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जामदार की हार: आखिर कौन है आस्तीन के सांप?, BJP राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा के साले ने भी उठाये कई सवाल

एमपी के नगरीय निकाय चुनाव में बीजेपी को 6 नगर निगमों में महापौर की कुर्सी से हाथ धोना पड़ा है। इसका खामियाजा पार्टी को कितना भुगतना पड़ेगा यह तो आने वाला वक्त बताएंगा। उससे पहले जबलपुर में महापौर प्रत्याशी डॉ. जितेन्द्र

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जबलपुर, 21 जुलाई: मप्र के नगरीय निकाय चुनाव में 9 नगर-निगमों में महापौर और वार्ड पार्षदों की जीत से बीजेपी जहाँ गद-गद है, तो वही सीएम शिवराज की प्रतिष्ठा वाले जबलपुर के महापौर उम्मीदवार डॉ. जितेन्द्र जामदार की हार भाजपाइयों को हजम नही हो रही। इसको लेकर जबलपुर में सोशल मीडिया पर 'पोस्ट वॉर' छिड़ गया है। क्या छोटे-क्या बड़े सब एक दूसरे पर आरोपों की बंदूकें ताने हमला बोल रहे है। ख़ास बात यह है कि मैसेज की इस जंग में बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साले साहब ने भी एंट्री ले ली है।

सोशल मीडिया पर BJP की धांय-धांय !

सोशल मीडिया पर BJP की धांय-धांय !

एमपी के नगरीय निकाय चुनाव में बीजेपी को 6 नगर निगमों में महापौर की कुर्सी से हाथ धोना पड़ा है। इसका खामियाजा पार्टी को कितना भुगतना पड़ेगा यह तो आने वाला वक्त बताएंगा। उससे पहले जबलपुर में महापौर प्रत्याशी डॉ. जितेन्द्र जामदार की करारी हार का जिम्मेदार कौन है, इस पर द्वन्द मचा है। सोशल मीडिया पर भाजपाई अपनी पोस्ट के जरिए एक दूसरे के सिर हार का ठीकरा फोड़ने में लगे है। अभी तक फेसबुक, व्हाट्सएप ग्रुप्स में छोटे कार्यकर्ताओं का गुस्सा झलक रहा था,लेकिन अब बड़े नेता भी सोशल मीडिया के इस 'पोस्ट वॉर' में कूद पड़े है।

वाह रे...मीठा-मीठा गप कड़वा-कड़वा थू

डॉ. जामदार के महापौर चुनाव हार को लेकर पूर्व महापौर प्रभात साहू ने जब फेसबुक पर यह पोस्ट किया कि 'वाह रे मीठा-मीठा गप, कड़वा-कड़वा थू...डॉक्टर जामदार जी कैसे हार गए कौन जिम्मेदारी लेगा' ...तो यह पढ़कर कई पार्टी के कई नेताओं की नींद उड़ गई। उनकी इस पोस्ट पर कमेंट्स बॉक्स में एक के बाद एक मैसेज के धमाके होने लगे। कई लोगों के कमेंट्स के बीच बीजेपी नगर अध्यक्ष जीएस ठाकुर ने भी कमेंट्स करना शुरू कर दिया। उन्होंने प्रभात साहू को लिखा कि कई बड़े पदों पर रहने के बाद आपकी खीज किससे है? सोशल मीडिया पर इस आचरण को जीएस ने अमर्यादित भी बताया।

चेलों को लगाकर डलवा रहे पोस्टर !

चेलों को लगाकर डलवा रहे पोस्टर !

