Rajasthan में समाधान की राह तलाशने में लगा कांग्रेस हाईकमान, पायलट बजट से पहले करेंगे जनसभाएं
राजस्थान में बजट से पहले पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की ताबड़तोड़ सभाओं को लेकर पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने सफाई दी है। रमेश ने कहा कि पार्टी हाईकमान ऐसा समाधान ढूंढेगा जो संगठन और पार्टी को मजबूत करेगा।
Rajasthan में कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री सचिन पायलट की 16 जनवरी से प्रदेश में सभाओं और जनसंपर्क की शुरुआत करने की घोषणा की पृष्ठभूमि में शुक्रवार को कहा कि राजस्थान में ऐसा समाधान ढूंढा जाएगा। जो संगठन के लिए फायदेमंद होगा और पार्टी को मजबूत करेगा। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे, राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और कई नेता कुछ हल ढूंढने में लगे हुए हैं। राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा में जो एकता, अनुशासन और एकजुटता हमें देखने को मिली है। उससे मुझे विश्वास है कि कोई ना कोई रास्ता निकल जाएगा। जो संगठन के लिए फायदेमंद होगा व्यक्तियों को छोड़िए।
नेताओं के लिए संगठन सर्वोपरि
पार्टी महासचिव ने यह भी कहा कि संगठन सर्वोपरि है। जो रास्ता खड़गे, रंधावा और सभी नेता ढूंढ निकालेंगे। वह कांग्रेस को मजबूत करेगा। व्यक्ति आएंगे व्यक्ति जाएंगे। राहुल गांधी ने साफ कहा है कि दोनों व्यक्ति मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट हमारी पार्टी के लिए मूल्यवान है। इससे अधिक और कुछ मैं नहीं कह सकता हूँ। पायलट ने गुरुवार को घोषणा की थी कि वह अगले सप्ताह राजस्थान में जनसभा और जनसंपर्क कार्यक्रमों की शुरुआत करेंगे।
बजट सत्र से पहले ताबड़तोड़ जनसभाओं की तैयारी
प्रदेश कांग्रेस में बजट सत्र से पहले सियासत गरमाने लग गई है। सचिन पायलट मारवाड़ और शेखावाटी में किसान सम्मेलन करने जा रहे हैं। पायलट समर्थक मंत्री और विधायक किसान सम्मेलनों की तैयारी में जुट गए हैं। 6 जनवरी को नागौर जिले के परबतसर में किसान सम्मेलन में पायलट शक्ति प्रदर्शन की शुरुआत कर रहे हैं। इसके बाद 18 जनवरी को झुंझुनू जिले के गुढ़ा क्षेत्र में पायलट की सभा रखी गई है। पायलट खेमे की मांगे अब तक पूरी नहीं हो पाई है। ऐसे में जनसंपर्क अभियान को पायलट का शक्ति प्रदर्शन माना जा रहा है। पायलट समर्थक नेता चुनाव से पहले फील्ड में सक्रियता और जनाधार दिखाना चाहते हैं। इसी रणनीति के तहत उनकी सभाएं और बड़ी गैदरिंग वाले प्रोग्राम बनाए जा रहे हैं। इन सभाओं के सीधे तौर पर सियासी मायने हैं। इसे विरोधी खेमे की ताकत दिखाने और उसका एहसास करवाने से भी जोड़कर देखा जा रहा है।
प्रदेश के 4 संभागों में ताकत दिखाने की कोशिश
पंजाब में राहुल गांधी की मुलाकात के बाद सचिन पायलट ने एक के बाद एक लगातार सभाएं करने का ऐलान किया। 16 जनवरी से लेकर 20 जनवरी तक आमसभा और संवाद के जरिए पायलट लोगों की नब्ज टटोलेंगे। साथ ही इन सभाओं में आने वाली भीड़ के जरिए आलाकमान को जनता में अपनी पकड़ दिखाएंगे। इसमें 16 जनवरी को पायलट नागौर के परबतसर, 17 जनवरी को हनुमानगढ़ के पीलीबंगा, 18 जनवरी को झुंझुनू के गुढ़ा, 19 जनवरी को पाली के बाली व सादड़ी में जनसभा करेंगे। 20 जनवरी को जयपुर में सचिन पायलट का महाराजा कॉलेज में युवाओं से संवाद का कार्यक्रम है। ऐसे में 5 दिन में सचिन पायलट 5 जिलों में अपनी ताकत दिखाएंगे।जिनमें नागौर, हनुमानगढ़, झुंझुनू, पाली और जयपुर जिला शामिल है। पायलट इन 5 जिलों के जरिए राजस्थान के 4 संभाग भी कवर करेंगे। जिनमें जोधपुर, बीकानेर, जयपुर और अजमेर शामिल है।