जानिए कौन हैं समित शर्मा जो डॉक्टर से बने IAS, इनका तबादला होते ही क्यों शुरू हो जाता है सरकार का विरोध?
जयपुर। राजस्थान की अशोक गहलोत ने बीती रात सवा एक बजे आदेश जारी कर सूबे के 67 आईएएस अधिकारियों के ट्रांसफर किए हैं। इनमें जयपुर व उदयपुर के संभागीय आयुक्त व आठ जिलों के कलेक्टर भी बदले गए हैं।
डॉ. समित शर्मा के ट्रांसफर पर चर्चा
राजस्थान में अफसरों की तबादला सूची जारी होने के बाद से ही IAS डॉ. समित शर्मा एक बार फिर चर्चा में हैं। लोगों ने इनका ट्रांसफर निरस्त किए जाने तक की मांग शुरू कर दी है। इनके तबादले को लेकर सोशल मीडिया पर भी जमकर भड़ास निकाली जा रही है। साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र भी लिखा गया है, जो वायरल हो रहा है।
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अब सीएम की गुड लिस्ट में नहीं
राजस्थान के अफसरशाही के मिजाज को जानने वाले कहते हैं कि आईएएस समित शर्मा कभी सीएम अशोक गहलोत के पसंदीदा अफसरों में से एक हुआ करते थे। गहलोत सरकार के पहले के कार्यकाल में निशुल्क दवा जैसी बड़ी योजना को धरातल पर लाने का श्रेय आईएएस समित शर्मा को जाता है। इन पर आमिर खान के सत्यमेव जयते में एपिसोड भी बन चुका है, मगर अब समित शर्मा सीएम गहलोत की गुड लिस्ट में नहीं हैं। शायद यही वजह है कि बीते चार साल में समित शर्मा का आठ बार तबादला किया जा चुका है।
जयपुर संभागीय आयुक्त पद से ट्रांसफर
राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार 7 अप्रेल की रात को 67 आईएएस अधिकारियों का तबादला किया है। इनमें आईएएस डॉ. समित शर्मा को जयपुर संभागीय आयुक्त पद से सामाजिक न्याय व अधिकारिकता विभाग में सचिव लगाया गया है। जयपुर से पहले जोधपुर के संभागीय आयुक्त थे।
कार्यालय समय में कभी भी मिलें
बता दें कि आईएएस समित शर्मा अपने तबादलों के साथ-साथ अनूठे फैसलों की वजह से भी चर्चा में रहते हैं। जयपुर में चार माह तक संभागीय आयुक्त रहने के दौरान समित शर्मा ने अपने कार्यालय के बाहर बोर्ड लगाकर मिलने का समय लिखा था-' कार्यालय समय में कभी भी' बोर्ड की तस्वीर सोशल मीडिया में काफी वायरल हुई थी। लोगों ने समित शर्मा के इस फैसले की जमकर तारीफ भी की थी।
स्कूल का निरीक्षण कर बनाया वीडियो
पिछले कुछ समय से आईएएस समित शर्मा औचक निरीक्षण के चलते भी सुर्खियों में रहे हैं। ये अपने निरीक्षण का पूरा वीडियो बनवाते है। इनका ऐसा ही एक वीडियो अक्टूबर 2020 में वायरल हुआ था। उस समय जोधपुर संभागीय पद पर कार्यरत डॉ. समित शर्मा जालौर जिले के दौरे पर थे। रास्ते में पाली के जिले रोहट इलाके में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सिणगारी में सुबह सवा आठ बजे औचक निरीक्षण करने पहुंच गए थे। डॉ. शर्मा को निरीक्षण के दौरान पता चला कि सिणगारी के राउमावि में 16 के स्टाफ में से महज 5 अध्यापक मौजूद है। ये भी धूप सेंकते, मोबाइल चलाते और गप्प मारते पाए गए। निरीक्षण का यह वीडियो काफी वायरल हुआ था।
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नागौर व चित्तौड़गढ़ में ट्रांसफर का हुआ था विरोध
अपने 16 साल की सर्विस में डॉ. समित शर्मा 30 जून 2008 से लेकर तीन जनवरी 2011 तक चित्तौड़गढ़ और नागौर के जिला कलेक्टर रहे। दोनों जिलों में अपने कामकाज से इन्होंने लोगों व कर्मचारियों के दिलों में जगह बनाई। तब इन्हें जनता का कलेक्टर कहा जाता था। यही वजह है कि नागौर और चित्तौड़गढ़ में समित शर्मा का ट्रांसफर हुआ तो जनता व कर्मचारी नाराज हो गए। ट्रांसफर निरस्त करवाने के लिए हजारों लोग सड़कों पर उतर आए थे।
समर्थकों के साथ-साथ विरोध करने वाले भी खूब
आईएएस समित शर्मा के समर्थन में राजस्थान में बड़ी संख्या में लोग हैं। वहीं इनका विरोध करने वाले भी कम नहीं हैं। इनके औचक निरीक्षणों से परेशान होकर शिक्षक समाज तो कई बार इनका विरोध जता चुका है। विरोधियों का यह भी तर्क है कि समित शर्मा कर्मचारियों पर सख्ती बरतकर और निरीक्षण के वीडियो वायरल करवाकर लाइमलाइट में रहना चाहते हैं जबकि समित शर्मा के समर्थकों का तर्क है कि वे अपना काम ईमानदारी से कर रहे हैं। कर्मचारियों और अधिकारियों को लगातार टाइट कर रहे हैं। जबकि राजस्थान सरकार सख्त और सक्रिय अफसरों की कद्र नहीं कर रही।
आईएएस डॉ समित शर्मा का सर्विस रिकॉर्ड
समित शर्मा 2004 बैच के राजस्थान कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। मंसूरी, जयपुर व झालावाड़ा में ट्रेनिंग पूरी होने के बाद समित शर्मा को सबसे पहले 5 अगस्त 2006 को जोधपुर में एसडीएम लगाया गया। फिर ये कोटा नगर निगम के सीईओ, अलवर व भिवाड़ी यूआईटी में सचिव, चित्तौड़गढ़ व नागौर में जिला कलेक्टर, एनआरएचएम मिशन डायरेक्टर, आरएमएससी एमडी लगाया गया। इनके अलावा खनिज, ईजीएस, संयुक्त सचिव, विशेष सचिव, जयपुर मेट्रो चेयरमैन, श्रम आयुक्त, जयपुर व जोधपुर संभागीय आयुक्त के पद पर सेवाएं दे चुके हैं।
समित शर्मा आईएएस की जीवनी
21 फरवरी 1972 को जन्मे आईएएस समित शर्मा मूलरूप से राजस्थान के अजमेर के रहने वाले हैं। समित शर्मा ने एमबीबीएस की डिग्री हासिल कर रखी है। लोक सेवक बनने से पहले पांच साल तक समित शर्मा ने एक अस्पताल में डॉक्टर के रूप में सेवाएं दी। समित शर्मा ने अपने पिता सुरेंद्र कुमार शर्मा के दोस्त डॉ. पीसी जैन की बेटी डॉ. सोनिका से शादी की। इनके दो बच्चे हैं। शादी के बाद समित शर्मा यूपीएससी की तैयारियों में जुटे और आईएएस बने।