Rajasthan में जन आक्रोश यात्रा के शुभारंभ में भीड़ नहीं जुटने से नाराज होकर लौटे जेपी नड्डा, जानिए पूरा मामला
राजस्थान में जन आक्रोश यात्रा का शुभारंभ करने जयपुर आए राष्ट्रीय अध्यक्ष कार्यक्रम में भीड़ नहीं जुटने से नाराज होकर लौटे हैं। इस कार्यक्रम के दौरान पार्टी के भीतर गुटबाजी एक बार फिर उभर कर सामने आ गई है।
Rajasthan में जन आक्रोश यात्रा का आगाज करने जयपुर आए जेपी नड्डा राजस्थान भाजपा से नाराज होकर लौटे हैं। नड्डा की सभा में भीड़ नहीं जुटने से वे पार्टी के नेताओं से नाराज हो गए है। वही जन आक्रोश यात्रा के शुभारंभ के मौके पर मंच से भाजपा के भीतर की गुटबाजी एक बार फिर खुलकर सामने आ गई है। मंच पर मौजूद नेताओं ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में एक दूसरे पर व्यंग कसने में कोई कसर नहीं छोड़ी। जबकि भाजपा ने इस यात्रा का आयोजन कांग्रेस के खिलाफ हल्ला बोलने के लिए किया था। लेकिन जन आक्रोश यात्रा की शुरुआत ही पार्टी के भीतर चल रहे अंतर्कलह की भेंट चढ़ गई। इससे खफा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा नाराज होकर दिल्ली लौटे हैं।
राष्ट्रीय अध्यक्ष की सभा के लिए भीड़ नहीं जुटा पाई भाजपा
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जयपुर में मौजूद थे। लेकिन पार्टी उनकी सभा के लिए भीड़ नहीं जुटा पाई। कार्यक्रम में नेता तो पहुंचे। लेकिन उनके साथ भीड़ नहीं थी। सभा में जयपुर के तमाम विधायक, पूर्व विधायक मौजूद थे। लेकिन वे अकेले ही कार्यक्रम में शामिल होने पहुंच गए। अपने साथ भीड़ नहीं लाए। माना जा रहा है कि जयपुर शहर के तमाम पूर्व विधायक वसुंधरा राजे के खेमे से हैं। इन्होने कार्यक्रम में अपनी मौजूदगी तो दिखाई। लेकिन कार्यक्रम के लिए उन्होंने भीड़ जुटाने का कोई प्रयास नहीं किया। समारोह के दौरान मंच के सामने ज्यादातर कुर्सियां खाली नजर आई। जबकि प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया आमेर से विधायक है। जयपुर की एक सीट से चुनाव भी लड़ना चाहते हैं। मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं। पूनिया पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी है। बावजूद इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष के कार्यक्रम में हजार पंद्रह सौ लोग मौजूद थे। पूनिया का राजनीतिक कैरियर भी जयपुर में रहा है। इससे कई गुना ज्यादा भीड़ सतीश पूनिया के जन्मदिन पर आ गए थे। इस कार्यक्रम से प्रदेश संगठन मंत्री चंद्रशेखर सहित पूरे संगठन की कार्यकुशलता पर भी सवाल उठ रहे हैं।
वसुंधरा ने साधा सियासी विरोधियों पर निशाना
कार्यक्रम में भाजपा नेताओं ने अपने भाषण के दौरान व्यंग्यात्मक भाषा का इस्तेमाल किया। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भाषण के दौरान सीएम गहलोत और अपने सियासी विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा कि पब्लिक में नजर आइए, पोस्टर में नहीं। उनका निशाना सीएम गहलोत के साथ सतीश पूनिया पर था। वहीं प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी अपने संबोधन के दौरान व्यंग्य का इस्तेमाल किया। भाजपा नेताओं के भाषण को लेकर सियासी गलियारों में चर्चा है।
पार्टी के भीतर गुटबाजी आई सामने
भाजपा जन आक्रोश यात्रा के शुभारंभ के मौके पर पार्टी के भीतर की गुटबाजी एक बार फिर सामने आ गई है। भले ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एकजुटता का संदेश देने की कोशिश की हो। लेकिन वास्तविक रूप से पार्टी के नेता एकजुट नहीं थे। नेताओं के दिलों में खटास बरकरार है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पार्टी के मंच पर तमाम नेता मौजूद थे। लेकिन मंच के सामने उन तमाम नेताओं के समर्थक गायब थे। राजस्थान में मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर भाजपा के नेताओं के बीच विवाद है। पार्टी साफ कर चुकी है कि विधानसभा का चुनाव कमल के निशान और नरेंद्र मोदी के चेहरे पर लड़ा जाएगा। जेपी नड्डा की जयपुर कार्यक्रम के असफल होने की एक बड़ी वजह यह भी है। नड्डा की मौजूदगी में चेहरे दिखाने की रस्म अदायगी में भाजपा के नेता तो मौजूद रहे। लेकिन उन्होंने अपने समर्थकों को कार्यक्रम से दूर रखा। यही वजह थी कि इस कार्यक्रम में पार्टी भी नहीं जुटा पाई और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को नाराज होकर लौटना पड़ा।
गहलोत सरकार के खिलाफ है जन आक्रोश यात्रा
भाजपा राजस्थान में गहलोत सरकार को घेरने के लिए जन आक्रोश यात्रा निकाल रही है। इस यात्रा में पार्टी उन तमाम मुद्दों को जनता के सामने लाएगी। जिन पर गहलोत सरकार असफल रही है। लेकिन उससे पहले पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का यह कार्यक्रम पूरी तरह से फ्लॉप शो साबित हुआ है। पार्टी राजस्थान को लेकर बड़े-बड़े दावे करती है। बूथ मैनेजमेंट को लेकर बड़े-बड़े दावे करती है। लेकिन जब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का जयपुर में कार्यक्रम हुआ तो भाजपा की हवा निकल गई।