Raju Theth Sikar : राजू ठेठ के साथ मारा गया ताराचंद कड़वासरा कौन था? शव के पास बेटी की फोटो Viral

Gangster Raju Theth Murder : राजस्थान के सीकर में राजू ठेठ हत्याकांड में मारे गए दूसरे व्यक्ति की शिनाख्त ताराचंद कड़वासर के रूप में हुई है। ताराचंद कड़वासरा राजस्थान के नागौर जिले की डेगाना क्षेत्र के दोतिना गांव का रहने वाला था। सीकर में सीएलसी कोचिंग में ताराचंद की बेटी पढ़ रही है। इसी सिलसिले में ताराचंद का सीकर आना हुआ था। राजू ठेठ को शूट करने आए बदमाशों ने ताराचंद को भी गोली मार दी थी।

सीकर बॉस के नाम से मशहूर था राजू ठेठ
राजस्थान के शेखावाटी में अपराध की दुनिया में 'सीकर बॉस' के नाम मशहूर गैंगस्टर Raju Theth की 3 दिसम्बर 2022 को सीकर मुख्यालय की पिपराली रोड पर सीएलसी के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई। अपने भाई ओमा ठेठ के घर के दरवाजे पर खड़े राजू ठेठ को चार बदमाशों ने गोलियों से भून दिया। राजू ठेठ के तीन गोली लगी बताई। वारदात को अंजाम देने के बाद बदमाश हवाई फायर करते हुए भाग गए। सीकर पुलिस को उनके हरियाणा सीमा की तरफ भाग जाने की इत्तला मिली है।

ताराचंद कड़वासरा की हत्या क्यों?
राजू ठेहट के साथ मारे गए ताराचंद कड़वासरा को शूटरों ने गोली क्यों मारी? इसका जवाब अभी तक नहीं मिल पाया है। मौके पर मौजूद कई लोग कर रहे हैं कि ताराचंद घटना का वीडियो बना रहा था। इसलिए बदमाशों ने उसे गोली मार दी। वहीं, कुछ लोगों का यह भी कहना है कि ताराचंद को गलती से गोली मारी गई है। यह बात भी सामने आ रही है कि ताराचंद कड़वासरा राजू ठेठ परिवार का रिश्तेदार था।

हरियाणा की तरफ भागे राजू ठेठ के हत्यारे
राजू ठेठ हत्याकांड में नागौर के ताराचंद कड़वासरा की हत्या की असली वजह आरोपियों के पकड़े जाने और सीकर पुलिस की जांच में सामने आ सकेगी। राजस्थान डीजीपी उमेश मिश्रा का कहना है कि राजू ठेठ के संदिग्ध हत्यारों की शिनाख्त की गई है। उनके हरियाणा भागने की आशंका है। सीकर पुलिस पीछा कर रही है। पुलिस घटनास्थल के आस पास समेत बदमाशों के भागने के संभावित रास्तों से सीसीटीवी फुटेज खंगाले हैं।

पिता के शव के पास रोती रही बेटी
राजू ठेठ हत्याकांड के सीसीटीवी फुटेज के अलावा एक तस्वीर भी वायरल हो रही है, जिसमें बेटी अपने पिता के शव के पास बैठकर रो रही है। यह तस्वीर ताराचंद कड़वासर के शव और उनकी बेटी की है। उनकी बेटी सीकर में सीएलसी से पढ़ाई कर रह है। कोई कह रहा है कि ताराचंद कड़वासरा बेटी का कोचिंग में दाखिला करवाने आए थे जबकि कोई कह रहा है कि वे बेटी से मिलने आए थे।

राजू ठेठ का शव नहीं लिया
राजू ठेठ की हत्या के बाद से सीकर शहर में माहौल तनावपूर्ण है। दोनों शव एसके अस्पताल सीकर के मुर्दाघर में रखे हुए हैं। राजू ठेठ के परिजन, समर्थक व वीर तेजा सेना से जुड़े लोग बड़ी संख्या में मौजूद हैं। लोग आरोपियों को अरेस्ट किए जाने की मांग कर रहे हैं। इससे पहले शव लेने व पोस्टमार्टम करवाने से मना कर रखा है।

सीकर के बाजारों में सन्नाटा
सीकर में राजू ठेठ हत्याकांड के बाद से बाजार बंद हैं। सीकर के बाजारों में सन्नाटा पसरा पड़ा है। सिर्फ एसके अस्पताल सीकर के अंदर व बाहर लोगों का जमावड़ा है। वहीं, शांति व्यवस्था के लिहाज से सीकर को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। सीकर पुलिस के जवान बाजारों में फ्लैग मार्च कर रहे हैं।

कौन था राजू ठेठ?
राजू ठेठ सीकर में अपराध जगत का जाना माना नाम था। सीकर जिले के दांतारामगढ़ उपखंड में जीणमाता के पास गांव ठेहट (ठेठ) का रहने वाला था। इसीलिए राजू अपने नाम के साथ ठेठ लगाता था। राजू ठेठ के खिलाफ अनेक संगीन मामले दर्ज हैं। तीन माह पहले ही जेल से जमानत पर बाहर आया था। कहते हैं कि राजू ठेठ सीकर की राजनीति में भी उतरने की तैयारी कर रहा था।

