दलालराज से भन्नाए जबलपुर कलेक्टर, मेडिकल हॉस्पिटल में बोला धावा डीन को फटकार
जबलपुर, 19 मई: संभाग के सबसे बड़े नेताजी सुभाषचन्द्र बोस मेडिकल सरकारी हॉस्पिटल की बदइन्तजमियां देख जबलपुर कलेक्टर भन्ना उठे। डीन समेत अस्पताल के विभिन्न विभाग के अधिकारियों को जमकर फटकार भी लगाई. औचक निरीक्षण करते हुए कलेक्टर डॉक्टर इलैयाराजा ने दो टूक कहा कि वक्त रहते व्यवस्थाएं सुधारो या फिर खुद मुझे ही सबकों सुधारने मजबूर होना पड़ेगा।
लचर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के लिए अक्सर बदनाम रहने वाले जबलपुर जिले के सरकारी अस्पतालों की स्थिति सुधारने अब खुद कलेक्टर निकल पड़े है। गुरूवार को छापामार शैली में जिला कलेक्टर डॉ इलैयाराजा नेताजी सुभाषचन्द्र बोस मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल पहुंचे तो हडकंप मच गया। केजुअल्टी, रसोईघर, ऑर्थोपेडिक, बायोलॉजी डिपार्टमेंट और जितनी भी महत्वपूर्ण जगह पर उन्होंने निरीक्षण किया, वहां बदइन्तजमियां ही पसरी नजर आई। उनका गुस्सा उस वक्त सातवें आसमान पर जा पहुंचा, जब अस्पताल के कुछ मरीजों ने एक के बाद एक शिकायतों की झड़ी लगाईं। कलेक्टर ने मौके पर ही अस्पताल के डीन को कड़े लहजे में व्यवस्थाएं सुधारने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि वक्त रहते व्यवस्थाएं सुधार ले, वरना वह अपने तरीके से सबको सुधारेंगे उन्होंने हॉस्पिटल में सक्रिय रहने वाले दलालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही के निर्देश भी दिए।
रीवा
मेडिकल
हॉस्पिटल
से
सबक
लो
नेताजी
सुभाषचन्द्र
बोस
मेडिकल
हॉस्पिटल
के
सभी
स्टाफ
से
कलेक्टर
ने
कहा
कि
रीवा
मेडिकल
हॉस्पिटल
में
भी
ऐसी
ही
मनमानी
चलती
थी.
मरीजों
का
भगवान्
भरोसे
इलाज
होता
था।
लेकिन
उनके
कार्यकाल
के
दौरान
जब
समझाइश
दी
गई
तो
पूरे
स्टाफ
ने
मेहनत,
लगन
के
बलबूते
अस्पताल
को
बेहतर
बना
दिया।
इससे
इलाज
के
लिए
अस्पताल
पहुँचने
वाले
मरीजों
में
सरकारी
अस्पतालों
के
प्रति
विश्वास
और
बढ़ा
है।
करोड़ों
का
फंड,
फिर
भी
सुविधाओं
के
फांके
मप्र
के
मेडिकल
हॉस्पिटल
हो
या
फिर
जिला
अस्पताल
उनके
उन्नयन
के
लिए
शासन
हर
साल
करोड़ों
के
बजट
का
प्रावधान
रखती
है।
स्वास्थ्य
सेवाओं
के
लिए
बजट
का
बड़ा
हिस्सा
इन्ही
अस्पतालों
के
लिए
होता
है।
बाबजूद
इसके
कई
विभाग
जीर्णशीण
हालत
में
है.
कलेक्टर
ने
डीन
से
अस्पताल
में
चल
रहे
विकास
कार्य
और
प्रस्तावित
अन्य
सुविधाओं
की
जानकारी
भी
तलब
की
है।
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