Mridul Kachawa : IPS मृदुल कच्छावा के सपोर्ट में सड़कों पर उतरे लोग, MLA क्यों चाहते इनका ट्रांसफर?
करौली, 18 अक्टूबर। राजस्थान के सबसे युवा आईपीएस अधिकारियों में से एक मृदुल कच्छावा ट्रेंड में हैं। लोगों के दिलों में भी और सोशल मीडिया पर भी। शायद यही वजह है कि इनके समर्थन में लोग सड़कों पर उतर आए और ट्विटर पर सत्य और असत्य की लड़ाई में इनकी जीत के ट्वीट भी हो रहे हैं।
मृदुल कच्छावा, एसपी करौली
दरअसल, आईपीएस अधिकारी मृदुल कच्छावा राजस्थान में करौली पुलिस अधीक्षक पर सेवाएं दे रहे हैं। करौली जिले के टोडाभीम विधायक पीआर मीणा ने करौली एसपी मृदुल कच्छावा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इनके तबादले की मांग की है।
विधायक के आरोपों के खिलाफ लोगों का प्रदर्शन
करौली एसपी पर विधायक पीआर मीणा द्वारा आरोप लगाए जाने का जिले में विरोध हो रहा है। विधायक के खिलाफ करौली सर्व समाज द्वारा कलेक्ट्रेट के सामने प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम एडीएम को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन सौंपकर मुख्यमंत्री से एसपी पर लगाए गए आरोपों को खारिज करने और टोडाभीम विधायक से अपनी शिकायत वापस लेने और सर्व समाज से माफी मांगने की मांग की है।
टोडाभीम विधायक पीआर मीणा का पत्र
गौरतलब है कि 3 दिन पूर्व टोडाभीम विधायक पीआर मीणा ने राजस्थान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम पत्र लिखकर करौली एसपी मृदुल कच्छावा पर भ्रष्टाचार, मासिक बंधी वसूलने, जनप्रतिनिधियों को सम्मान नहीं देने एवं अपराध को बढ़ावा देने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। साथ ही एसपी को बदलने की भी मांग की थी।
PremSukh
Delu
IPS
:
संघर्ष,
मेहनत
और
कामयाबी
का
दूसरा
नाम
है
प्रेमसुख
डेलू,
पटवारी
से
बने
आईपीएस
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ पत्र
आईपीएस मृदुल कच्छावा के खिलाफ लिखा गया विधायक का शिकायती पत्र सोशल मीडिया पर वायरल होते ही एसपी के समर्थन और टोडाभीम विधायक के विरोध में लोग सोशल मीडिया पर कमेंट करने लगे। ट्विटर पर लोग इसे सत्य को परेशान किए जाने की बात लिखकर एसपी के समर्थन में पोस्ट कर रहे हैं। विधायक के पुतले फूंके जाने की भी खबर हैं।
आईपीएस के खिलाफ एमएलए का पत्र
विधायक पीआर मीणा ने आईपीएस मृदुल कच्छावा के खिलाफ राजस्थान सरकार को शिकायती पत्र में लिखा कि 'करौली पुलिस का कार्य एवं व्यवहार आमजन एवं जनप्रतिनिधियों के प्रतिकूल है। पुलिस अधीक्षक करौली का व्यवहार गैर जिम्मेदाराना है, जो कि लोकतंत्र में ठीक नहीं है। पुलिस अधीक्षक करौली के संरक्षण में जिले में भारी भ्रष्टाचार पनप रहा है। इनके आने के बाद से जिले के पुलिस थानों में मासिक बंधी एवं बजरी निकासी पर भारी रुपए लेकर भष्ट्राचार किया जा रहा है, जो कि पूर्व में बंद हो चुका था। करौली की स्थापना से लेकर आज तक ऐसा भ्रष्ट अधिकारी नहीं आया। इसलिए एसपी करौली को तुरंत अपने पद से हटाकर किसी अन्य अधिकारी को जिले में पुलिस अधीक्षक लगाने का श्रम करें'
आईपीएस मृदुल कच्छावा की बायोग्राफी
बता दें कि वर्ष 2015 के राजस्थान कैडर के आईपीएस अधिकारी मृदुल कच्छावा मूलरूप से बीकानेर जिले के गंगाशहर निवासी हैं। यहां पर 30 अगस्त 1989 को मृदुल कच्छावा का जन्म हुआ था। साल 2014 में 216वीं रैंक के साथ यूपीएससी परीक्षा पास करने से पहले मृदुल कच्छावा सीए और सीएस परीक्षा में भी सफलता हासिल कर चुक हैं।
8 जुलाई 2020 से करौली में एसपी हैं। इससे पहले पड़ोसी जिले धौलपुर में एसपी थे। इसके अलावा एसीबी अजमेर में एसपी, सीआई श्रीगंगानगर ग्रामीण और एएसपी भीलवाड़ा के रूप में भी सेवाएं दे चुके हैं। INTERNATIONAL BUSINESS में मास्टर डिग्री प्राप्त करने वाले मृदुल कच्छावा की शादी कनिका सिंह से हुई है। इनका परिवार जयपुर में रहता है।
धौलपुर एसपी रहते हुए चंबल बीहड़ से पकड़े 22 डकैत
साल 2020 में आईपीएस मृदुल कच्छावा की उम्र 31 साल थी और इन्हें बतौर एसपी प्रथम पोस्टिंग धौलपुर जिले में मिली। राजस्थान का यह इलाका चंबल का है और यहां आज भी डकैतों का खौफ है, मगर युवा आईपीएस मृदुल कच्छावा लॉकडाउन के दिनों में खुद अपनी टीम के साथ चंबल के बीहड़ में उतरे और महज 11 माह में 44 डकैतों को पकड़ने में सफलता हासिल की। इनमें डकैत जगन गुर्जर का छोटा भाई पप्पू गुर्जर, डकैत लाल सिंह गुर्जर, डकैत रामविलास गुर्जर, डकैत भारत गुर्जर, डकैत रामविलास गुर्जर एवं डकैत रघुराज गुर्जर जैसे खूंखार डकैत शामिल थे।
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