Pulwama Attack : सीकर के CRPF जवान राजकुमार झाझड़िया की आखों के सामने शहीद हुए थे 40 साथी
Pulwama Attack : राजस्थान के सीआरपीएफ जवान राजकुमार झाझड़िया ने बयां किया वो आंखों देखा मंजर
जयपुर। 14 फरवरी 2019 को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले को देश कभी नहीं भूल पाएगा। पुलवामा हमले में हिन्दुस्तान ने 40 बहादुर सीआरपीएफ जवानों को खोया था। राजस्थान के सीकर जिले के थोई कल्याणपुरा निवासी राजकुमार झाझड़िया भी सीआरपीएफ जवानों के उस काफिले में शामिल थे। बाल-बाल बच गए थे। झाझड़िया ने अपनी आंखों के सामने 40 साथी जवानों को शहीद होते देखा था।
सीआरपीएफ के काफिले में थे 78 जवान
पुलवामा हमले की पहली बरसी पर आइए राजकुमार झाझड़िया से जानते हैं वो आंखों देखा मंजर जो देश को कभी नहीं भूल सकने वाला गम दे गया। मीडिया से बातचीत में राजकुमार झाझड़िया ने बताया कि 14 फरवरी 2019 को सीआरपीएफ जवानों का हमारा काफिला पुलवामा के अवंतीपोरा इलाके से गुजर रहा था। काफिले में हम 78 जवान थे।
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आगे वाली बस में बैठे थे राजकुमार झाझड़िया
मैं काफिले में सबसे आगे चल रही बस में अन्य साथी जवानों के साथ सवार था। हमारी बसों के साथ-साथ उसी दिशा में एक कार भी चल रही थी। दो बसें आगे निकल चुकी थीं। तीसरी बस में अचानक जोरदार धमाका हुआ। उस बस के परखच्चे उड़ गए। हमने बस रोकी। तुरंत नीचे उतरे। देखा कि सड़क खून से लाल थी। सामने साथी जवानों के शव पड़े थे।
पुलवामा हमले के बाद नहीं उठाए परिजनों के फोन
वो मंजर खौफनाक था। रुह कंपा देने वाला था। हम बिल्कुल नहीं घरबाए। बस से उतरते ही तुरंत मोर्चा संभाला। घायल साथी जवानों को बचाने में जुट गए। हमले के थोड़ी ही देर बाद खबर देशभर में फैल गई थी। हमारे घरों से भी परिजनों के फोन पर फोन आ रहे थे, लेकिन किसी भी साथी ने परिजनों के फोन नहीं उठाए। सबसे पहले हमने साथी जवानों की मदद की। फिर घरों पर बताया कि हम सुरक्षित हैं, लेकिन बहुत से साथियों को खो दिया।
पुलवामा हमले में राजस्थान के 5 शहीद
बता दें कि पुलवामा हमले में राजस्थान के भी पांच जवान शहीद हुए थे। इनमें राजसमंद जिले के विनोल गांव के नारायण लाल गुर्जर, धौलपुर जिले के दिहौली थाना इलाके के गांव जैतपुर निवासी भागीरथ, कोटा जिले के सांगोद के गांव विनोद खुर्द निवासी हेमराज मीणा, भरतपुर जिले की नगर तहसील के गांव सुंदरावली के जीतराम गुर्जर, जयपुर जिले के अमरसर थाना इलाके के गांव गोविंदपुरा निवासी रोहिताश लाम्बा भी शामिल थे।
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