मंकीपॉक्स को लेकर सतर्क हुआ राजस्थान, आरयूएचएस में डेडीकेटेड वार्ड बनाया, 24 घंटे में मिलेगी जांच रिपोर्ट
जयपुर, 30 जुलाई। देश दुनिया में मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार की गाइडलाइन के बाद अब राजस्थान में भी इसे लेकर सतर्कता बढ़ा दी गई है। जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज में इस बीमारी की जांच के लिए लैब शुरू कर दी गई है। मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ राजीव बगरहट्टा की अध्यक्षता में एक बैठक हुई। बैठक में लोगों को इस बीमारी से अवेयर करने के लिए कैंपेन चलाने का निर्णय किया गया है। डॉ. बगरहट्टा ने बताया कि राज्य सरकार मंकीपॉक्स के बारे में पहले ही गाइडलाइन जारी कर चुकी है। हम अपने स्तर पर अब लोगों को जागरूक करने का काम करेंगे। वहीं हमने अपने यहां इस वायरस की जांच की फैसिलिटी भी शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि अगर जयपुर में कोई केस मंकीपॉक्स का आता है तो उसे आरयूएचएस में अलग से डेडीकेटेड वार्ड में रखा जाएगा। जहां भर्ती मरीजों का इलाज किया जा सकेगा। देश में अब तक मंकीपॉक्स के चार के सामने आ चुके हैं। इनमें से 3 मरीज केरल में और 1 दिल्ली में मिला है। अब तक चार संदिग्ध केस भी सामने आ चुके हैं। सभी के सैंपल नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलॉजी पुणे भिजवाए गए हैं। हालांकि अभी तक रिपोर्ट नहीं आई है।
Rajasthan News: प्रदेश के नाम एक और उपलब्धि, परिवार नियोजन सेवाओं के लिए मिला राष्ट्रीय पुरस्कार
24 घंटे में मिलेगी जांच रिपोर्ट
डॉ. बगरहट्टा ने बताया कि जयपुर में लैब खुलने के बाद जहां कलेक्ट किए जाने वाले सैंपल को जांच के लिए पुणे नहीं भेजना पड़ेगा। हमने मेडिकल कॉलेज में ही इसकी व्यवस्था शुरू कर दी है। सैंपल कलेक्शन का काम एसएमएस मेडिकल कॉलेज में ही किया गया है। उन्होंने बताया कि जयपुर के अलावा दूसरे बड़े शहरों में भी सैंपल कलेक्शन सेंटर खोले जाएंगे। इसके लिए हेल्थ डिपार्टमेंट को पत्र लिखा जाएगा। ताकि सैंपल जांच के लिए जयपुर भेजी जा सके। मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट के एचओडी और सीनियर प्रोफेसर डॉक्टर भारती मल्होत्रा ने बताया कि देश में अब 15 लैब में मंकीपॉक्स वायरस की जांच की जा रही है। जिसमें जयपुर भी शामिल है। सीएमआर की ओर से हमें किट दिए गए हैं। हमारे पास एडवांस मशीनें पहले से मौजूद है। सैंपल मिलने के 24 घंटे के दौरान हम रिपोर्ट देने में सक्षम हैं।
विदेश से आने वाले रहे सतर्क
एसएमएस मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों के मुताबिक इस मामले में अब सतर्क रहना जरूरी है। खासकर उन लोगों को जो दूसरे देशों से यात्रा करके भारत पहुंच रहे हैं। इसमें भी वे लोग ज्यादा सतर्क रहें। जो अफ्रीकी देशों से यहां आ रहे हैं। जिन लोगों को बुखार, गर्दन की गांठे, पूरी बॉडी पर चिकन पॉक्स जैसे दाने की समस्या आ रही है। वह तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। चिकित्सकों के मुताबिक इस केस में मरीज के प्राइवेट पार्ट और मलद्वार के आसपास एनोजेनाइटल पेन होता है।