Police Recruitment: चंडीगढ़ पुलिस भर्ती फर्जीवाड़ा, आरोपियों में जबलपुर के आर्मी सेंटर में पदस्थ क्लर्क भी शामिल
चंडीगढ़ में ASI पुलिस भर्ती फर्जीवाड़े में बड़ा खुलासा हुआ है। पकड़े गए आरोपियों में एक आरोपी एमपी के जबलपुर आर्मी हेड क्वाटर में पदस्थ निकला। जिसने यहां नौकरी ज्वाइन करने के पहले बेरोजगारों के फर्जी फॉर्म भरवाए।
चंडीगढ़ में पुलिस भर्ती फर्जीवाड़ा के तार एमपी के जबलपुर से जुड़े है। ASI फर्जी भर्ती केस में पकड़े गए आरोपियों में एक आरोपी जबलपुर स्थित सेना के कार्यालय में कार्यरत है। अनिल कुमार नाम के आरोपी को पुलिस ने दो दिन की रिमांड पर लिया है। उसने अपना जुर्म कबूल करते हुए पुलिस को बताया है कि आर्मी में नौकरी लगने के पहले उसने कुछ बेरोजगार युवकों के पुलिस भर्ती के लिए फर्जी फॉर्म भरवाए थे।
पिछले दिनों चंडीगढ़ में उजागर हुए फर्जी ASI भर्ती केस में बड़ा खुलासा हुआ है। क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़े तीन आरोपियों में अनिल नाम का आरोपी एमपी के जबलपुर स्थित सेना के एक विभाग में पदस्थ है। आर्मी के 1 STC में क्लर्क के रूप में कार्यरत अनिल ने कई बरोजगार युवकों को गुमराह करके पुलिस में नौकरी का झांसा दिया था। रिमांड में लेकर आरोपियों से अब तक हुई पूछताछ में इस बात की भी जानकारी लगी है कि पूरा फर्जीवाड़ा एक साइबर कैफे की आड़ में किया जाता रहा।
122
कैंडिडेट
के
दो
फॉर्म
भरे
गए
पुलिस
जांच
में
पता
चला
है
कि
आरोपियों
के
गिरोह
ने
१२२
कैंडिडेट
के
दो-दो
फॉर्म
भरे
थे।
जिनसे
नौकरी
दिलाने
का
वादा
किया
गया
था
और
उनसे
मोटी
रकम
ऐंठी
गई।
गिरफ्तार
आरोपियों
में
अनिल
के
अलावा
नरेश,
हरदीप,
चंद्रकांत
हरियाणा
के
जींद
के
ही
रहने
वाले
है।
अनिल
ने
पुलिस
को
बताया
है
कि
जब
उसकी
आर्मी
में
नौकरी
नहीं
लगी
थी,
उस
दौरान
उसने
इस
करतूत
को
अंजाम
दिया।
चंडीगढ़
पुलिस
देश
के
अन्य
राज्यों
की
पुलिस
से
भी
आरोपियों
के
सिलसिले
में
रिकॉर्ड
पता
करवा
रही
है।
पुलिस
को
शक
है
कि
इस
गिरोह
ने
और
भी
जगह
पुलिस
भर्ती
में
लोगों
को
अपना
शिकार
बनाया
होगा।
वहीं
अनिल
की
गिरफ्तारी
के
बाद
जबलपुर
आर्मी
हेड
क्वाटर
में
हड़कंप
का
माहौल
है
।
इससे
पहले
भी
सेना
में
पदस्थ
रहे
कई
कर्मचारी,
सेना
में
या
फिर
पुलिस
में
भोले-भाले
युवकों
को
नौकरी
का
झांसा
देते
हुए
पकडे
गए
है।
सेना
के
इंटेलीजेन्स
ने
भी
अनिल
के
खिलाफ
गहराई
से
पड़ताल
शुरू
कर
दी
हैं
।
ये भी पढ़े-फर्जी दस्तावेज लगाकर सेना में भर्ती हुए थे, सागर कोर्ट से चार आरोपियों को 10-10 साल की सजा