण किया गया और यह पाया गया कि आरोपी व्यक्तियों के खाते (खातों) में एमबीबीएस सहित पाकिस्तान में विभिन्न तकनीकी और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्रदान करने के लिए पैसे डाले गए थे। छात्रों को पाकिस्तान में हुर्रियत कार्यालय में राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा में शामिल होने के लिए कहा गया था ताकि इन युवाओं को यह विश्वास दिलाया जा सके कि वे एक पूर्व-योग्यता परीक्षा लिख रहे थे।
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जांच के दौरान, गवाहों के बयान दर्ज किए गए और एकत्र किए गए अन्य सबूतों के आधार पर यह सामने आया कि पाकिस्तान में एमबीबीएस और अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश उन छात्रों को दिया जाता था जो मारे गए आतंकवादियों के करीबी परिवार के सदस्य / रिश्तेदार थे। हुर्रियत के सदस्यों की सिफारिशों पर और पाकिस्तान में उनके समकक्षों द्वारा इस काम को अंजाम दिया जाता था।