रमजान खान को पद्मश्री : मंदिर-मस्जिद दोनों में जाते हैं इनके चारों बेटे, बेटी का नाम लक्ष्मी
रमजान खान को पद्मश्री : 4 बेटों को करवाई संस्कृत की पढ़ाई, बेटी का नाम लक्ष्मी
जयपुर। 26 जनवरी 2020 की पूर्व संध्या को पद्मश्री पुरस्कारों की घोषणा की गई। 118 लोगों को इस साल पद्मश्री से नवाजा जाएगा। इनमें राजस्थान के मुन्ना मास्टर उर्फ रमजान खान भी शामिल हैं। हाल ही बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) के संस्कृत विभाग में बेटे फिरोज खान की नियुक्ति को लेकर हुए विवाद के बीच पिता मुन्ना मास्टर उर्फ रमजान खान भी चर्चा में रहे हैं।
पद्मश्री पुरस्कार के लिए चुने पर जाने वाले मुन्ना मास्टर उर्फ रमजान खान मूलरूप से राजस्थान के जयपुर जिले के बगरू के रहने वाले हैं। ये कौमि एकता की मिसाल हैं। यह वजह है कि इनका परिवार मस्जिद में सजदा भी करता है तो मंदिर जाकर पूजा भी। आइए जानते हैं रमजान खान और इनके परिवार के बारे में।
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श्रीकृष्ण के भक्त हैं रमजान
बता दें कि 61 वर्षीय रमजान खान की पहचान भजन गायक, भगवान श्रीकृष्ण के भक्त और गोसेवक के रूप में भी है। ये अपने भजनों के जरिए कवि रसखान की परंपरा का आगे बढ़ा रहे हैं। श्री श्याम सुरभि वंदना नामक किताब भी लिख चुके हैं। रमजान की बड़ी बेटी का नाम लक्ष्मी व छोटी बेटी का नाम अनिता है। लक्ष्मी की शादी में कार्ड पर गणेशजी की फोटो छपवाई थी।
रिश्तेदारों ने किया संस्कृत पढ़ाने का विरोध
रमजान खान के चार बेटे हैं। चारों को इन्होंने बगरू के राजकीय संस्कृत स्कूल में पढ़ाया। इस फैसला पर रमजान खान के रिश्तेदारों ने उनका विरोध भी किया और संस्कृत की बजाय मदरसे में उर्दू पढ़ाने को कहा, मगर रमजान ने चारों बच्चों को संस्कृत पढ़ाया। बड़ा बेटा फिरोज खान बीएचयू में संस्कृत का प्रोफेसर लग गया। बच्चों को संस्कृत पढ़ाने पर इनके रिश्तेदारों ने रमजान के परिवार से नाता तक तोड़ लिया।
पीढ़ियों की परम्परा को बढ़ा रहे आगे
रमजान खान बताते हैं कि वो कोई नया काम नहीं कर रहे बल्कि विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। रमजान के पिता गफूर खान गोसेवा किया करते थे। बगरू में हर कोई इस बात से वाकिफ है कि रमजान का परिवार हिन्दू और मुस्लिम का बराबर समान करता है। पिता के बाद बेटे रमजान खान ने कृष्ण और राम के भजन गायन को पेशा बनाया। इनके परिवार के प्रत्येक सदस्य को हनुमान चालीसा पूरी तरह याद है।