हादसे का पन्ना: फोन पर बात हुई और डेढ़ घंटे बाद टीवी पर देखा बस खाई में गिर गई
पन्ना, 06 जून: उत्तरकाशी में हुए दर्दनाक हादसे से मप्र के पन्ना जिले में मातम पसरा हुआ है। 24 जिंदगियां खामोश हो गई । हादसे का शिकार हुए लोगों में मोहन्द्रा गांव के एक परिवार के चार लोग भी थे ।
पन्ना, 06 जून: उत्तरकाशी में हुए दर्दनाक हादसे से मप्र के पन्ना जिले में मातम पसरा हुआ है। 24 जिंदगियां खामोश हो गई । हादसे का शिकार हुए लोगों में मोहन्द्रा गांव के एक परिवार के चार लोग भी थे। घर वालों को जब हादसे की खबर लगी, उससे करीब डेढ़ घंटे पहले बेटी और दामाद ने बांके रामसखी से फोन पर बातचीत की। जिसमें रामसखी ने अपनी बेटी रंजना को कहा कि यह यात्रा स्वर्ग से बढ़कर है, टूर अच्छा है । अब घर वाले इस पूरी घटना से स्तब्ध है। उनका कहना है कि वह इस हादसे की कभी कल्पना भी नहीं कर सकते थे।
बेटी-दामाद से हुई बात फिर खाई में गिर गई बस
हर किसी को झकझोर देने वाले उत्तरकाशी जिले के डामटा बस हादसे ने तीर्थ यात्रा की खुशियों को मातम में तब्दील कर दिया । हादसें से दुखों का पन्ना भर गया । मप्र के पन्ना जिले के मोहन्द्रा गांव से चार धाम की यात्रा के लिए बांके बिहारी कट्ट्या समेत उनके परिवार के चार लोगों की भी मौत हो गई हैं। परिवार के लोगों ने चारों सदस्यों को बड़ी ख़ुशी से तीर्थ यात्रा के लिए रवाना किया था । 20 मई को 28 यात्रियों के साथ बांके बिहारी का परिवार निकला था । परिवार के लोग बांके बिहारी से हर रोज फोन पर हाल-चाल जानने फोन पर बात करते थे । रविवार की शाम को उनसे पन्ना में रह रही बेटी रंजना और दामाद ने फोन पर बात की । घर के चारों सदस्य बेहद खुश थे और उन्होंने रंजना को फोन पर कहा कि यात्रा अच्छी है, स्वर्ग जैसी अनुभूति होती हो रही है । लेकिन बात होने के करीब डेढ़ घंटे बाद ही घर वालों को बुरी खबर मिली । टीवी पर जब उन्होंने पन्ना के यात्रियों से भरी बस हादसे का समाचार देखा, तो घर में मातम पसर गया । घर के लोग भरोसा ही नहीं कर पा रहे थे कि डेढ़ घंटे पहले ख़ुशी के माहौल में हुई बातचीत मातम में बदल जाएंगी ।
मृतक बांके बिहारी को दोस्तों ने दोपहर को लगाया था फोन
मोहन्द्रा गांव में रहने वाले लक्ष्मण प्रसाद और राम सिंह ने हादसे वाले दिन दोपहर को फोन लगाया था। लेकिन नेटवर्क न मिलने के कारण कॉल नहीं लगा। लक्ष्मण का कहना है कि जब बांके बिहारी ने तीर्थ यात्रा जाने की योजना बनाई थी, तब उनसे भी बांके ने यात्रा में चलने बोला था। पर पारिवारिक व्यस्तता के कारण उन्होंने यात्रा में जाने से इंकार कर दिया। हर रोज सुबह शाम मिलने वाले दोनों दोस्त की अब जोड़ी टूट गई। लक्ष्मण का कहना है कि बांके बिहारी उनके हर दुःख-सुख का सहारा रहा। जिन बातों को वह किसी से नहीं कह पाता था, उसकी चर्चा बांके से ही करता था। फिर उचित सलाह भी मिलती थी।
यात्रा में जयकारे लगा रहे थे यात्री
ऋषिकेश से चार धाम यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ, बद्रीनाथ के निर्धारित सफ़र के मुताबिक 5 जून से ही चार धाम की यात्रा प्रारंभ की थी। इसके लिए बाकायदा 28 यात्रियों की यात्रा के लिए उत्तराखंड ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट से टिकिट बुक हुए। मृतक के घर वालों से फोन पर हुई बातचीत के मुताबिक यात्रा का पड़ाव शुरू हुआ तो बस में सवार सभी यात्री भगवान के जयकारे लगाकर आगे बढ़ रहे थे। उत्तराखंड की वादियों का लुत्फ़ उठा रहे थे। तभी अचानक पहले पड़ाव यमुनोत्री से लगभग 70 किलोमीटर पहले बस हादसे का शिकार हो गई। यात्रा का 6 जून को यमुनोत्री, 8 को गंगोत्री, 10 को केदारनाथ, 12 को बद्रीनाथ पहुँचने का शेड्यूल तय था।
आज पहुंचेंगे पार्थिव शरीर, गृह ग्राम में होगा अंतिम संस्कार
तीर्थ यात्रा बस हादसे में कुल 26 लोगों की मौत हुई हैं। 24 मृतक पन्ना जिले जबकि एक व्यक्ति छतरपुर जिले का है। अन्य मृतक एक ड्राइवर उत्तराखंड का ही रहने वाला है। मृतक परिवार के लोगों के लिए केंद्र-राज्य दोनों ही सरकारों ने आर्थिक मदद का ऐलान किया है। सोमवार की शाम तक सभी मृतकों के पार्थिव देह उनके गृह ग्राम पहुंचेंगे, जहाँ उनका अंतिम संस्कार होगा।