बीजेपी नगर अध्यक्ष की टिप्पणी का प्रभात साहू ने भी जबाब दिया। उन्होंने लिखा कि "सोशल मीडिया में समाचार पत्र में छपवा कर, आप जिस तरह से वाहवाही लूट रहे थे वह क्या उचित था? होना तो यह चाहिए था कि हम सब सामूहिक जवाबदारी लेते हैं और मनन करते । परंतु आपने अपने चेलों को लगाकर लगातार पोस्टर डालें । 44 पार्षद संगठन की दम पर जीत सकते हैं, तो फिर महापौर क्यों नहीं जीत सकता, यह एक बड़ा ज्वलंत प्रश्न है ।" प्रभात साहू के कमान से जब तीर निकल ही गया तो मर्यादित आचरण की सीख देने वाले नगर अध्यक्ष चुप कैसे रहते...उन्होंने जबाब में लिखा कि सोशल मीडिया पर समाचार की कटिंग भाजपा कार्यकर्ताओं ने डाली है,जो आपके लोगों के अनर्गल प्रलाप का जवाब होगा, किंतु इससे आपको क्या तकलीफ हुई, जो आपने यह पोस्ट डालकर संगठन की मर्यादा उछाल दी । कई बाते और लिखते हुए जीएस ठाकुर ने प्रभात साहू को आगे लिखा कि मर्यादा आपने भंग की है, मैं इस तरह के व्यवहार का पक्षधर नहीं हूं । "आपने तीर चलाए तो कोई बात नहीं, हमने जख्म दिखाए तो बुरा मान गए"

 राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साले की पोस्ट

राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साले की पोस्ट

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की जबलपुर में ही ससुराल है । उनके साले साहब डॉ. दीपंकर बनर्जी भी बीजेपी से जुड़े हुए है और उनकी माँ जयश्री बनर्जी सांसद रह चुकी है । दीपंकर बनर्जी ने पोस्ट करते हुए लिखा कि "महाकौशल प्रांत के केंद्र बिंदु जबलपुर शहर में डॉक्टर जितेंद्र जामदार जी के परिवार का पुश्तैनी सेवा और समाज जीवन का जीवंत संपर्क और संवाद रहा है। पहली बात डॉ जितेंद्र जामदार जी का व्यक्तित्व विशिष्ट है, वह महापौर का चुनाव लड़ने लायक थे ही नहीं। अतः किन परिस्थितियों में कैसे उन्हें चुनाव लड़वाया गया, यह अंदरूनी व्यवस्थाएं हो सकती है, वजह जो भी हो, किंतु डॉ जितेंद्र जामदार जी का चुनाव में नकारात्मक परिणाम आना बहुत बड़े चिंतन का विषय है। विशेषकर भारतीय जनता पार्टी और अन्य सभी श्रेष्ठ संपर्कित संगठनों के लिए। राजनैतिक व्यवस्था पूरी तरह से सड़ गल गई है, पूरी तरह से बैकफुट पर आ गई है, अतः समय रहते ठोस कार्य प्रणाली अगर नहीं अपनाई जाती है, तो वह दिन तो वह दिन दूर नहीं जब और भी विषमताएं संगठनात्मक दृष्टि से सामने आ सकती हैं। जिम्मेदार सोचे, विचार करें और समसामयिक परिणाम निकालें"।

आस्तीन के सांप कौन ?

आस्तीन के सांप कौन ?

खुले तौर पर महापौर प्रत्याशी के चुनाव हार पर मचे इस घमासान के बीच कई और दिग्गजों में मन में गुबार भरा है। सार्वजनिक होती इस कलह में प्रभात साहू की तरह लोग अब यह भी सवाल करने लगे है कि 44 वार्ड पार्षद जिताने का दंभ भरने वाले स्थानीय नेता, महापौर को क्यों नहीं जिता पाए? उन भितरघाती जयचंदों की खोजबीन कर कार्रवाई की मांग उठ रही है, जिन्होंने जामदार की हार में आस्तीन के सांप की तरह रोल अदा निभाया। सियासी गलियारें उठी इस आवाज में बीजेपी समर्थित जनता भी जानना चाहती है कि आखिर आस्तीन के सांप कौन है?

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English summary
Social media war defeat of BJP mayor candidate Dr. Jitendra Jamdar in Jabalpur
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