JEE में फेल हुई तो सबने कहा 'तुमसे नहीं हो पाएगा', अब 26 की उम्र में सालाना पैकेज ₹ 1.74 करोड़
सीकर। कहते हैं मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके हौसलों में दम होता है। ऐसे लोग ही कुछ कर गुजरते हैं, जो एक बार की असफलता से हार नहीं मानते हैं। ऐसा ही कुछ राजस्थान के सीकर जिले के लक्ष्मणगढ़ तहसील के गांव किरडोली छोटी की बेटी कंचन शेखावत ने कर दिखाया है।
अमेजन में बतौर सॉफ्टवेयर डवलपर कार्यरत
मीडिया से बातचीत में कंचन कहती हैं कि फिलहाल मैं अमेरिका के सियाटल में अमेजन में बतौर सॉफ्टवेयर डवलपर कार्यरत हूं। आईआईटी में दाखिले के लिए कोटा जाकर पढ़ाई की। 12वीं कक्षा के साथ जेईई की एग्जाम दी, लेकिन फेल हो गई। हिम्मत टूट गई। दोस्त भी सबने कहने लगे थे कि 'तुमसे नहीं हो पाएगा।'
प्रिंस स्कूल से की 12वीं कक्षा
सीकर स्थित प्रिंस एकेडमी के मुख्य प्रबंध निदेशक राजेश ढिल्लन ने बताया कि कंचन ने 10वीं में 89 फीसदी और 12वीं 85 फीसदी अंक हासिल किए। कंचन कहती हैं कि मन में नकारात्मक भाव आने लगे थे। तब प्रिंस एकेडमी के निदेशक जोगेन्द्र सुण्डा व चेयरमैन डा. पीयूष सुण्डा ने हौसला बढ़ाया। जेईई में निराशा हाथ लगी तो दूसरे विकल्प के बारे में सोचना शुरू किया।
मिजोरम एनआईटी में गोल्ड मेडल
एनआईटी करने की ठानी। मिजोरम एनआईटी में दाखिल लिया और वहां गोल्ड मेडल हासिल किया। फिर कंचन सैमसंग में इंटर्न करना चाहती थीं। दोस्त से जानकारी हासिल की तो जवाब मिला कि वह एनआईटी से पासआउट है जबकि बड़ी कम्पनियां सिर्फ आईआईटी से पासआउट युवाओं को ही तवज्जो देते हैं।
जून 2014 में आठ लाख का पैकेज
यहां भी अफसलता हाथ लगने के बावजूद कंचन में बढ़ते कदम रोके नहीं और ना ही अपना हौसला टूटने दिया। जून 2014 में आठ लाख सालाना पैकेज पर चेन्नई में पोलारिस में जॉब करने लगी। इसी दौरान कंचन ने ऑनलाइन टेस्ट देती रहीं। कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग और कम्यूनिकेशन स्किल में सुधार किया।
दस राउंड का इंटरव्यू पास किया
अब कंचन शेखावत में इतना आत्मविश्वास आ चुका था कि फरवरी 2016 में अमेजन कम्पनी में अमेरिका के लिए दस राउंड का ऑनलाइन इंटरव्यू पास कर दिखाया। फिलहाल अमेजन में कंचन का सालाना पैकेज 1.74 करोड़ रुपए का है।
कंचन शेखावत का परिवार
26 वर्षीय कंचन शेखावत गांव किरडोली छोटी के राजपूत मोहल्ला निवासी भंवर सिंह शेखावत और चांद कंवर की बेटी है। कंचन हाउसवाइफ बहन सुनीता कंवर से छोटी व प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे भाई धमेंद्र शेखावत से बड़ी है। भंवर सिंह शेखावत गुजरात के वडोदरा में प्लास्टिक का काम करते थे। ऐसे में कंचन की शुरुआती पढ़ाई गुजराती मीडियम से हुई।
एक ही परिवार की 8 बेटियां बनीं नेशनल प्लेयर, 5 राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल, पिता हैं चरवाहा