शिव ‘राज’ में उमा परेशान, गड़बड़ वोटर लिस्ट से कैसे होंगे निष्पक्ष चुनाव?
जबलपुर, 27 मई: मप्र में कभी शिवराज सरकार के ताकतवर विभाग में दो बार मंत्री रहे उमाशंकर गुप्ता चुनावी तैयारियों को लेकर बेहद परेशान है। उनकी सबसे बड़ी परेशानी वोटर लिस्ट में गड़बड़ियों को लेकर हैं। जिसमें उनका आरोप है कि मतदाता सूची में सैकड़ों मतदाताओं के नाम काट दिए गए हैं। नाम काटने के पीछे की वजह भी स्पष्ट नहीं है। ऐसी स्थिति में निष्पक्ष पारदर्शी चुनाव हो पाने पर कई तरह के सवाल है। इस सिलसिले में उमाशंकर गुप्ता ने राज्य निर्वाचन आयुक्त से भी मुलाकात की हैं। हालाँकि मुलाकात के अगले दिन ही पंचायत स्तरीय चुनाव का कार्यक्रम भी घोषित हो गया। विपक्ष ने भी प्रदेश के कई निकायों में मतदाता सूची पर आपत्ति जताना शुरू कर दी हैं।

उमाशंकर ने भोपाल दक्षिण पश्चिम विधानसभा का दिया हवाला
गृह मंत्री रह चुके बीजेपी के दिग्गज नेता भले ही अभी लूप लाइन में है। लेकिन उन्होंने एन चुनाव के मौसम में अपने विधानसभा क्षेत्र की मतदाता सूची की गड़बड़ी को लेकर नई बहस छेड़ दी है। बीजेपी नेताओं के प्रतिनिधिमंडल के साथ राज्य निर्वाचन आयुक्त के समक्ष की गई शिकायत में उमाशंकर ने बताया है कि उनके विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 152 की प्रकाशित मतदाता सूची में सभी बूथों के 46189 मतदाताओं के नाम जानबूझकर षडयंत्रपूर्वक हटा दिए गए है। जो गंभीर अनियमितता के साथ मतदाताओं के अधिकारों का हनन भी हैं। उनके द्वारा मांग की गई है कि वोटर लिस्ट की जांच कराई जाए, साथ ही उपयुक्त मतदाताओं को उक्त सूची में समायोजित किया जाए। पिछले विधानसभा चुनाव में इसी सीट से उमाशंकर गुप्ता को हार का मुंह देखना पड़ा था। वर्तमान में इस विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा है।

विपक्ष ने भी सुर में सुर मिलाना किया शुरू
वोटर लिस्ट में गड़बड़ी को लेकर बीजेपी ने भोपाल की उस विधानसभा सीट को टार्गेट किया है, जिस सीट पर पिछले चुनाव में भाजपा हार गई थी। जबलपुर में भी पूर्व विधानसभा सीट में पूर्व भाजपा विधायक अंचल सोनकर ने वर्तमान मतदाता सूची को लेकर आपत्ति जताई हैं। उनके अलावा प्रदेश के अन्य हिस्सों में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने मतदाता सूची को दुरुस्त करने अभी से मांग उठाना शुरू कर दिया हैं। जबलपुर में आम आदमी पार्टी के नेता मुकेश जायसवाल ने आरोप लगाया है कि निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता सूची अपडेशन में गड़बड़ियों को रोकने हर बार ठोस कदम उठाने की बात तो कही जाती है, लेकिन मैदानी स्तर पर वोटर लिस्ट बनाने के नाम खिलवाड़ ही रहा हैं। कांग्रेस का कहना है कि प्रदेश में सत्ता भाजपा की है, सरकारी तंत्र सत्ता के इशारे पर ही काम कर रहा हैं।

प्रदेशभर में 5 लाख से ज्यादा बढ़े मतदाता
जनवरी 2022 में मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन हुआ था। जिसमें मप्र में अब कुल मतदाताओं की संख्या पांच करोड़ 36 लाख 17 हजार 266 हो गई। पुरुष मतदाता दो करोड़ 77 लाख 89 हजार 621 जबकि, महिला मतदाता दो करोड़ 58 लाख 26 हजार 293 हैं। थर्ड जेंडर मतदाता एक हजार 352 है। सेवा मतदाताओं की संख्या 76 हजार 229 है। आंकड़ों के लिहाज से टोटल वोटर्स की संख्या में 5 लाख 23 की वृद्धि हुई। 11 लाख 30 हजार नए मतदाताओं के नाम सूची में शामिल किए गए, वहीं 6 लाख 30 हजार मतदाताओं के नाम उनकी मृत्यु, स्थान परिवर्तन या दोहरे पंजीकरण के कारण हटाए गए हैं। प्रदेश के चार बड़े जिलों में कुल मतदाताओं की संख्या क्रमशः भोपाल-19,90,053, इंदौर- 26,31,895, जबलपुर- 18,65,243, ग्वालियर- 15,69,136, उज्जैन- 14,91,718 लाख मतदाता हैं।

शुक्रवार को घोषित हो गया चुनाव कार्यक्रम, अब क्या होगा?
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कार्यक्रम की अधिकारिक घोषणा कर दी गई। मप्र के राज्य निर्वाचन आयुक्त ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव तारीखों का ऐलान कर दिया हैं। हालाँकि नगरीय निकाय का चुनाव कार्यक्रम अभी घोषित नहीं हुआ है। पंचायत चुनाव तीन चरणों में संपन्न कराने का निर्णय लिया है। राज्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा है कि वोटर लिस्ट में जहाँ गड़बड़ी की शिकायत है, नियम प्रक्रिया के तहत उन आपत्तियों की जांच की जायेगी फिर आयोग की निर्धारित गाइड लाइन के मुताबिक निर्णय लिए जाते है। मतदान के पूर्व निर्धारित वक्त में मतदाता सूची संसोधन का भी प्रावधान है।
ये भी पढ़े-आधार को वोटर ID से लिंक करने लिए जल्द आ सकता है नियम, जानें कैसे करेगा काम