45 डकैत पकड़ने वाले IPS मृदुल कच्छावा के खिलाफ क्यों हुए MLA पीआर मीणा? जानिए असली वजह
जयपुर, 19 अक्टूबर। राजस्थान के करौली जिले के टोडाभीम से कांग्रेस विधायक पीआर मीणा ने करौली एसपी मृदुल कच्छावा के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। बीते तीन दिन से एसपी वर्सेज एमएलए का मामला सुर्खियों में है। शिकायती पत्र लिखने के बाद विधायक जहां अब खुद सीएम अशोक गहलोत से मिलकर एसपी को हटाने की मांग करने की कह रहे हैं। वहीं, करौली एसपी मृदुल कच्छावा ने चुप्पी साध रखी है।
आईपीएस मृदुल कच्छावा के समर्थन में कर रहे पोस्ट
करौली एसपी व टोडाभीम विधायक प्रकरण सोशल मीडिया पर भी ट्रेंड कर रहा है। बड़ी संख्या में लोग आईपीएस मृदुल कच्छावा के समर्थन में पोस्ट कर रहे हैं। साथ ही लिख रहे हैं कि सत्य पराजीत हो सकता है हार नहीं सकता। विधायक के खिलाफ लोगों ने करौली जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन भी किया।
विधायक ने सीएम को लिखा पत्र
दरअसल, 16 अक्टूबर को टोडाभीम विधायक ने राजस्थान मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर करौली एसपी की शिकायत करते हुए लिखा कि 'करौली एसपी का व्यवहार और काम जनप्रतिनिधियों, आम जनता के प्रतिकूल है। एसपी के संरक्षण में भारी भ्रष्टाचार पनप रहा। पुलिस थानों से मासिक बंधी ली जा रही है। इसलिए एसपी को हटाया जाना चाहिए'
यहां पढ़े विधायक का शिकायती पत्र
करौली एसपी व विधायक के विवाद की असली वजह
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक करौली पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा आईपीएस और टोडाभीम विधायक पृथ्वीराज मीणा (पीआर मीणा) के बीच असली विवाद कांस्टेबल व निरीक्षक की पोस्टिंग का है। कहा जा रहा है टोडाभीम क्षेत्र से विधायक पीआर मीणा एक इंस्पेक्टर व कांस्टेबल को हटवाना चाहते थे। एसपी मृदुल कच्छावा ने विधायक का कहा नहीं माना। विधायक का आरोप था कि कांस्टेबल ने उनके क्षेत्र की महिला से अभद्रता की और इससे जातीय संघर्ष की आशंका थी। इसके बावजूद उसे नहीं हटाया गया।
चंबल बीहड़ों से डकैतों को सफाया
आईपीएस मृदुल कच्छावा काबिल और युवा पुलिस अफसरों में से एक हैं। लॉकडाउन के दौरान मृदुल कच्छावा अपनी टीम के साथ चंबल बीहड़ में उतरे थे और महज 11 माह में 45 डकैतों को पकड़ने में सफलता हासिल की। धौलपुर एसपी से इनका ट्रांसफर करौली एसपी पद पर किया गया तो लोगों ने इन्हें भावभीनी विदाई थी।
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