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Dr Joga Ram Jangid : वो ग्रामसेवक जो बिना कोचिंग के बना IAS, गांव में अखबार भी दो दिन बाद पहुंचते थे

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जयपुर, 1 अगस्‍त। भारत-पाकिस्‍तान सीमा पर स्थित बाड़मेर जिला मुख्‍यालय से 50 किलोमीटर दूर 52 सौ की आबादी वाले गांव गंगाला के जोगाराम जांगिड़ की जिंदगी उन लोगों के लिए मिसाल जो एक बार सरकारी नौकरी लगने के बाद उसी में पूरी जिंदगी खपा देते हैं। बड़े लक्ष्‍य का पीछा करना छोड़ देते हैं। इस बात का अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि जोगाराम जांगिड़ वो शख्‍स हैं जिन्‍होंने ग्रामसेवक से आईएएस बनने तक का सफर तय किया है।

आईएएस जोगाराम जांगिड़ की सक्‍सेस स्‍टोरी

आईएएस जोगाराम जांगिड़ की सक्‍सेस स्‍टोरी

आज हम आईएएस जोगाराम जांगिड़ की सक्‍सेस स्‍टोरी जिक्र इसलिए कर रहे हैं कि राजस्‍थान की ब्‍यूरोक्रेसी में इनका कद और बढ़ गया है। बीती रात राजस्‍थान कैडर के सात आईएएस, चार आईपीएस व सात आईएफएस के तबादले किए हैं। राजस्‍थान के स्‍वायत्‍त शासन विभाग के शासन सचिव आईएएस जोगाराम जांगिड़ को अब राजस्‍थान शहरी आधारभूत विकास परियोजना (आरयूआईडीपी) निदेशक की जिम्‍मेदारी भी सौंपी गई है।

 आईएएस जोगाराम का जन्‍म 17 जनवरी 1981 को हुआ

आईएएस जोगाराम का जन्‍म 17 जनवरी 1981 को हुआ

राजस्‍थान कैडर के शांत स्‍वभाव वाले अफसरों में से एक जोगाराम जांगिड़ का जन्‍म 17 जनवरी 1981 को अर्जुनराम जांगिड़ के घर हुआ। इनका गांव गंगाला बाड़मेर जिले में सबसे पिछड़े इलाका है। यहां जोगाराम ने अपने परिवार के फर्नीचर बनाने के पुस्‍तैनी काम की बजाय किताबों से दोस्‍ती की और अफसर बने। जब ये यूपीएससी की तैयारी करते तब यहां अखबार भी दो दिन पहुंचते थे। ऐसे में बीबीसी रेडियो सुनकर भी नोटस बनाया करते थे।

1999 में बने ग्रामसेवक, पहली पोस्टिंग सेतरउ गांव में

1999 में बने ग्रामसेवक, पहली पोस्टिंग सेतरउ गांव में

जोगाराम ने गांव गंगाला और बाड़मेर के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई की। 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद वर्ष 1999 में जोगाराम की सबसे पहले ग्राम सेवक के रूप में सरकारी नौकरी लगी। पोस्टिंग अपनी ही पंचायत समिति की सेतरउ गांव में मिली। ग्रामसेवक बनने के बाद भी जोगाराम ने मेहनत करनी जारी रखी है। स्‍वयंपाठी विद्यार्थी के रूप में कॉलेज की पढ़ाई पूरी की। फिर गांव और बाड़मेर में रहकर बिना कोचिंग के किताबों, पुस्तकालय, अखबारों और रेडियो पर बीबीसी सुनकर यूपीएससी की तैयारी की। छल साल बाद वर्ष 2005 में 62वीं रैंक पाकर होम कैडर राजस्‍थान में आईएएस बने।

छोटे भाई ने भी क्रैक की यूपीएससी

छोटे भाई ने भी क्रैक की यूपीएससी

बता दें कि जोगाराम के छोटे भाई शंकरलाल जांगिड़ भी यूपीएससी पास कर चुके हैं। ये 2013 के आईआरएस अफसर हैं। वर्तमान में पटना में पोस्‍टेड हैं। दूसरे भाई नाथूराम राजनीति में सक्रिय हैं। जोगाराम की शादी साल वर्ष 2001 में बाड़मेर की चौहटन पंचायत समिति के गांव घोनिया की मोहरी देवी से शादी हुई। इनका बेटा अमृत व बेटी शीतल है।

आईएएस जोगाराम जांगिड़ का सर्विस रिकॉर्ड

आईएएस जोगाराम जांगिड़ का सर्विस रिकॉर्ड

बता दें कि 2005 आईएएस बनने के बाद डॉ. जोगा राम झालावाड़ के एडीएम, अकरेला एसडीएम, यूआईटी उदयपुर के सीईओ, दौसा, झुंझुनूं, भरतपुर, जयपुर व कोटा के कलेक्‍टर, बीकानेर जिला परिषद सीईओ, जोधपुर विकास प्राधिकरण केआयुक्‍त, वित्‍त विभाग में संयुक्‍त सचिव, स्‍वायत्‍त शासन विभाग में शासन सचिव पद पर सेवाएं दे चुके हैं।

IAS Joga ram : बिना कोचिंग अफसर बने जोगाराम दो दिन पुराने अखबारों व रेडियो सुनकर करते थे तैयारीIAS Joga ram : बिना कोचिंग अफसर बने जोगाराम दो दिन पुराने अखबारों व रेडियो सुनकर करते थे तैयारी

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English summary
Jogaram Jangid of Barmer became IAS from Gramsevak now transferred to post of RUID Director
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