राजू ठेठ की हत्या कैसे हुई?
राजू ठेठ हत्याकांड सीकर 2022 का एक सीसीटीवी फुटेज तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें देखा जा सकता है कि चार बदमाश हाथ में बंदूक लेकर सीकर में पिपराली रोड स्थित ओमा ठेठ के घर के बाहर पहुंचते हैं। तब राजू ठेठ घर से बाहर दरवाजे पर आता है। एक बदमाश उससे बात करने लगता है। इतने में ही दूसरा बदमाश राजू ठेठ को गोली मार देता है। फिर अन्य बदमाश भी उस पर फायर करने लगते हैं। राजू ठेठ निढाल होकर दरवाजे के सामने गिर जाता है। बदमाश एक बार तो भाग जाते हैं, मगर फिर वापस आकर उस पर और गोलियां दागते हैं। फिर हवाई फायर करते हुए भाग जाते हैं।

राजू ठेठ की हत्या किसने की?
राजू ठेठ के परिजन, समर्थन, सीकर पुलिस और आमजन को अभी तक इस सवाल का जवाब नहीं मिल पाया है कि आखिर राजू ठेठ उर्फ राजू ठेहट की हत्या किसने व क्यों की? राजू हत्याकांड में सबसे पहला नाम रोहित गोदारा व दूसरा नाम गोल्डी बराड़ का आया है। दोनों ही लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े हैं। वहीं, आनंदपाल गैंग और आनंदपाल की प्रेमिका रही लेडी डॉन अनुराधा चौधरी का भी नाम सामने आ रहा है। हालांकि अभी तक इनमें किसी के भी द्वारा राजू ठेठ की हत्या की बात पुख्ता नहीं हुई है।

किसने ली राजू ठेठ हत्याकांड की जिम्मेदारी?
सीकर में 3 दिसम्बर 2022 की सुबह नौ बजे राजू ठेठ की हत्या के कुछ देर बाद ही रोहित गोदारा कपुरीसर नाम की फेसबुक आईडी से की गई पोस्ट में लिखा है कि 'राम राम सभी भाइयों को आज ये जो राजू ठेठ की हत्या हुई है। उसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी मैं लॉरेंस बिश्नोई गैंग का रोहित गोदारा लेता हूं। ये हमारे बड़े भाई आनंदपाल व बलबीर बानूड़ा की हत्या में शामिल था जिसका बदला आज हमने इसे मारकर पूरा किया है। रही बात हमारे और दुश्मनों की तो उनसे भी जल्द मुलाकात होगी। जय बजरंग बली'

किससे थी राजू ठेठ की दुश्मनी?
24 जून 2017 को चूरू के मालासर गांव में पुलिस एनकाउंटर में मारे गए कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल और राजू ठेठ की गैंग की दुश्मनी किसी से छुपी हुई नहीं थी। दोनों ही गैंग एक दूसरे के खून की प्यासी हमेशा से रही है। राजू ठेठ को संरक्षक रहे गोपाल फोगाावट की हत्या भी आनंदपाल गैंग ने करवाई थी। फिर राजू ठेठ गैंग ने आनंदपाल व बलबीर बानूड़ा पर बीकानेर जेल में हमला करवाया। इसके बाद से दोनों गिरोह में दुश्मनी बढ़ती ही चली गई थी।

राजू ठेठ गैंगस्टर कैसे बना?
राजू ठेठ साल 1995 में गोपाल फोगावट के सम्पर्क में आया। गोपाल फोगावट सीकर के श्री कल्याण कॉलेज की छात्र राजनीति में सक्रिय था। एबीवीपी कार्यकर्ता था। वह एसके हॉस्पिटल में मेल नर्स हुआ करता था। गोपाल फोगावट व राजू ठेठ की दोस्ती थी। दोनों अवैध शराब बेचने के धंधे में उतर गए थे। फिर गोपाल फोगावट के जरिए राजू ठेठ गांव बानूड़ा के बलबीर से मिला, जो दूध बेचा करता था, मगर ज्यादा पैसा कमाने के लालच में बलबीर भी राजू ठेठ के साथ अवैध शराब बेचने लगा। यहां से राजू ठेठ गैंगस्टर बनने की ओर तेजी से बढ़ा।

राजू ठेठ ने किसका मर्डर किया?
साल 2004 में राजू ठेठ और बलबीर बानूड़ा जीणमाता में शराब की दुकान चलाते थे। बलबीर का साला विजयपाल उस दुकान पर सेल्समैन हुआ करता था। राजू ठेठ को लगता था कि विजयपाल ब्लैक में शराब बेचता है। इस बात से हुई कहासुनी में राजू ठेठ व उसके साथियों ने विजयपाल की हत्या कर दी। साले की हत्या के बाद बलबीर बानूड़ा राजू ठेठ का दुश्मन बन गया और बदला लेने के लिए आनंदपाल गैंग की शरण में चल गया था। फिर राजू ठेठ, आनंदपाल व बलबीर बानूड़ा तीनों ही सलाखों के पीछे पहुंच गए थे। जेल में इनकी दुश्मनी जारी रही।
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आनंदपाल का एनकाउंटर, राजू ठेठ की हत्या
बीकानेर जेल में 26 जनवरी 2013 को राजू ठेठ गैंग ने आनंदपाल व बलबीर बानूड़ा पर हमला करवाया। बलबीर बानूड़ा मारा गया। फिर आनंदपाल पेशी से लौटते समय फरार हो गया और 24 जून 2017 में आनंदपाल का भी पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया। इधर, राजू ठेठ जमानत पर तीन माह पहले जेल से बाहर आया। अब 3 दिसम्बर 2022 को राजू ठेठ की गोली मारकर हत्या कर दी गई।